विचार

विज्ञान ने मनुष्य को कई चीजें प्रदान की हैं, जैसे कि चिकित्सा, सूचना क्रांति, अंतरिक्ष विज्ञान, यातायात आदि। प्लास्टिक का आविष्कार भी मनुष्य की सुविधा के लिए बेकलैंड ने 1907 में किया। 20वीं सदी में प्लास्टिक के आविष्कार को एक क्रांति की तरह देखा गया, क्योंकि प्लास्टिक ने मनुष्य के जीवन को कई तरह से प्रभावित किया। प्लास्टिक एक ग्रीक शब्द प्लास्टीकोस से बना है, जिसका सीधा तात्पर्य है ऐसा नमनीय पदार्थ

ह्माचल सरकार अपने नए साल की शुरुआत में गोबर खऱीद योजना को लागू करने जा रही है। सोचता हूँ प्रदेश में जब पहले ही इतना गोबर फैला हुआ है तो सरकार नए खऱीदे गोबर को रखेगी कहाँ? इतनी तो खेती की ज़मीन नहीं, जितना गोबर है। अपने कार्यकाल में गोबर फैलाने वाली बीजे पार्टी आजकल विपक्ष में है। उसने सरकार के इस फैसले के विरोध में विधानसभा सत्र के दौरान सिर पर गोबर की टोकरियाँ रखकर प्रदर्शन कि

हम अब नववर्ष में प्रवेश कर चुके हैं। इस अवसर पर हर कोई अपने सगे संबंधियों व मित्रों को नए साल की शुभकामनाएं देता है। पहले यह काम बधाई कार्डों के जरिए होता था, अब संचार के आधुनिक साधनों, विशेषकर सोशल मीडिया का प्रयोग होने लगा है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करना चाहूंगा कि यह वर्ष सभी भारतीयों के

प्रभु राम के बिना भारत और लोकतंत्र की कल्पना ही नहीं की जा सकती। नया साल शुरू हुआ है, तो उससे पहले ही भारत और अयोध्या ‘राममय’ होने लगे हैं। दरअसल यह हिंदुओं का ही नहीं, राष्ट्र के उत्सव का दौर है। देश के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक गौरव का दौर है। ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद के मंत्रोच्चार को सुनें और यज्ञों को देखें, तो वैदिक काल लौटता लगता है। यही हमारी सनातन परंपरा है। अयोध्या में उन कारसेवकों की आत्मा की शांति के लिए भी पूजन किए गए हैं, जिन्हें ‘राममय’ मान कर गोलियों से भून दिया गया था। बहरहाल उस अध्याय को हम विस्मृत करने के पक्ष में हैं, क्योंकि यह प्रभु राम की वापसी का सकारात्मक काल है। नववर्ष पर अयोध्या का नया, सजा-संवरा और समर्पित रूप देखकर म

इमारतों की किफायत में सुशासन की टोह लेती सुक्खू सरकार ने शिमला के छह कार्यालयों को टूटीकंडी कॉम्पलेक्स में शिफ्ट कर दिया। ये कार्यालय किराए के भवनों में चल रहे थे। पूरे प्रदेश में सरकारी कार्यालयों के नीचे दबी जमीन या निजी भूमि में बसे कार्यालयों की जमीर में कुछ तो किफायत हो। दरअसल हिमाचल में सरकारी इमारतों की अपनी होड़ बेपरवाह और लापरवाह है और इसलिए बजट की मुद्रा में अनावश्यक विस्तार ने अपना मूल्यांकन ही नहीं किया। एक नीति के तहत अगर तेजी से खुलते कार्यालय निजी निवेश की संस्तुति में परवान चढ़ते, तो भी सरकार पैसा बचाने के साथ-साथ रोजगार दे सकती थी। हिमाचल में सरकारी कार्यालयों ने अपनी हेकड़ी में खजाने का दुरुपयोग

वर्ष 2023 में केंद्र सरकार राजकोषीय घाटे के निर्धारित लक्ष्य सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 5.9 फीसदी तक सीमित रखने में सफल रही है। वर्ष 2023 में लगभग प्रतिमाह बाजारों में उपभोक्ता मांग में तेजी और उद्योग-कारोबार में बेहतरी से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कलेक्शन में वृद्धि हुई। वर्षभर में यह 12 प्रतिशत बढ़ा...

एक दिन में 35 मिनट की तेज सैर एक आसान और प्रभावशाली शारीरिक क्रिया है। इसके अलावा दौड़, तैराकी और साइकिलिंग भी हमारे शरीर की शारीरिक क्रियाओं की आवश्यकताओं को पूरा करने में काफी असरदार सिद्ध हो सकती हैं। एक जज्बे के साथ हम अपने मुताबिक किसी भी शारीरिक क्रिया का चयन करके और उस चयन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाकर स्वयं को और अपने परिवार को काफी हद तक मधुमेह और मोटापा जनित रोगों से दूर रख सकते हैं। इसके अलावा हम अपने खाने की आदतों में सुधार करके भी जीवन को अधिक ऊर्जावान बना सकते हैं...

आजकल की खबरें कितनी कंजूस हो गई हैं। बात-बात पर लाचार, दरिद्र, लेकिन अवतार होने के लिए एक-दूसरी से लड़ रही हैं। पुरानी खबरों की मूंछें हुआ करती थीं, फिर भी वे लड़ती नहीं थीं। आज मूंछ कटी लड़ती हैं, ताकि दबदबा बना रहे। खबर को उड़ाने वाले अब पैदा हो गए हैं। दरअसल खबर में हवा भरनी पड़ती है और यह काम आजकल आसान हो गया है। शुद्ध हवा तो मिलती नहीं, लेकिन जैसी-तैसी और जहर से भरी प्रचुर मात्रा की हवा भरने वाले आसानी से मिल जाते हैं। कई मीडिया समूह तो इसी ताक में हैं कि कोई खबरों में हवा भर दे। इससे आम के आम और गुठली के दाम की स्थिति पैदा हो रही है। यानी जितनी हवा भरवाकर खबर को छोड़ोगे, उतने ही दाम भी मिलेंगे। मार्किट में सूखी मूली की तरह कई ऐसी भी खबरें मिल जाएंगी, जो देखने में कैसी भी हों, उठते-बैठते डकार मारती हैं। अपने बुद्धिजीवी को कई बार समझाया गया कि खबरों के बा

एडिथ लाव्जोय पीयर्स ने कहा है कि नववर्ष एक खाली पन्नों की किताब की तरह खड़ा होता है, अब यह हमारे ऊपर निर्भर होता है कि हम उस पहले पन्ने पर क्या लिखेंगे। इस किताब को अवसर कहते हैं और पहला पन्ना पहला दिन है। नववर्ष 2024 का अंग्रेजी महीना आरंभ हो गया। नया वर्ष, नयी