डा. जयंतीलाल भंडारी

इसमें कोई दो मत नहीं हैं कि यदि सभी गरीब और विकासशील देशों की पहुंच वैक्सीन तक संभव नहीं हो सकी, तो विश्व मानवता और विश्व अर्थव्यवस्था को नुकसान उठाना पड़ेगा। यदि गरीब और मध्यम आय वर्ग वाले देशों को वैक्सीन नहीं मिली तो दुनिया के करोड़ों लोगों को कोरोना की पीड़ाओं से बचाना और

कोरोना संक्रमित लॉकडाउन और लॉकडाउन जैसे प्रतिबंधों वाले राज्यों में एमएसएमई को बिके हुए माल का भुगतान नहीं मिल पा रहा है। ऐसी स्थिति में उन्हें बैंकों के कर्ज चुकाने के लिए अतिरिक्त समय की आवश्यकता होगी। ऐसा नहीं करने पर अधिकतर एमएसएमई के सामने एनपीए वर्ग में शामिल हो जाने का खतरा है। ऐसे

इसके साथ-साथ उद्योग-कारोबार से जुड़े मध्यम वर्ग की मुश्किलें कम करने के लिए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की पेचीदगियां कम की जानी होंगी। एमएसएमई को संभालने के लिए एक बार फिर से सरकार के द्वारा ब्याज राहत की डगर पर आगे बढ़ना होगा। एक बार फिर से रिजर्व बैंक के द्वारा छोटे कर्जधारकों के

अब देश में नई ई-कॉमर्स नीति तैयार करते समय सरकार का दायित्व है कि ई-कॉमर्स से देश की विकास आकांक्षाएं पूरी हों तथा बाजार भी विफलता और विसंगति से बचा रहे। नई ई-कॉमर्स नीति के तहत सरकार के द्वारा देश के बढ़ते हुए ई-कॉमर्स बाजार में उपभोक्ताओं के हितों और उत्पादों की गुणवत्ता संबंधी शिकायतों

अब संक्रमण को रोकने के लिए उन लोगों का टीकाकरण करना भी उतना ही महत्त्वपूर्ण है जो संक्रमण के उच्च जोखिम में हैं। उन लोगों की रक्षा करना भी महत्त्वपूर्ण है जिन्हें काम के लिए घरों से बाहर निकलना पड़ता है। ऐसे में खुदरा और ट्रेड जैसे क्षेत्रों में काम कर रहे लोगों की कोरोना

यद्यपि सरकार भारत को चीन के बाद दुनिया का दूसरा बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की डगर पर आगे बढ़ रही है, लेकिन इस चुनौतीपूर्ण लक्ष्य को पाने के लिए भारत को कई बातों पर ध्यान देना होगा। मैन्युफैक्चरिंग के प्रोत्साहन के लिए लागत घटाने का प्रयास किया जाना होगा। चूंकि कई उत्पादों के निर्माण के

इन विभिन्न बाधाओं के निराकरण से भारत में खिलौना उद्योग को तेजी से आगे बढ़ाया जा सकेगा। हम उम्मीद करें कि सरकार देश को खिलौनों का वैश्विक हब बनाने और खिलौनों के वैश्विक बाजार में चीन को टक्कर देने की रणनीति को शीघ्र आकार देने की डगर पर तेजी से आगे बढ़ेगी। हम उम्मीद करें

ऐसे में अब नई श्रम संहिताओं को मुठ्ठियों में लेकर भारत विनिर्माण में तेजी से आगे बढ़ सकेगा। हम उम्मीद करें कि देश नई चार चमकीली श्रम संहिताओं से उत्पादन वृद्धि, निर्यात वृद्धि, रोजगार वृद्धि और विकास दर के ऊंचे लक्ष्यों को प्राप्त करने की डगर पर आगे बढ़ेगा और इससे भारत दुनिया का नया

नए बजट में महंगाई पर नियंत्रण और नई मांग का निर्माण करने की रणनीति है। कोरोना वायरस से बचाव के लिए टीकाकरण एवं अन्य स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च में भारी वृद्धि की गई है। नए बजट के इन प्रावधानों के शुरुआत से क्रियान्वयन से अर्थव्यवस्था सुधार की राह पर आगे बढ़ेगी। इसी तरह वित्तमंत्री ने

निश्चित रूप से मैकेंजी की बदलते हुए वैश्विक रोजगार से संबंधित रिपोर्ट के मद्देनजर देश में डिजिटल रोजगार के मौकों को बढ़ाने और वैश्विक स्तर पर डिजिटल रोजगार के मौकों को बड़ी संख्या में प्राप्त करने के लिए अभी से ही रणनीतिक कदम उठाए जाने जरूरी हैं। तभी नए अवसर नई पीढ़ी की मुट्ठियों में