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जनवरी 15 से 19 के बीच दुनिया के एक महत्वपूर्ण मंच, वल्र्ड इक्नॉमिक फोरम, का सम्मेलन डावोस (स्विट्जरलैंड) में सम्पन्न हुआ। वर्ष 1971 में अस्तित्व में आया वल्र्ड इक्नॉमिक फोरम, पिछले लगभग 53 साल से वैश्विक आर्थिक संरचना पर चर्चा करने वाली एक महत्वपूर्ण संस्था के नाते उभरा है। व्यापार, भू-राजनीति, सुरक्षा, सहकार, ऊर्जा से लेकर पर्यावरण और प्रकृति समेत अनेकानेक मुद्दों पर इस मंच पर चर्चा होती रही है। आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक, प्रौद्योगिकी क्षेत्र की बड़ी हस्तियों ने डावोस के इस सम्मेलन में भाग लिया। 60 देशों के शासनाध्य

एक फरवरी को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा लोकसभा में पेश किए जाने वाले वर्ष 2024 के अंतरिम बजट की तैयारियों का अंतिम चरण 24 जनवरी को हलवा वितरण समारोह के साथ आरंभ हुआ। पिछले तीन पूर्ण बजट की तरह नया अंतरिम बजट भी पूरी तरह से पेपरलेस होगा। वस्तुत: इस समय पूरे देश की निगाहें वित्तमंत्री के द्वारा पेश किए जाने वाले अंतरिम बजट की ओर लगी हुई हंै। वस्तुत: देश में जिस साल लोक

राम का जीवन आदर्श जीवन कहा जा सकता है। वाल्मीकि महाराज स्वयं अपनी राम कथा में बार-बार यह बताते रहते हैं। ऐसे श्री रामचंद्र जी हमारे पूर्वज थे। वे केवल हमारे ही पूर्वज नहीं थे, बल्कि उन्होंने अपने शासन काल में जो राज काज के मानदंड स्थापित किए, वे आज भी दुनिया भर के आदर्श कहे जा सकते हैं। अयोध्या में हजारों साल से हमारे पूर्वज श्री रामचंद्र जी का स्मृति स्थल बना हुआ था। वह स्मृति स्थल सारे देश को प्रे

आज का विद्यार्थी फिटनेस व मनोरंजन के नाम पर दूरसंचार माध्यमों का कमरे में बैठ कर खूब दुरुपयोग कर रहा है। फिटनेस पर उसका ध्यान नहीं है। ऐसे में विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास की बात मजाक लगती है। आज के विद्यार्थी के लिए विद्यालय या घर पर आधे घंटे के फिटनेस कार्यक्रम की सख्त जरूरत है। इसमें 15 से 20 मिनट धीरे-धीरे दौडऩा तथा विभिन्न कोणों पर शरीर के जोड़ों की विभिन्न क्रियाओं को पूरा करने के बाद

आज जब हम आधुनिकता के चक्कर में पडक़र अत्यंत विषैला जीवन जी रहे हैं तो आध्यात्मिक चिकित्सा इसका सबसे बढिय़ा उपचार तो है ही, इससे भी आगे बढक़र यह हमारी विचारधारा को बदल देती है, हमें जीवन का वह सत्य सिखाती है जिससे हम जीवन को बेहतर समझ पाने के काबिल हो जाते हैं। आध्यात्मिक चिकित्सा हमें उस स्तर तक ले जा सकती है जिसे गीता में भगवान श्री कृष्ण ने निष्काम कर्म कहा है। जब सारी दुनिया नाच रही

समाजवादी विचारधारा के सुप्रसिद्ध नायक डॉ. राममनोहर लोहिया को हम सब जानते हैं। उन्होंने भी कहा है कि राम-कृष्ण-शिव हमारे आदर्श हैं, राम ने उत्तर-दक्षिण जोड़ा और कृष्ण ने पूर्व-पश्चिम जोड़ा। सारी जनता इसी दृष्टि से अपने जीवन के आदर्श राम-कृष्ण-शिव में देखती है और उनका अनुसरण करती है। राष्ट्रीयता का गौरव किसी भी देश के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व होता है, परंतु कुछ लोग पुख्ता तरीके से मानते हैं कि शायद विदेशी हमलावरों को महिमामंडित करने के लिए और तिलिस्मी तुष्टीकरण की प्रवृत्ति के कारण हमारी राष्ट्रीयता और भारती

आज आवश्यकता इस बात की है कि धार्मिक एवं तीर्थ पर्यटन की संभावनाओं के अनुरूप इन क्षेत्रों का विकास करते हुए देश के विकास में इनके योगदान को बढ़ाया जाए। इसके लिए मंदिरों का जीर्णोद्धार, सस्ते और महंगे सभी प्रकार के होटलों का निर्माण, इन्फ्रास्ट्रक्चर और नागरिक सुविधाओं का विस्तार और इन केन्द्रों में पर्यटन सू

युवाओं के लिए रोजगार के मौके जुटाने के लिए डिजिटल शिक्षा के रास्ते में दिखाई दे रही कमियों को दूर करना होगा, वहीं उन्हें कौशल प्रशिक्षण के साथ नए स्किल्स सिखाए जाने होंगे...

इस भव्य आयोजन के साथ देश तथा दुनिया में समभाव, सद्भाव, प्रेम तथा शांति की प्रार्थना की जानी चाहिए। श्रद्धा के साथ इसे मनाया जाए...