आस्था

आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के पास स्थित श्रीकालहस्ती नामक जगह पर भगवान शिव का एक विशेष मंदिर है। इसे दक्षिण का कैलाश व काशी कहा जाता है। श्री कालहस्ती मंदिर पेन्नार नदी की शाखा स्वर्णमुखी नदी के तट पर बसा है। इस मंदिर को राहू-केतु मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यहां

-गतांक से आगे… जानकीवल्लभो रामो विरामो विघ्ननाशनः। सहस्रांशुर्महाभानुर्वीरबाहुर्महोदधिः।। 76।। समुद्रोब्धिरकूपारः पारावारः सरित्पतिः। गोकुलानन्दकारी च प्रतिज्ञापरिपालकः।। 77।। सदारामः कृपारामो महारामो धनुर्धरः। पर्वतः पर्वताकारो गयो गेयो द्विजप्रियः।। 78।। कमलाश्वतरो रामो रामायणप्रवर्तकः। द्यौदिवौ दिवसो दिव्यो भव्यो भाविभयापहः।। 79।। पार्वतीभाग्यसहितो भ्राता लक्ष्मीविलासवान। विलासी साहसी सर्वी गर्वी गर्वितलोचनः।। 80।। मुरारिर्लोकधर्मज्ञो जीवनो जीवनान्तकः। यमो यमादिर्यमनो यामी यामविधायकः।। 81।। वसुली पांसुली पांसुपाण्डुरर्जुनवल्लभः।

दक्षिण काशी के नासिक में किसी समय प्रभु रामचंद्र का प्रवास रहा था। प्रभु श्रीराम ने जहां-जहां पग धरे वह भूमि पवित्र हो गई। उनके पदचिह्नों के रूप में अनेक मंदिर आज भी नासिक में नजर आते हैं।  सनातन धर्मियों की आस्था स्थली है नासिक का कालाराम मंदिर व गोराराम मंदिर। कालाराम श्रद्धा, भक्ति का

वरुथिनी या वरूथिनी एकादशी को ‘वरूथिनी ग्यारस’ भी कहा जाता है। पुराणों के अनुसार यह वैशाख कृष्ण पक्ष की एकादशी वरूथिनी है। यह पुण्यदायिनी, सौभाग्य प्रदायिनी एकादशी वैशाख वदी एकादशी को आती है। यह व्रत सुख-सौभाग्य का प्रतीक है। यह व्रत करने से सभी प्रकार के पाप व ताप दूर होते हैं, अनंत शक्ति मिलती

देवभूमि हिमाचल प्रदेश में सतधार कहलूर, ब्यासपुर आदि नामों से सुशोभित जनपद बिलासपुर ऐतिहासिक व सांस्कृतिक मानचित्र पर एक महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है। इसी जनपद मुख्यालय से करीब 20 किमी.की दूरी पर बंदला-परनाली धार के आंचल में आने वाला महर्षि मार्कंडेय तीर्थ स्थल अनायास ही धार्मिक पर्यटकों की पहली पसंद बनता जा रहा है। स्कंद

अमावस्या की तिथि का हिंदू धर्म में बड़ा ही महत्त्व बताया गया है। जिस तिथि में चंद्रमा और सूर्य साथ रहते हैं, वही ‘अमावस्या’ तिथि है। इसे ‘अमावसी’ भी कहा जाता है। अमावस्या माह की तीसवीं तिथि होती है। कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को कृष्ण पक्ष प्रारंभ होता है तथा अमावस्या को समाप्त होता है।

* फटे होंठों को मुलायम बनाने के लिए दिन में दो-तीन बार जैतून का तेल अंगुली से लगाएं। * दो चम्मच दूध में एक चम्मच शहद मिलाकर, उसे अपने चेहरे और गर्दन पर लगाएं और 15 मिनट बाद गुनगुने पानी से धो लें। इससे त्वचा चमक जाएगी। * नीम के कुछ पत्ते पीस कर उसमें

अगर आप लगातार एक ही पोजीशन में बैठे रहें या काम करते रहें, तो आपका शरीर और दिमाग दोनों ही थक जाते हैं। इसके बाद अगर आप उठकर अपने शरीर की थोड़ी खींचतान करते हैं, तो इससे आपको बड़ा आराम मिलता है। शरीर की इसी खींचतान को अंग्रेजी में स्ट्रेचिंग कहते हैं। स्ट्रेचिंग भी एक

वजन बढ़ने पर अकसर लोगों को कार्बोहाइड्रेट्स यानी कार्ब्स अपने दुश्मन लगने लगते हैं। इसका कारण एक आम धारणा है कि कार्ब्स वजन बढ़ाते हैं। लेकिन क्या खाने से कार्ब्स को कम करके वजन घटाना किसी व्यक्ति के लिए सुरक्षित माना जा सकता है? या फिर कार्ब्स लेने के साथ-साथ वजन घटाने के अन्य तरीके