प्रो. एनके सिंह

प्रो. एनके सिंह ( प्रो. एनके सिंह लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं ) एक सामान्य सी अपेक्षा रहती है कि हर संवैधानिक एवं अन्य संस्थान स्वतंत्र व पारदर्शी रूप से कार्य करे। बेशक किसी भी संगठन की ढांचागत व्यवस्था उसमें निष्पक्ष प्रदर्शन की नींव डालती है, लेकिन न्याय के लक्ष्य को

प्रो. एनके सिंह ( प्रो. एनके सिंह लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं ) मोदी के विरोध में सक्रिय विदेशी मीडिया ने भी केंद्र सरकार के बजट का समर्थन किया है। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने बजट को ‘बहुत बढि़या’ बताया है, वहीं वाशिंगटन पोस्ट ने भी बजट पर सकारात्मक टिप्पणी की है।

प्रो. एनके सिंह ( लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं ) कई समीक्षक सवाल करते हैं कि क्या इस तरह से ट्रंप सफल हो पाएंगे, लेकिन अब वह सत्ता में हैं और वही करेंगे जो उन्होंने कहा था। ट्रंपवाद के उदय से समूचा वैश्विक परिदृश्य बदल रहा है। यह तो आने वाला

प्रो. एनके सिंह लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं इसमें हैरानी नहीं होनी चाहिए कि सैनिकों में इस तरह की असहमतियों को लेकर सोशल मीडिया पर विडीयो पोस्ट करने का जो सिलसिला शुरू हुआ था, उसे खत्म करने के लिए सेनाध्यक्ष को सख्ती के साथ आगे आना पड़ा है। इस प्रचलन पर

प्रो. एनके सिंह ( लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं ) जिस संयम के साथ देश की जनता ने पचास दिनों का इंतजार किया, वह अपने आप में एक अनूठी मिसाल थी। यह सामाजिक आचरण में आने वाला एक बड़ा बदलाव था। नोटबंदी के बाद सर्वोच्च न्यायालय तक देश में अराजकता पैदा

प्रो. एनके सिंह ( प्रो. एनके सिंह लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं ) आज भी कई ऐसे आलोचक हैं, जो मोदी और ट्रंप की तुलना हिटलर या तानाशाहों से करते रहते हैं, लेकिन उनकी यह आलोचना यथार्थ की कहीं दूर है। ये दोनों ही लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चुने गए हैं और