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प्रो. एनके सिंह लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं यह तर्कसंगत है कि बाबर कोई भगवान नहीं था तथा न ही वह ऐसी कोई भावना पैदा करता है। वह इस देश से बाहर मरा और वहां उसकी कब्र है। श्री राम को लेकर विश्वास व उनकी पूजा हिंदुओं के लिए अनिवार्य है

भूपिंदर सिंह लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं बच्चों को खेलों में भी भाग लेने के लिए उचित अवसर चाहिए होता है। आज जब खेल संघ, खेल  विभाग तथा स्कूली क्रीड़ा परिषद अपने-अपने स्तर पर इन खिलाडि़यों के लिए विभिन्न खेलों की प्रतियोगिताएं धन खर्च कर करवा रही है तो फिर यह भी सुनिश्चित होना चाहिए

पीके खुराना लेखक, वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार और विचारक हैं शहीद भगत सिंह के खिलाफ गवाही देने वाले उनके देशद्रोही साथियों की निंदा नहीं की जाती, क्योंकि उससे राजनीतिक लाभ नहीं मिलता, जबकि गांधी जी की निंदा का राजनीतिक लाभ है। लब्बोलुआब यह कि हमारे देश में महात्मा गांधी और शहीद भगत सिंह के नाम का

अनुज कुमार आचार्य लेखक, बैजनाथ से हैं समस्या केवल उन डस्टबिन में डाले गए कूड़े-कचरे के निपटान की है। जाहिर है इन डस्टबिन को संबंधित संस्थाओं और नागरिकों को खुद ही साफ-सुथरा भी रखना होगा। स्वच्छता मिशन में अभी भी कुछ दुश्वारियां आ रही हैं, क्योंकि इस अभियान में आम नागरिकों की भागीदारी ज्यादा नहीं

भानु धमीजा सीएमडी, ‘दिव्य हिमाचल’ लेखक, चर्चित किताब ‘व्हाई इंडिया नीड्ज दि प्रेजिडेंशियल सिस्टम’ के रचनाकार हैं निसंदेह हिंदुओं को एकजुट करना कठिन है। जैसा भागवत ने कहा, ‘‘वे कभी साथ नहीं आते, कभी साथ नहीं रहते, वे कभी साथ मिलकर काम नहीं करते। हिंदुओं का साथ आना अपने आप में ही एक कठिन कार्य

डा. भरत झुनझुनवाला लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणी लोग बेरोजगारी भत्ते को लेकर मस्त हैं। उनकी श्रम करने की चाहत समाप्त हो गई है और समाज कुंठित हो रहा है। यदि समाज का एक बड़ा वर्ग इस प्रकार निष्क्रिय हो जाएगा, तो समाज के स्थिर रहने में भारी संदेह है। इन कारणों से बढ़ती असमानता

अजय पाराशर लेखक, सूचना एवं जन संप0र्क विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय, धर्मशाला में उप निदेशक हैं महात्मा गांधी ने प्रकृति द्वारा मनुष्य की तमाम जरूरतों को पूरा करने की बात कही है, लेकिन साथ ही उसे लालची बनने पर चेताया भी है। प्रकृति का दूसरा सबक है कि अगर हम उसका उत्पीड़न करेंगे और उसकी

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं खुदा ही जाने लोग सोलहवीं शताब्दी से चले आ रहे अयोध्या विवाद को अभी किस शताब्दी तक और क्यों लटकाए रखना चाहते हैं? लेकिन 27 सितंबर को उच्चतम न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ ने दो-एक के बहुमत से फैसला दे दिया कि इस्माइल फारुखी केस को न

प्रो. एनके सिंह लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं अब तक उपलब्ध साहित्य व नेताओं द्वारा दिए गए संबोधनों का सार यह रहा है कि पार्टी हिंदू समर्थक संगठन है तथा बहुसंख्यक समुदाय के हितों को संरक्षित करती रहेगी। वास्तव में यह प्रक्रिया अति सूक्ष्म रूप से अटल बिहारी वाजपेयी के काल