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संसदीय प्रणाली की वर्ष 1937 की इस असफलता के कारण ही पाकिस्तान का जन्म हुआ। इस प्रणाली की केवल बहुमत सरकारों की धारणा ने लीग के संघर्ष को अर्थहीन बना दिया। क्योंकि भारत में मुस्लिम अल्पमत की स्थिति बदलने वाली नहीं थी, इसलिए लीग हमेशा विपक्ष में बैठने को अभिशापित थी। पाकिस्तान, जो अब तक

डा. भरत झुनझुनवाला लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं कुछ सेवाएं ऐसी हैं, जो कम्प्यूटर द्वारा नहीं की जा सकती हैं, जैसे माल की बिक्री करने के लिए सेल्समैन, बीमारों की सेवा करने के लिए नर्स, बच्चों को शिक्षा देने के लिए टीचर, संगीत सिखाने के लिए संगीतज्ञ आदि। इस प्रकार की सेवाएं, जो मनुष्य

कुलभूषण उपमन्यु अध्यक्ष, हिमालयन नीति अभियान इसलिए एथनोल को तरल ईंधन के विकल्प के रूप में विकसित करना और मान्यता देना जरूरी हो गया है। एथनोल प्रदूषणकारी नहीं है और भारत में इसके उत्पादन के लिए बहुत कच्चा माल भी है। एथनोल बनाने के लिए गन्ने का शीरा, सड़े-गले फल, मक्का, गेहूं काम आ सकता

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं अलबत्ता फांसी, जेल में डालना आदि काम सेना वहां की न्यायपालिका के माध्यम से करवाती है। उसी प्रकार जिस प्रकार वह देश में प्रधानमंत्री चुनवाने का काम वहां की जनता से करवाती है। इमरान खान को प्रधानमंत्री नियुक्त करने की सारी रस्में सेना ने पाकिस्तान की आम

प्रो. एनके सिंह लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं महात्मा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस स्वतंत्रता के लिए ब्रिटिश राज के खिलाफ अहिंसक आंदोलन चलाए हुए थी। लाला लाजपत राय की जब एक पुलिस लाठीचार्ज में मृत्यु हो गई तो सरदार भगत सिंह ने विद्रोह कर दिया तथा उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ

भूपिंदर सिंह लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं बिना खेल मैदान व अन्य खेल सुविधाओं के विद्यालयों में शारीरिक शिक्षा को हम शिक्षण के कमरे से बाहर निकालने में कामयाब नहीं हो सके हैं। अधिकांश विद्यालयों के पास खेल मैदान न होने के कारण एथलेटिक्स स्पर्धा कहां होती होगी, किसी ने आज तक नहीं पूछा है…

पीके खुराना लेखक, वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार और विचारक हैं स्वतंत्रता दिवस हमारे लिए गर्व का विषय है, पर हमें साथ-साथ यह भी सोचना होगा कि स्वतंत्रता पूर्ण हो, यह व्यक्ति को समर्थ बनाए, उसे बेडि़यों में न बांधे, बल्कि एक व्यक्ति के रूप में उसकी जीत में सहायक हो, उसकी उन्नति और समृद्धि का साधन

डा. भरत झुनझुनवाला लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं पाकिस्तान सद्भाव एवं मित्रता बनाने के स्थान पर हमारे देश में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है, लेकिन पाकिस्तान ने छोटी आपत्तियां दर्ज कराकर हमारा ध्यान 80 प्रतिशत पानी के आवंटन से भटका दिया है। पाकिस्तान ने हमें बेवकूफ बना दिया है। भारत को चाहिए

कुलदीप नैयर लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं सत्तारूढ़ भाजपा को यह समझना होगा कि यह क्षेत्र एक बहुलतावादी समाज है। इसलिए यहां कुशल प्रशासन व आर्थिक विकास पर जोर देना चाहिए। उसे अपना हिंदुत्ववादी एजेंडा इन राज्यों पर नहीं लादना चाहिए। लोकसभा के आगामी चुनाव अगले वर्ष होने हैं। ऐसी स्थिति में शासक दल पूर्वोत्तर की