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आज का विद्यार्थी फिटनेस व मनोरंजन के नाम पर दूरसंचार माध्यमों का कमरे में बैठ कर खूब दुरुपयोग कर रहा है। फिटनेस पर उसका ध्यान नहीं है। ऐसे में विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास की बात मजाक लगती है। आज के विद्यार्थी के लिए विद्यालय या घर पर आधे घंटे के फिटनेस कार्यक्रम की सख्त जरूरत है। इसमें 15 से 20 मिनट धीरे-धीरे दौडऩा तथा विभिन्न कोणों पर शरीर के जोड़ों की विभिन्न क्रियाओं को पूरा करने के बाद

आज जब हम आधुनिकता के चक्कर में पडक़र अत्यंत विषैला जीवन जी रहे हैं तो आध्यात्मिक चिकित्सा इसका सबसे बढिय़ा उपचार तो है ही, इससे भी आगे बढक़र यह हमारी विचारधारा को बदल देती है, हमें जीवन का वह सत्य सिखाती है जिससे हम जीवन को बेहतर समझ पाने के काबिल हो जाते हैं। आध्यात्मिक चिकित्सा हमें उस स्तर तक ले जा सकती है जिसे गीता में भगवान श्री कृष्ण ने निष्काम कर्म कहा है। जब सारी दुनिया नाच रही

समाजवादी विचारधारा के सुप्रसिद्ध नायक डॉ. राममनोहर लोहिया को हम सब जानते हैं। उन्होंने भी कहा है कि राम-कृष्ण-शिव हमारे आदर्श हैं, राम ने उत्तर-दक्षिण जोड़ा और कृष्ण ने पूर्व-पश्चिम जोड़ा। सारी जनता इसी दृष्टि से अपने जीवन के आदर्श राम-कृष्ण-शिव में देखती है और उनका अनुसरण करती है। राष्ट्रीयता का गौरव किसी भी देश के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व होता है, परंतु कुछ लोग पुख्ता तरीके से मानते हैं कि शायद विदेशी हमलावरों को महिमामंडित करने के लिए और तिलिस्मी तुष्टीकरण की प्रवृत्ति के कारण हमारी राष्ट्रीयता और भारती

आज आवश्यकता इस बात की है कि धार्मिक एवं तीर्थ पर्यटन की संभावनाओं के अनुरूप इन क्षेत्रों का विकास करते हुए देश के विकास में इनके योगदान को बढ़ाया जाए। इसके लिए मंदिरों का जीर्णोद्धार, सस्ते और महंगे सभी प्रकार के होटलों का निर्माण, इन्फ्रास्ट्रक्चर और नागरिक सुविधाओं का विस्तार और इन केन्द्रों में पर्यटन सू

युवाओं के लिए रोजगार के मौके जुटाने के लिए डिजिटल शिक्षा के रास्ते में दिखाई दे रही कमियों को दूर करना होगा, वहीं उन्हें कौशल प्रशिक्षण के साथ नए स्किल्स सिखाए जाने होंगे...

इस भव्य आयोजन के साथ देश तथा दुनिया में समभाव, सद्भाव, प्रेम तथा शांति की प्रार्थना की जानी चाहिए। श्रद्धा के साथ इसे मनाया जाए...

आश्रम का पूरा वाल्मीकि समाज राम कथा का गायन करता था। यह समाज राम कथा गा-गाकर राममय हो गया था। दूर-दूर से श्रोतागण इस संगीत की धारा का रसास्वादन करने के लिए पहुंचते थे। एक ऐसा वाल्मीकि समाज आकार ग्रहण कर रहा था जिसमें चारों वर्णों की योग्यता समाहित थी। वाल्मीकि समाज और राम कथा एकाकार हो गई थी...

विश्व का सबसे बड़ा खेल आयोजन ओलंपिक इसी वर्ष दस्तक देने वाला है। भारतीय कुश्ती तथा उभरते युवा पहलवानों के बेहतर भविष्य के मद्देनजर भारतीय कुश्ती महासंघ व पहलवानों के बीच चल रहे विवाद का हल निकलना चाहिए। खेल संस्थाएं सियासत के चंगुल से मुक्त होनी चाहिएं...

खुशियों का मूल मंत्र बस इतना-सा ही है। इससे भी आगे बढक़र देखें तो खुशी एक ऐसी जरूरत है जिसके लिए पैसे खर्च नहीं होते। गर्मियों में शीतल हवा में बैठना और सर्दियों में गुनगुनी धूप में बैठकर विटामिन-डी लेना मुफ्त है। पेड़-पौधों, फूलों-पत्तियों का आनंद लेना मुफ्त है। किसी को गले लगाना मुफ्त है। किसी को दो मीठे बोल बोल देना मुफ्त है। किसी की बात सुन लेना मुफ्त है। सैर करना मुफ्त है। कसरत करना मुफ्त है। प्राणायाम मुफ्त है। ध्यान करना मुफ्त है। अपनी छोटी-छोटी सफलताओं पर खुश होना मुफ्त है। अपने बच्चों की देखभाल करना, उन्हें समय देना, उनकी प्यारी-प्यारी बातें सुनना मुफ्त है। अपने लक्ष्य की तरफ टिके रहना मुफ्त है। खुश रहना और खुश रखना मुफ्त है...