डा. कुलदीप चंद अग्रिहोत्री

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ( डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं ) कश्मीर घाटी महज जमीन का टुकड़ा नहीं है, वह एक संस्कृति और एक दृष्टि है। वह नागभूमि है। गिलानियों को लगता है कि कश्मीरियों ने इबादत का एक और तरीका इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है, इससे उनकी मूल पहचान ही

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ( लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं ) असली सवाल और गहरा है। आखिर जम्मू-कश्मीर सरकार इस बात पर क्यों बजिद है कि 1944 के बाद रियासत में किसी को रहने का अधिकार नहीं है? इसका उत्तर सरकार तो नहीं, लेकिन हुर्रियत कान्फ्रेंस से लेकर नेशनल कान्फ्रेंस तक दे रही है। उनका कहना