भूपिंदर सिंह

आज अनुराग ठाकुर देश के खेल मंत्री हैं। केंद्रीय योजनाओं को अधिक से अधिक हिमाचल प्रदेश में धरातल पर उतारा जा सकता है। इन प्रशिक्षण केन्द्रों पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता प्रदर्शन करवाने वाले अनुभवी प्रशिक्षकों को उत्कृष्ट प्रदर्शन करवाने की शर्तों पर अनुबंधित करना चाहिए ताकि हिमाचल प्रदेश की संतानों को भी हिमाचल

हमारे यहां कुछ स्तरीय विद्यालयों में फिटनेस कार्यक्रम तो हैं, मगर शारीरिक क्षमताओं को नापने के लिए कोई परीक्षण नहीं है। इस सबके लिए विद्यालय स्तर पर विद्यार्थियों की सामान्य फिटनेस का मूल्यांकन कर उसमें सुधार के लिए सुझाव देकर ‘फिटनेस मूल्यांकन व सुझाव’ कार्यक्रम की शुरुआत जल्द ही करनी चाहिए… कोरोना महामारी के भयानक

स्वाध्याय चौथा नियम है, जिससे कर्त्तव्य का बोध हो सके, मतलब शास्त्र का अध्ययन करना। महापुरुषों के वचनों का अनुपालन भी स्वाध्याय के अंतर्गत आता है। ईश्वर प्राणिधान पांचवां नियम है। ईश्वर के प्रति पूर्ण समर्पण व संपूर्ण श्रद्धा रखना। फल की इच्छा का परित्याग पूर्वक समस्त कर्मों का ईश्वर को समर्पण करना ईश्वर प्राणिधान

हिमाचल प्रदेश के पास आज से दो दशक पहले तक खेल ढांचे के नाम पर सैकड़ों साल पहले राजा-महाराजाओं द्वारा मेले व उत्सवों के लिए बनाए गए उंगलियों पर गिने जाने वाले कुछ मैदान चंबा, मंडी, अमतर, सुजानपुर, जयसिंहपुर, कुल्लू,  अनाडेल, रोहडू, सराहन, सोलन, चैल व नाहन में थे।  इन मैदानों पर हिमाचल प्रदेश की

प्रतिभा खोज के बाद पढ़ाई के साथ-साथ प्रशिक्षण के लिए अच्छी खेल सुविधाएं मुहैया कराई जानी चाहिए। इसके लिए राष्ट्रीय क्रीड़ा संस्थान की तर्ज़ पर अपना राज्य क्रीड़ा संस्थान हो। वहां पर हिमाचल प्रदेश के खिलाडि़यों को वैज्ञानिक आधार पर लंबी अवधि के प्रशिक्षण शिविर लगें तथा प्रदेश के शारीरिक शिक्षकों व पूर्व राष्ट्रीय तथा

इन खेल अकादमियों को अधिकतर पूर्व ओलंपियन चला रहे हैं और यहां से अच्छे खेल परिणाम भी मिल रहे हैं। इन अकादमियों में जो विशेष है, वह यह है कि यहां उच्च क्षमता वाला प्रशिक्षक लगातार उपलब्ध है। हिमाचल प्रदेश के पास आज विभिन्न खेलों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्ले फील्ड तैयार हैं। वहां

हिमाचल प्रदेश सरकार का शिक्षा मंत्रालय अपने यहां नियुक्त खिलाड़ी पृष्ठभूमि के अध्यापकों व कर्मचारियों को प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है… हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग ने अपने पूर्व में रहे खिलाड़ी शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों के लिए एक  पत्र निकाला है।  इस पत्र में शिक्षा निदेशालय ने शौकिया प्रशिक्षण करवाने वाले

पांच दशक पहले भी राष्ट्रीय स्तर से फिटनेस जागरूकता के लिए इस तरह के कार्यक्रम चले थे, मगर शिक्षा राज्य सूची का विषय होने के कारण बाद में धीरे-धीरे खत्म हो गए थे। अब फिर फिटनेस टैस्टिंग की बात हो रही है, मगर धरातल पर कुछ भी नहीं है… शिक्षा संस्थान में विद्यार्थी जीवन से

पद्मश्री शूटर विजय कुमार  की टोली ने प्रशिक्षण के बारे में अपने विचार पेश करते हुए कहा कि चल रहे खेल छात्रावासों में सुधार किया जाएगा तथा राज्य में नई हाई परफॉर्मेंस अकादमियों को खड़ा किया जाएगा। इन अकादमियों में अच्छी प्ले फील्ड व जिम के साथ-साथ अच्छे प्रशिक्षकों का नियुक्त होना भी जरूरी है।