भरत झुनझुनवाला

डा. भरत झुनझुनवाला लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं सरकार की प्राथमिकता देश में कृषि उत्पादों के दामों को नियंत्रण में रखना है। देश की बड़ी आबादी शहर में रहती है। यह खाद्य पदार्थों को खरीद कर खाती है। गांव में रहने वाले कुछ परिवार भी खाद्य पदार्थ खरीद कर खाते हैं। देश की लगभग

डा. भरत झुनझुनवाला ( लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं ) वर्तमान में यह एक खुला प्रश्न है कि डिजिटल अर्थव्यवस्था से कर वसूली बढ़ेगी या नहीं। कहावत है कि ताले शरीफों के लिए लगाए जाते हैं। चोर तो ताले को खोलना जानता ही है। इसी प्रकार कच्चे पर्चे कारोबार करने वाले व्यापारियों के लिए

डा. भरत झुनझुनवाला लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं वित्त मंत्री ने छोटे उद्योगों द्वारा देय इन्कम टैक्स में कटौती की है। उनकी मंशा सही दिशा में है, परंतु छोटे उद्योग इन्कम टैक्स तब ही अदा करते हैं, जब वे जीवित रहें। वर्तमान में छोटे उद्योगों पर दोहरी मार पड़ रही है। एक तरफ मेक

डा. भरत झुनझुनवाला ( लेखक, आर्थिक विश्लेषक  एवं टिप्पणीकार हैं ) केंद्र सरकार के खर्चों को पूंजी एवं राजस्व श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है। पूंजी खर्चों में राफेल फाइटर प्लेन की खरीद, नई रेलवे लाइनों को बिछाना तथा हाई-वे बनाना आदि शामिल है। इनका विस्तार कम ही हुआ है। सरकार द्वारा जारी मिड टर्म

डा. भरत झुनझुनवाला ( लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं ) छोटे उद्योगों की मुख्य समस्या टैक्स दरों की है। इसे सुलझाने के बाद ही अन्य कदमों की सार्थकता है। सरकार को समझना चाहिए कि छोटे उद्योग देश की अर्थव्यवस्था में अहम सार्थक भूमिका निभाते हैं। पर्यावरण सुरक्षा के लिहाज से भी लघु उद्योग, बड़े

डा. भरत झुनझुनवाला ( डा. भरत झुनझुनवाला लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं ) सरकार द्वारा केवल वही सार्वजनिक माल उपलब्ध कराए जाते हैं, जिन्हें अमीर व्यक्तिगत स्तर पर हासिल नहीं कर सकता है, जैसे कानून व्यवस्था एवं करंसी। सरकार द्वारा उन सार्वजनिक माल को हासिल कराने में रुचि नहीं ली जाती है, जिन्हें अमीर

डा. भरत झुनझुनवाला ( लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं ) राज्य सरकारें घूस वसूलने के अधिकार को लेकर अड़ी हुई हैं और केंद्र सरकार के वीटो के अन्याय को स्वीकार कर रही हैं। राज्य सरकारों को चाहिए कि घूस वसूल करने का अधिकार केंद्र को दे दे। अपने कर अधिकारियों को केंद्र के अधिकारियों

डा. भरत झुनझुनवाला ( लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं ) अमरीका में ब्याज दरों के बढ़ने से इनके लिए अमरीका में ही निवेश करना लाभप्रद होगा। इनके द्वारा भारत से पूंजी निकालकर अमरीका वापस ले जाया जाएगा। बीते दिसंबर में हमारे शेयर बाजार के टूटने का यही कारण है। वर्ष 2017 में यदि फेड