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यह सही है कि भारत समेत दुनिया के मुल्क यह मानते हैं कि दुनिया में शांति पुन: स्थापित होनी चाहिए, रूस को अब इस युद्ध को बंद करना चाहिए। उनकी संवेदनाएं यूक्रेन के लोगों के साथ हैं, लेकिन साथ ही साथ दुनिया के मुल्क अमरीका और यूरोप के देशों द्वारा लगाए जा रहे आर्थिक प्रतिबंधों

कारगिल साजिश का पर्दाफाश करके शहादत देने वाले कै. सौरभ कालिया व उनके साथियों की हत्या के इंतकाम का अज्म बरकरार है। उन शूरवीरों को न्याय का विकल्प सैन्य कार्रवाई से उसी अंदाज में होना चाहिए। कारगिल विजय दिवस पर देश अपने जांबाजों को शत्-शत् नमन करता है… इतिहास साक्षी रहा है कि शूरवीरता के

हम उम्मीद करें कि 11 जुलाई को आरबीआई के द्वारा भारत और अन्य देशों के बीच व्यापारिक सौदों का निपटान रुपए में किए जाने संबंधी जो महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया गया है, उससे इस समय डॉलर संकट का सामना कर रहे दुनिया के विभिन्न देशों के साथ भारत का विदेश व्यापार तेजी से बढ़ेगा… यकीनन इस

भारत भौगोलिक दृष्टि से भी बड़ा होने के कारण अक्सर सीमाओं की सुरक्षा बढ़ाने में कई चुनौतियों का सामना करता रहा है। अब देश ने भौगोलिक, हवाई और समुद्री सीमाओं पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर रखे हैं… कारगिल युद्ध में जहां कई वीर सपूतों को हमने खोया, वहीं इसी युद्ध से सीख लेकर भारत

जिला ऊना में मैहतपुर, टाहलीवाल, गगरेट, अंब, जीतपुर बेहड़ी, बसाल, पंडोगा के रूप में 7 विकसित औद्योगिक क्षेत्र हैं व 12 औद्योगिक क्षेत्र लगभग 2000 एकड़ भूमि पर विकसित किए जा रहे हैं/प्रस्तावित हैं। प्रदेश के औद्योगिक विकास में नया आयाम जुड़ेगा… जैसा कि हम जानते हैं कि ‘‘राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम’’ का मुख्य

लेकिन देसी मुसलमान लडक़ी से विवाह करने में इसलिए एतराज नहीं है क्योंकि उस लडक़ी से जो संतान पैदा होगी वह सैयद या तुर्क ही कहलाएगी। लेकिन यदि सैयद लडक़ी देसी मुसलमान लडक़े से विवाह करवा लेगी तो उसकी संतान देसी कुल वंश की हो जाएगी। सैयद या तुर्क यह कैसे बर्दाश्त कर सकता है?

आप हर विद्यार्थी को फिटनेस के लिए खेल मैदान में ले जाएंगे तो उनमें से जरूर कुछ अच्छे खिलाड़ी भी मिलेंगे। प्रतिभा खोज के बाद पढ़ाई के साथ-साथ प्रशिक्षण के लिए अच्छी खेल सुविधाएं मुहैया कराई जानी चाहिए। इसके लिए राष्ट्रीय क्रीड़ा संस्थान की तजऱ् पर अपना राज्य क्रीड़ा संस्थान हो, इसके लिए खेल मंत्री

नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं, और उन्होंने एक बार खुद को प्रधान सेवक कहा था, लेकिन असलियत यही है कि कोई शक्तिशाली प्रधानमंत्री, सलाहकार मंडल का मुखिया मात्र नहीं होता, न ही वह प्रधान सेवक होता है। वह सिर्फ ‘प्रधान’ होता है, मुखिया होता है, सर्वशक्तिमान होता है। यह समझना आवश्यक है कि प्रधानमंत्री

भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली दुनिया की सबसे बड़ी होने के बावजूद इसे अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ये चुनौतियां पठन-पाठन की गुणवत्ता, सरकारी-निजी भागीदारी, विदेशी संस्थानों का प्रवेश, रिसर्च क्षमता में वृद्धि और फंडिंग, इनोवेशन, अंतरराष्ट्रीयकरण, वैश्विक अर्थव्यवस्था की बदलती मांग जैसे क्षेत्रों में हैं… हाल ही में एक संसदीय समिति