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भूपिंदर सिंह लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं हिमाचल पुलिस में आज खिलाड़ी जवानों के प्रशिक्षण व अन्य खेल सुविधाओं का कोई प्रबंध नहीं है। उच्च स्तरीय खेल परिणाम प्राप्त करने के लिए पूरा वर्ष लगातार प्रशिक्षण कार्यक्रम कई वर्षों तक चलाने की बेहद जरूरत होती है, मगर आज पुलिस में खिलाडि़यों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम

पीके खुराना लेखक, वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार और विचारक हैं मैं अमरीकी प्रशासनिक प्रणाली को लागू करने की वकालत करता हूं। अमरीकी राष्ट्रपति देश का मुखिया तो होता है, लेकिन कानून बनाने में उसकी कोई भूमिका नहीं होती, कानून सिर्फ संसद बनाती है। राष्ट्रपति, संसद द्वारा बनाए गए कानूनों को लागू करता है और उनके अनुसार

डा. भरत झुनझुनवाला लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं बैंकों के राष्ट्रीयकरण का उद्देश्य आज उलट  चुका है। बैंकों का राष्ट्रीयकरण इसलिए किया गया था कि सामान्य नागरिक को बैंक द्वारा अधिक मात्रा में ऋण दिए जाएंगे, जिससे उसकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो, लेकिन आज ठीक इसके उलट हो रहा है। आम आदमी पर

अनुज कुमार आचार्य लेखक, बैजनाथ से हैं पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा पिछले 3 शैक्षणिक सत्रों 2015-16, 2016-17 और 2017-18 के लिए प्रदेश के होनहार विद्यार्थियों जो कि सैनिक स्कूल में पढ़ रहे हैं, को स्कॉलरशिप ही नहीं दी गई है। यह बेहद दुखद एवं निंदनीय है कि इस सैनिक स्कूल में पढ़ने वाले सैकड़ों मेधावी

कुलदीप नैयर लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं वह एक ऐसी कमजोर विकेट पर खड़े हैं कि अगर वह इस तरह का आश्वासन दे भी देते हैं तो उन्हें तब तक गंभीरता से नहीं लिया जाएगा जब तक सेना प्रमुख उनके रुख का स्पष्ट समर्थन नहीं करते हैं। वर्तमान में इस तरह के कोई संकेत उभरते नहीं

कुलभूषण उपमन्यु अध्यक्ष, हिमालयन नीति अभियान आज वनों से हमारी मुख्य मांग पर्यावरण संतुलन और स्थानीय समुदायों की जरूरतों को पूरा करना है। जैसे-जैसे औद्योगीकरण बढ़ेगा, हमें ज्यादा से ज्यादा वृक्षों की जरूरत शुद्ध वायु के निर्माण के लिए होगी। इसलिए ऐसे वृक्षों के रोपण को महत्त्व देना पड़ेगा, जो बिना काटे ही आजीविका में सहयोग

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं अंबेडकर भीषणतम परिस्थितियों की आग से तपकर निकले थे। समाज में से मिले अपमान के कारण गुस्से में भी थे, लेकिन अंतिम क्षण तक राष्ट्रहित के लिए लड़ते रहे। अंबेडकर बाहर और भीतर से एक समान थे। उनके पास छुपाने के लिए कुछ नहीं था। राजनीति उनके

प्रो. एनके सिंह लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं अगर कांग्रेस यह जानना चाहती थी कि उसके भावी सहयोगी कौन-कौन हो सकते हैं तथा 2019 में उसकी कितनी संभावनाएं हैं, तो वह इसके लिए बेहतर नियोजन व समन्वय कर सकती थी। सदन में पूरी की पूरी चर्चा सीधे राहुल गांधी व नरेंद्र मोदी

भूपिंदर सिंह लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं अब भारत सरकार के खेल मंत्रालय ने खेलो इंडिया नामक योजना के अंतर्गत प्रतिभा खोज से चयनित लगभग एक हजार किशोर खिलाडि़यों को विभिन्न खेलों के लिए हर वर्ष चिन्हित कर, उन्हें अगले आठ वर्षों तक पांच लाख रुपए सालाना वजीफा देकर उनके खेल को उच्चतम स्तर तक