प्रो. एनके सिंह

प्रो. एनके सिंह लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं केजरीवाल ने जो किया और जिस रास्ते पर वह चल रहे हैं, उसकी तर्कसंगत व्याख्या कोई नहीं कर सकता और कोई इसे न्यायोचित नहीं ठहरा सकता। उन्होंने पार्टी का चुनाव चिन्ह झाडू प्रयोग किया जिसका कोई अर्थ नहीं है क्योंकि इससे स्वच्छता अभियान

प्रो. एनके सिंह लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं राष्ट्रीय राइफल के एक युवा जवान औरंगजेब को उस समय मार दिया गया जब वह मुसलमानों में सबसे ज्यादा मनाए जाने वाले त्योहार ईद के लिए बिना हथियारों के अपने घर आ रहा था। उसका उसके घर पर शिद्दत के साथ इंतजार हो

प्रो. एनके सिंह लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं उन्होंने राष्ट्रवाद की परिभाषा, भाषा व भौगोलिक सीमा के उत्पाद के रूप में नहीं, बल्कि एक देश की संस्कृति व सभ्यता के रूप में की। उन्होंने कहा कि यूरोपीय राष्ट्रीय राज्यों से बहुत पहले भारत में सर्वेभवंतु सुखिना अर्थात सभी सुखी हों- के

प्रो. एनके सिंह लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं हमारे संविधान निर्माताओं को पंथनिरपेक्षता शब्द को संविधान में डालने की जरूरत महसूस नहीं हुई, लेकिन बाद में जब वोट की राजनीति का विकास हुआ तो इसे एक आदर्श के रूप में संविधान में शामिल कर लिया गया। इंदिरा गांधी ने इस शब्द

प्रो. एनके सिंह लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं मैं मुख्यमंत्री से अपील करना चाहूंगा कि हमें एक ऐसी विमानन नीति बनानी चाहिए, जो राज्य के विकासपरक हितों को समुचित रूप से संबोधित करे। हमें राजनीतिक नजरिए से विमानन नीति को नहीं देखना चाहिए। उचित स्थलों के बारे में सिफारिशें देने के

प्रो. एनके सिंह लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं कांग्रेस शासित राज्यों की घटती संख्या के कारण कर्नाटक, कांग्रेस के लिए जीवन-मरण का प्रश्न बन चुका था। सोनिया गांधी ने इस मामले को तुरंत सुलझाते हुए दक्षिण में भाजपा की राह रोक दी जिसका शेष भारत पर भी असर पड़ेगा। यह स्पष्ट

प्रो. एनके सिंह लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं मोदी को, जो कि हालांकि जीते हैं, अपनी जीत पर विनम्र होना चाहिए। इस जीत का जश्न उपद्रव के साथ नहीं, बल्कि गंभीरता के साथ मनाना चाहिए। हमने पूर्वोत्तर में कई कहानियां देखी हैं। त्रिपुरा में साम्यवादी ताकतों पर भाजपा की जीत का

प्रो. एनके सिंह लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं इन सब स्थितियों को ध्यान में रखते हुए तथा अब तक गतिविधियों का जो विकासक्रम चला है, उसे देखते हुए लगता है कि यूपीए को इतनी ज्यादा सीटें मिलने वाली नहीं हैं तथा उसे करीब 86 सीटें मिल सकती हैं। भाजपा तथा उसके

प्रो. एनके सिंह लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं सत्ता के खिलाफ लिखने या बोलने के खिलाफ किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया था, न ही किसी पर कोई पाबंदी लगाई गई थी। दूसरी ओर जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र राष्ट्र विरोधी नारे लगाने में संलिप्त रहे। उन्होंने भारतीय संसद