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समझना होगा कि कच्चे घरों में रहने वाले और आवासविहीन लोगों का जीवन अत्यंत कष्टमयी होता है। उन्हें अपना शौचालय, पेयजल और कुल मिलाकर सम्मानित जीवन नहीं नसीब होता। पक्का घर और उसके साथ शौचालय और पेयजल, जिसकी व्यवस्था भी सरकार द्वारा साथ-साथ की जा रही है, देश में गरीबी की रेखा के नीचे रहने

देश के द्वारा दुनिया का नया आपूर्ति केंद्र बनने, अधिक विदेशी निवेश और अधिक निर्यात की संभावनाएं मुठ्ठियों में लेनी होगी। दुनिया के विभिन्न देशों के साथ शीघ्रतापूर्वक मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) को आकार देना होगा… इन दिनों प्रकाशित हो रही वैश्विक आर्थिक एवं वित्तीय रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि इस वित्त वर्ष

कई तरह के रसायनयुक्त फ्लेवर पेश करके हुक्का बारों में युवाओं का इस्तकबाल पूरी शिद्दत से होता है। स्वास्थ्य के लिहाज से खतरनाक मादक धुआं हुक्का बारों के जरिए युवावर्ग को आकर्षित करके नशे की दलदल में धकेल रहा है। हुक्का बार व रेव पार्टियों का आयोजन इसके संचालकों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा

गुलाब सिंह ने जम्मू के पहाड़ी व मैदानी क्षेत्रों को एक प्रशासन के नीचे लाने का महत्त्वपूर्ण कार्य किया। रणजीत सिंह की मृत्यु के बाद लाहौर दरबार आपसी कलह से कमजोर हो गया। ईस्ट इंडिया कम्पनी ने पंजाब पर कब्जा कर लिया। उस समय सारा पंजाब जो मोटे तौर पर सप्त सिन्धु के सम्पूर्ण क्षेत्र

क्या खेल विभाग इन सरकारी कर्मचारियों को प्रशिक्षण के लिए मंच उपलब्ध नहीं करवा सकता है… किसी भी विभाग में दक्षता तभी आती है जब उस विभाग के कर्मचारी व अधिकारी भी उसी विषय में परांगत हो। खेल जैसे प्रायोगिक विषय में तो खिलाडिय़ों की भागीदारी हर स्तर पर बहुत ही जरूरी हो जाती है,

पत्नियां पैसा कम और पति का साथ ज्यादा चाहती हैं और पति यह मानते रह जाते हैं कि यदि उनके पास धन होगा तो वे पत्नी के लिए सारे सुख खरीद सकेंगे, बिना यह समझे कि उनकी पत्नी की भावनात्मक आवश्यकताएं भी हैं और उनकी पूर्ति के लिए उन्हें पति के पैसे की नहीं, बल्कि

इस जलवायु को शुद्ध और साफ बनाए रखने की जिम्मेदारी केवल प्रकृति की ही नहीं है, बल्कि इनसान को अपने इस कत्र्तव्य के प्रति सजग रहने की जरूरत है। इनसान कई बार अपने छोटे-छोटे फायदे के लिए कुदरत की इस दरियादिली को नजरअंदाज करते हुए प्रकृति के साथ बहुत बेरहमी से पेश आता है। यही

यह आवश्यक है कि विद्यालय में पाठ्यक्रम और कार्यक्रमों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण में विद्यालयों की भूमिका को सुनिश्चित किया जाए… इस बार भी विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को मनाया गया। इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करना है। हालांकि आज के औद्योगीकरण के दौर में

प्राकृतिक संसाधनों का संतुलित उपयोग एवं उपभोग होने के साथ उसका संरक्षण करना बहुत ही आवश्यक है, अन्यथा आने वाली पीढ़ी हमें इस प्राकृतिक अत्याचार के लिए कोसेगी… जब भी जीवन में कुछ अप्राकृतिक घटित होने लगता है तो मानवीय चिंताएं बढऩे लगती हैं। मनुष्य की वृति है कि जब तक सब कुछ ठीक चल