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कॉलेज छात्रों को पढ़ाई-लिखाई के बाद भी काम न मिलने के कारण, बढ़ती बेरोजगारी के चलते या फिर कुछ लोगों की असंतुष्ट यौन इच्छाएं इत्यादि कारणों से, चाहे कोई भी हो, जब तक इस विकृति की डिमांड बनी रहेगी, पुरुष वेश्याओं का वजूद भी शायद बना रहेगा…. उच्च शिक्षा से जुड़े लोगों के लिए हतप्रभ

कई मामलों में पुराने कर्ज चुका कर नए ऋण कम ब्याज पर लिए जा सके थे। ऐसे में सरकार पर ऋण का बोझ कम हो गया था। कहा जा सकता है कि सरकारी कर्ज के बोझ को कम करने हेतु ब्याज दरों में कमी जरूरी है… पिछले कुछ दिनों से मीडिया और सोशल मीडिया में

देश को बर्तानियां हुकूमत की दास्तां से मुक्त कराने के लिए सरफरोशी की तमन्ना के साथ तख्ता-ए-दार पर झूलने वाले भारत के इंकलाबी चेहरों का मकसद हिंदोस्तान की सरजमीं से केवल अंग्रेजी निजाम को रुखसत करना ही नहीं था बल्कि आज़ादी के परवाने उन तमाम व्यवस्थाओं को हटाना चाहते थे जो मुगल आक्रांताओं व अंग्रेजो

हम उम्मीद करें कि प्रवासी भारतीय वर्ष 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे… यकीनन पिछले माह जनवरी में संपन्न हुए प्रवासी भारतीय सम्मेलन के बाद प्रवासी भारतीय दुनियाभर में भारत को अगुआ बनाए जाने के अभियान में जुट गए हैं। ज्ञातव्य है कि 8 से 10 जनवरी तक इंदौर में

हिमाचल प्रदेश की कला-संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए विशेष बजट का प्रावधान किया जाना चाहिए। कलाकारों को आर्थिक रूप से सबल बनाया जाना चाहिए… सामान्य शब्दों में संस्कारों की ऐसी एक सुकृति जो हमारी जीवन शैली को सरल, सौम्य, सभ्य, शिष्ट तथा सुंदर बनाती है, संस्कृति कहलाती है। संस्कृति एक विशाल शब्द है

वैसे पार्टी में सभी को उनकी हैसियत बताने के लिए वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने इसके लिए ‘राम की खड़ाऊं’ वगैरह का उदाहरण भी दिया। इसके साथ ही राहुल गांधी कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक की पद यात्रा करने के लिए घर से निकले। इसका भी उद्देश्य यही था कि लोग राहुल गांधी को भी

इस बरबादी को अभी से रोकना होगा। तभी हम आने वाली पीढिय़ों से न्याय कर सकंेगे… देश में हो रही लड़कियों की क्रिकेट लीग में हिमाचल प्रदेश महिला क्रिकेट खिलाडिय़ों की बहुत बल्ले बल्ले हो रही है। सीजन के लिए करोड़ों मैच फीस मिलना बहुत बड़ी उपलब्धि है। इस सब के लिए अनुराग ठाकुर के

डेल कार्नेगी की पुस्तक ‘हाउ टु विन फ्रेंड्स एंड इन्फ्लुएंस पीपल’, राबर्ट कियोसाकी की पुस्तकें ‘रिच डैड, पुअर डैड’ तथा ‘कैशफ्लो क्वाड्रैंट’ और सूज़ी वेल्च की ‘दस मिनट, दस महीने, दस साल’ उन विश्व प्रसिद्ध पुस्तकों में से हैं जो हमारा जीवन संवार सकती हैं, बल्कि जीवन बदल सकती हैं। इन सभी पुस्तकों के हिंदी

मेडिकल प्रोफेशन के एक अच्छी फील्ड होने के साथ-साथ इसमें सेवा भाव भी होता है। इसमें काम करके डॉक्टर बेहद खुश होते हैं। हर डॉक्टर अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करता है। पर अब डॉक्टर और मरीज के बीच बदलाव देखने को मिल रहा है। मरीजों में डाक्टरों के प्रति विश्वास कम हो