पीके खुराना

पीके खुराना राजनीतिक रणनीतिकार मेरे एक मित्र श्री नीरज गोयल ने एक ऐप बनाया है जिसका नाम ही है ‘थैंक गॉड’। यह ऐप बिलकुल मुफ्त है। इस ऐप में कुछ नहीं बिकता। आप इसे प्ले स्टोर से मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं और जीवन की हर खुशी के लिए परमात्मा का धन्यवाद कर सकते

पीके खुराना राजनीतिक रणनीतिकार कारपोरेट कल्चर में सोशल रेस्पांसिबिलिटी की बात की जाती है, लाभ का दो प्रतिशत सामाजिक कार्यों पर खर्च करना कानूनन आवश्यक है। पंजाब इन बातों में एक कदम नहीं, कई कदम आगे है। पंजाब में गुरुद्वारा कल्चर है जहां 24 घंटे लंगर की व्यवस्था होती है। कोई भी जाए, उसे खाना

पीके खुराना राजनीतिक रणनीतिकार सफलता का चौथा महत्त्वपूर्ण सिद्धांत है उत्पादकता का नियम। इसके लिए दो मूलभूत आवश्यकताएं हैं। पहली तो यह कि हममें काम सही ढंग से पूरा करने के लिए आवश्यक योग्यता हो, यह योग्यता तकनीकी भी हो सकती है, इसे सीखना आपका काम है, लेकिन उत्पादकता से जुड़ा दूसरा पहलू है अनुशासन।

पीके खुराना राजनीतिक रणनीतिकार यदि असफलता को लेकर कुढ़न, चिंता और निराशा बढ़ जाए तो यह हताशा में बदल जाती है। हताश व्यक्ति का किसी काम में मन नहीं लगता, इसलिए वह कोई नया काम नहीं कर पाता और वह अपनी असफलता को स्थायी बनाकर हमेशा के लिए असफल हो जाता है। वहीं यदि हम

पीके खुराना राजनीतिक रणनीतिकार एक भूल से सीख लेकर किसी दूसरी भूल से दूर रहने में ही बुद्धिमानी है। हम हमेशा से यह पाठ पढ़ते आए हैं कि लालच बुरी बला है। कई बार हमारी महत्त्वाकांक्षा लालच में बदल जाती है। महत्त्वाकांक्षी होना गलत नहीं है, किसी भी चीज की अति होना गलत है। जब

पीके खुराना राजनीतिक रणनीतिकार कभी हमारे साथ कोई अन्याय हो जाता है या हमसे कोई भूल हो जाती है तो जीवन के उन कमजोर क्षणों में धीरज रखकर कुछ समय गुजर जाने देना सदैव श्रेयस्कर होता है। कुछ समय के बाद जब मन निर्मल हो जाए, अपमान की चोट या अपराध बोध कुछ कम हो

पीके खुराना राजनीतिक रणनीतिकार अनपढ़ किसान पिता करनैल सिंह व नसीब कौर की संतान कुलविंदर कौर ने गांव के अति साधारण से सरकारी स्कूल से प्राथमिक शिक्षा पूरी की, बाद में बीए किया और फिर एलएलबी की। इसके बाद 2011 में उन्होंने एलएलएम किया और अगले वर्ष यूजीसी-नेट क्लीयर किया। उसके बाद उन्होंने पंजाब सिविल

पीके खुराना राजनीतिक रणनीतिकार हमारा समाज विवाहेत्तर संबंधों को मान्यता नहीं देता। समाज में खुलापन आया है, लेकिन विवाहेत्तर संबंध अवैध हैं। पति-पत्नी के बीच दूरियां बढ़ी हैं, सहकर्मियों से मिलना-जुलना आम है, इंटरनेट ने सोशल नेटवर्किंग और डेटिंग साइट्स मुहैया करवाई हैं, परंतु वैवाहिक जीवन में ‘वो’ कभी सुखद नहीं रहा। इसकी परिणति या

पीके खुराना राजनीतिक रणनीतिकार यहां निवेश से मेरा आशय म्यूचुअल फंड या शेयरों की खरीददारी से नहीं है। यदि आपको इनकी बारीक जानकारी नहीं है तो मैं आपको म्यूचुअल फंड या शेयर बाजार में निवेश की सलाह नहीं दूंगा। यह निवेश ऐसे काम में होना चाहिए जहां आपकी व्यक्तिगत उपस्थिति आवश्यक न हो। ऐसे निवेश