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कुल मिलाकर, हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य के लिए यह एक गर्व की बात कही जा सकती है। ‘‘हिमाचल प्रदेश भूमि मुजारा व सुधार कानून’’ की धारा 118, पहाड़ी प्रदेश होने से निर्बाध कनेक्टेविटी की समस्या आदि बातें औद्योगिकरण के रास्ते में थोड़ी बाधा बन रही हैं, परंतु यदि सकारात्मक प्रयास जारी रहे तो वह दिन

इस कारण से भी दुनिया भर के निवेशक भारत की ओर रुख करने के लिए बाध्य हो जाएंगे। हालांकि आयात-निर्यात के बीच अभी बड़ा अंतर दिखाई दे रहा है, लेकिन देश में बढ़ते हुए उत्पादन से यह अंतर घटने वाला है। लगातार बढ़ते प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और मजबूत फंडामेंटल रुपए को मजबूती की ओर ले

जहां इस प्रकार की अनैतिक, अवैध तथा घृणित घटनाएं हमें मानवीय दृष्टि से शर्मसार करती हैं, वहीं पर ये घटनाएं हमें डर तथा भय के साये में जीने के लिए विवश करती हैं। इन घटनाओं की सामाजिक रूप से कड़ी निंदा की जानी चाहिए तथा समाज में ऐसी घृणित एवं गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने

चूंकि किसान अभी भी फसल बढ़ाने वाले कच्चे माल के लिए कर्ज पर काफी हद तक निर्भर हैं और किसान क्रेडिट कार्ड की शुरुआत के बावजूद यह कर्ज आसानी से उपलब्ध नहीं है, ऐसे में इस कार्ड को ‘आजीविका क्रेडिट कार्ड’ में बदल दिया जाना उपयुक्त होगा। इससे किसानों को ऐसे साहूकारों के चंगुल से

कई अध्ययनों से पता चला है कि जलवायु परिवर्तन से दुनिया भर के कई क्षेत्रों में बादल फटने की आवृत्ति और तीव्रता में वृद्धि होगी। हिमालयी क्षेत्र में बादल फटने की सबसे अधिक घटनाएं देखी जा रही हैं क्योंकि हिमालयी क्षेत्र में दशकीय तापमान वृद्धि वैश्विक तापमान वृद्धि की दर से अधिक है। वर्तमान में

ज़ाहिर है इस प्रकार की घटनाओं से आभिजात्य राजनीतिक दलों में हडक़म्प मचता। कितना कुछ खुल सकता था। बहुत सी याचिकाएं उच्चतम न्यायालय में लम्बित थीं। लेकिन अब उच्चतम न्यायालय का भी निर्णय आ गया है। न्यायालय ने कहा ईडी प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत संदिग्धों के यहां तलाशी ले सकती है, उनको

राष्ट्रमंडल खेलों में पिछले दो बार के रजत पदक विजेता हमीरपुर के विकास ठाकुर इस तीसरी राष्ट्रमंडल खेलों में अब देश को स्वर्ण पदक जीतने के लिए कृतसंकल्प हैं। राष्ट्रीय क्रीड़ा संस्थान पटियाला में राष्ट्रमंडल खेलों के लिए हुए क्वालीफाई ट्रायल में हिमाचल प्रदेश के ओलंपियन आशीष चौधरी ने अपने प्रतिभागियों को एक तरफा पछाड़ते

बेरोजग़ारी से जूझ रहे युवाओं पर भी यही बात लागू होती है, इसलिए मैं यह नहीं कहूंगा कि हर व्यक्ति उद्यमी ही बने। मैं बस यह कहना चाहता हूं कि रोजग़ार के लिए जैसे नौकरी एक विकल्प है, वैसे ही उद्यम भी एक अच्छा विकल्प है और युवाओं को इस विकल्प को भी ध्यान में

एनपीएस के तहत आने वाले कर्मचारी लंबे समय से शांतिपूर्ण संघर्ष कर रहे हैं और हमें यह समझना होगा कि वह भीख नहीं बल्कि अपना अधिकार मांग रहे हैं। पेंशन का अर्थ ही ‘वेतनांश’ है जो एक कर्मचारी पूरा जीवन सरकारी सेवा में खपाने के पश्चात अपने लिए अर्जित करता है ताकि बुढ़ापे में सम्मान