आस्था

27 सितंबर रविवार, आश्विन, शुक्लपक्ष, एकादशी, पुरुषोत्तमा एकादशी व्रत 28 सितंबर सोमवार, आश्विन, शुक्लपक्ष, द्वादशी, पंचक प्रारंभ 29 सितंबर मंगलवार, आश्विन, शुक्लपक्ष, त्रयोदशी, भौम प्रदोष व्रत, महाराजा अग्रसेन जयंती 30 सितंबर बुधवार, आश्विन, शुक्लपक्ष, चतुर्दशी 1 अक्तूबर बृहस्पतिवार, आश्विन, शुक्लपक्ष, पूर्णिमा 2 अक्तूबर शुक्रवार, आश्विन, कृष्णपक्ष, प्रथमा, गांधी जयंती 3 अक्तूबर शनिवार, आश्विन, कृष्णपक्ष, द्वितीया,

श्रीश्री रवि शंकर यद्यपि ईश्वर निराकार है, लेकिन किसी को आनंद मिलता है, तो ईश्वर को मूर्ति रूप मानने में कोई बुराई नहीं है। देवत्व से जुड़ा हुआ भाव ही मायने रखता है और अगर कोई एक विशेष रूप या मूर्ति के माध्यम से भावपूर्ण संबंध का अनुभव करता है, तो ऐसा करने के लिए

ओशो एक बात जो तीर्थ के बाबत ख्याल ले लेना चाहिए, वह यह कि सिंबालिक एक्ट का प्रतीकात्मक कृत्य का भारी मूल्य है। जैसे जीजस के पास कोई आता है और कहता है। मैंने यह पाप किए। वह जीजस के सामने कन्फेस कर देता है, सब बता देता है मैंने यह पाप किए। जीजस उसके

स्वामी  रामस्वरूप हे अर्जुन मेरी आज्ञा यह है कि वेदानुकूल तुझे क्षत्रिय धर्म का पालन करते हुए पृथ्वी पर धर्म स्थापित करने के लिए मोह ममता आदि का त्याग करके मेरे द्वारा दिए ब्रह्म ज्ञान में स्थित होकर कौरवों जैसे दुष्टों को तथा कौरवों का साथ देने वाले प्रत्येक योद्धाओं को युद्ध में मार गिरा।

श्रीराम शर्मा साध्य कितना ही पवित्र, उत्कृष्ट, महान क्यों न हो, यदि उस तक पहुंचने का साधन गलत है, दोषयुक्त है, तो साध्य की उपलब्धि भी असंभव है। उत्तम साध्य के लिए उत्तम साधनों का होना अनिवार्य है। ठीक इसी तरह उत्कृष्ट साध्य लक्ष्य का बोध न हो, तो उत्तम साधन भी हानिकारक सिद्ध हो

आंखों के चारों ओर की त्वचा बहुत नाजुक और पतली होती है, जरा सी गलती से ये आपके लिए खतरनाक साबित हो सकती है। आंखों के आसपास सूजन और दरारें आना आंखों के एग्जिमा की निशानी होती है। इसे एटॉपिक डर्मेटाइटिस भी कहा जाता है। अगर इस समस्या का समय रहते इलाज नहीं करवाया जाए,

*  गला बैठ जाए या सूजन आ जाए, तो ताजे पानी में नींबू निचोड़ कर गरारे करने से लाभ होता है। *  लहसुन को सरसों के तेल में उबालकर कान में डालने से कान का दर्द ठीक हो जाता है। *  सूखे आंवले को रात भर पानी में भिगो दें और सुबह इस पानी से

नीम एक ऐसा पेड़ है, जिसकी छाल, पत्तियों, तने, लकड़ी और सींक आदि लगभग सभी हिस्से आयुर्वेदिक दृष्टि से बहुत फायदेमंद माने जाते हैं। खासकर नीम की पत्तियों में औषधीय गुण होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार नीम का स्वाद तिक्त (तीखा) और कटु (कड़वा) होता है। लेकिन इसमें कई ऐसे गुण होते हैं जो शरीर

पौष्टिकता से भरपूर अमरूद को संस्कृत में अमृतफल कहते हैं। अमरूद में विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन बी2, ई और के, फाइबर, कैल्शियम, आयरन तत्त्व काफी मात्रा में मौजूद होते हैं। इसीलिए तो अमरूद को सुपर फ्रूट कहा जाता है। अमरूद का सेवन करने से कई बीमारियां और परेशानियां दूर होती हैं। आइए जानते है