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डा. भरत झुनझुनवाला ( लेखक, आर्थिक विश्लेषक  एवं टिप्पणीकार हैं ) हमें मुक्त व्यापार के मूल सिद्धांत पर पुनर्विचार करना चाहिए। डब्ल्यूटीओ 1995 में लागू हुआ था। तब सोचा गया था कि यह व्यवस्था सभी के लिए लाभदायक सिद्ध होगी। बीते 20 वर्षों में स्पष्ट हो गया है कि मुक्त व्यापार फेल है, चूंकि इसमें

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री  लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं जेठमलानी की नजर में मुकदमा लेते समय तो केजरीवाल अमीर थे और फीस देते समय अचानक गरीब हो गए हैं। इसलिए अब वह उनका मुकदमा मुफ्त लड़ेंगे। जेठमलानी की पारखी नजर को मानना पड़ेगा। सारे देश में उन्होंने मुफ्त मुकदमा लड़ने के लिए मुवक्किल भी ढूंढा तो

प्रो. एनके सिंह लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं कांग्रेस पार्टी की कार्यशैली में पांच खामियां स्पष्ट तौर पर देखी जा सकती हैं और इन्हें बिना वक्त गंवाए दूर करने की महत्ती जरूरत है, लेकिन पार्टी में कोई भी इसको लेकर चिंतित नजर नहीं आता। इस संदर्भ में सबसे पहले तो पार्टी

पीके खुराना पीके खुराना लेखक, वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार और विचारक हैं धमीजा का मानना है कि हमें खुले दिमाग से सोचना चाहिए। बंद दिमाग या तंग दिमाग समाज के पतन का कारण बनता है। प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित धमीजा की पुस्तक हिंदी में होने के कारण एक बड़े पाठकवर्ग तक पहुंचेगी और शायद यह संभव

भानु धमीजा सीएमडी, ‘दिव्य हिमाचल’ लेखक, चर्चित किताब ‘व्हाई इंडिया नीड्ज दि प्रेजिडेंशियल सिस्टम’ के रचनाकार हैं संविधान अंगीकार करने के कुछ दिनों में ही नेहरू और राजेंद्र प्रसाद के बीच मूक रस्साकशी आरंभ हो गई। ये लड़ाइयां अकसर कानून नकारने के राष्ट्रपति के अधिकार पर थीं। उनके पहले कार्यकाल में ही भारत तीन बार

डा. भरत झुनझुनवाला डा. भरत झुनझुनवाला लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं वास्तविकता यह है कि सरकारी कालेजों की हालत ज्यादा खस्ता है। इन्हें प्रतिस्पर्धा का सामना नहीं करना पड़ता। छात्रों से वसूल की जाने वाली फीस कम होने से आवेदक पर्याप्त संख्या में मिल जाते हैं, परंतु अध्यापकों की पठन-पाठन में रुचि नहीं होती

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं बहुत साल पहले, मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और देश में से अंग्रेजों को गए और पाकिस्तान के बने हुए अभी ज्यादा समय नहीं हुआ था। तब मध्य प्रदेश सरकार ने स्कूलों में पहली कक्षा में पढ़ाई जाने वाली पुस्तक में ‘ग’ से गणेश को

प्रो. एनके सिंह प्रो. एनके सिंह लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं यदि मोदी साफ-सुथरा प्रशासन लाना चाहते हैं, तो उन्हें कार्यालयों में दिखावे और तड़क-भड़क भरी संस्कृति पर नकेल कसनी होगी। अधिकारियों, विधायकों और सांसदों को अहंकारी दृष्टिकोण के बजाय विनम्रता और सेवाभाव का नजरिया विकसित करने के लिए प्रेरित करना

भूपिंदर सिंह भूपिंदर सिंह लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं प्रदेश विश्वविद्यालय ने अब अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय खेल प्रतियोगिताओं में शीर्ष चार स्थानों पर रहने वाली टीमों तथा खिलाडि़यों को भी नकद इनाम से सम्मानित करने का प्रावधान किया। उत्तर भारतीय खेल प्रतियोगिता से क्वालिफाई कर अखिल भारतीय अंतर विवि खेल प्रतियोगिता वाली टीमें भी