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भूपिंदर सिंह लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं खेलों के लिए खेल संविधान धन का प्रावधान खेल विभाग के पास है, खिलाड़ी विद्यार्थी राज्य शिक्षा विभाग के विद्यालयों में है तथा खेलों की मान्यता प्राप्त खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन व उनके नियमों का जिम्मा खेल संघों पर है। इसलिए प्रदेश में इन तीनों संस्थाओं का आपस

पीके खुराना लेखक, वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार और विचारक हैं हमारी सरकारें अकुशलता की प्रतिमूर्तियां हैं। असंवेदनशील नौकरशाही और जनता से कटे नेतागणों की सरकार किसी समस्या का समाधान नहीं, बल्कि खुद एक समस्या है। प्रशासन और सरकारें तभी प्रभावी हो सकती हैं, यदि वे स्थानीय स्तर पर जनता से जुड़ सकें और जनता की समस्याओं

हमारे विकल्प ये हैंः वर्तमान धर्मनिरपेक्षता जारी रखें, अमरीका जैसी धर्मनिरपेक्षता अपनाएं, धर्म राज्य की स्थापना करें, या कुछ नया तैयार करें। भारत की मौजूदा स्थिति, जहां सरकार खुलकर धार्मिक गतिविधियों में शामिल हो सकती है, स्पष्टतया कामयाब नहीं है। इससे हर तरफ तुष्टिकरण, वोट-बैंक की राजनीति और आक्रोश पैदा हुआ है। परंतु धर्म राज्य

डा. भरत झुनझुनवाला लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं इसी प्रकार किसान फ्री या सस्ती बिजली उपलब्धता से किसान पानी की अधिक खपत करने वाली फसलों की खेती कर रहा है। प्रश्न उठता है कि पूर्व में ही मर रहे किसान पर पानी के दाम बढ़ाकर अतिरिक्त बोझ डालना क्या उचित होगा? इस समस्या का

कुलदीप नैयर लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गांधी जी का सम्मान करते हैं तथा ‘सबका साथ सबका विकास’ का नारा देते हैं। परंतु उनकी पार्टी का लक्ष्य इसके विपरीत है। मोदी उस वक्त कई लोगों को निराश करते हैं जब वह आरएसएस हाई कमान से विचार-विमर्श करने के लिए नागपुर जाते हैं। विशेषकर

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं बुखारी और औरंगजेब की हत्या के बाद महबूबा मुफ्ती को कोई साहसिक निर्णय लेना था। उसकी पार्टी को अब कौन सा रास्ता चुनना है, अलगाववादियों की सहानुभूति से सीटें जीतने का पुराना रास्ता या फिर शांति स्थापना का नया रास्ता।  लेकिन लगता है वह निर्णय नहीं कर पाई

प्रो. एनके सिंह लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं केजरीवाल ने जो किया और जिस रास्ते पर वह चल रहे हैं, उसकी तर्कसंगत व्याख्या कोई नहीं कर सकता और कोई इसे न्यायोचित नहीं ठहरा सकता। उन्होंने पार्टी का चुनाव चिन्ह झाडू प्रयोग किया जिसका कोई अर्थ नहीं है क्योंकि इससे स्वच्छता अभियान

अनुज कुमार आचार्य लेखक, बैजनाथ से हैं खेल विश्वविद्यालय की स्थापना होने से हिमाचली युवाओं को प्रदेश के भीतर ही शारीरिक शिक्षा में स्नातक, स्नातकोत्तर और डिप्लोमा कोर्स करने की सुविधा मिलेगी। पहाड़ी राज्य के प्रतिभाशाली खिलाडि़यों को खेल कला में निष्णात बनाने के दृष्टिगत प्रदेश सरकार की खेल एवं शारीरिक शिक्षा विश्वविद्यालय खोलने की

पीके खुराना लेखक, वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार और विचारक हैं यदि आनुपातिक प्रतिनिधित्व की प्रणाली लागू हो जाए, तो यह चुनाव सुधार की ओर एक बड़ा कदम होगा और हर जायज-नाजायज तरीके से वोट खरीदने की आवश्यकता ही समाप्त हो जाएगी। सिस्टम यदि मजबूत हो, तो नैतिक मापदंडों से जीता हुआ उम्मीदवार अपने बाद के जीवन