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अजय पाराशर लेखक, सूचना एवं जन संपर्क विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय, धर्मशाला में उप निदेशक हैं इसके अलावा कोई विकास योजना भी तब तक सफलता अर्जित नहीं कर सकती, जब तक स्थानीय लोग उसमें आवश्यक सहयोग प्रदान न करें। ऐसे में नशे को राज्य से जड़ से उखाड़ने के लिए न केवल क्रियान्वयन एजेसियों को

डा. भरत झुनझुनवाला लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं हमने बगल में दीवारें बनाकर नदी को यू शेप में बदल दिया है। पानी बढ़ने पर नदी का क्रॉस सेक्शन अब बढ़ता नहीं है। खड़ी दीवारों के बीच में ही नदी को बहना पड़ता है। अतः नदी इन दीवारों को शीघ्र ही पार कर लेती है

अनुज कुमार आचार्य लेखक, बैजनाथ से हैं जैविक खाद अपनाकर सब्जियां उगानी होंगी और भोजन को व्यर्थ फेंकने से बचाना होगा। अधिक से अधिक सोलर कुकर का इस्तेमाल करना होगा और वाहन प्रदूषण को नियंत्रित रखना होगा। पानी की बूंद-बूंद बचाने तथा कपड़े के थैले इस्तेमाल करने जैसे कारगर पग उठाने होंगे… भारतीय संस्कृति में

भूपिंदर सिंह लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं जिन-जिन महाविद्यालयों में जिस-जिस खेल की सुविधा है, वहां पर उस खेल का विंग चला देना चाहिए। इससे जहां खिलाड़ी को वैज्ञानिक ढंग से प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षक मिलेगा, वहीं पर उसे ठीक तरह से खाने, रहने की व्यवस्था भी अपने महाविद्यालय में ही मिल जाएगी…

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं ताज्जुब है जिन माओवादियों ने सोनिया कांग्रेस के विद्याचरण शुक्ल और महेंद्र कर्मा की नृशंस हत्या कर दी, उन्हीं षड्यंत्रों में लिप्त लोगों की जांच-पड़ताल जब जांच अभिकरण करना चाहते हैं, तो राहुल गांधी भी इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रहार मानते हैं। विपक्षी एकता की अद्भुत

प्रो. एनके सिंह लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं पंचायत चुनाव के बहिष्कार की फारूक अब्दुल्ला की धमकी तथा इसी प्रकार की अन्य धमकियां सुप्रीम कोर्ट की कार्यप्रणाली में बाधक नहीं बननी चाहिए। यह समझने योग्य है कि फारूक अब्दुल्ला सोचते हैं कि यह उनके परिवार के सम्मान का मामला है क्योंकि

कर्म सिंह ठाकुर लेखक, मंडी से हैं हिंदी भाषा विश्व में चीन के बाद सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। भारत और विदेशों में करीब 50 करोड़ लोग हिंदी बोलते हैं तथा इस भाषा को समझने वाले लोगों की संख्या करीब 90 करोड़ है। सूचना प्रौद्योगिकी के इस युग में हिंदी का प्रचार-प्रसार खूब फलता-फूलता

पीके खुराना लेखक, वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार और विचारक हैं शहाबुद्दीन याकूब कुरैशी ने इस बहस को शुरू करते हुए ‘दि हिंदू’ को दिए अपने इंटरव्यू में आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली का पक्ष लिया। उन्होंने चुनाव प्रणाली से जुड़े कई और मुद्दों पर भी बात की और कहा कि अब चूंकि चुनाव आयोग ने सर्वोच्च न्यायालय को

डा. भरत झुनझुनवाला लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में दायर की गई एक याचिका में केरल सरकार ने कहा है कि पर्यावरण मंत्रालय द्वारा इस संस्तुति के अनुसार पर्यावरणीय प्रवाह छोडऩे की शर्त लगाई जा रही है। इसके सामने चार साल बीत जाने के बाद भी वर्तमान में चल रहे जल