वैचारिक लेख

प्रताप सिंह पटियाल लेखक बिलासपुर से हैं महिलाओं ने देश के सैन्यक्षेत्र में अदम्य साहस के कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। तमाम सैन्यबल नारी सशक्तिकरण में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं तथा महिलाओं ने भी देश की तमाम सुरक्षा एजेंसियों में अपनी भागीदारी दर्ज कराकर गौरवान्वित किया है। भारतीय सेना में अब तक महिलाएं ऑफिसर

ऐसे में अब नई श्रम संहिताओं को मुठ्ठियों में लेकर भारत विनिर्माण में तेजी से आगे बढ़ सकेगा। हम उम्मीद करें कि देश नई चार चमकीली श्रम संहिताओं से उत्पादन वृद्धि, निर्यात वृद्धि, रोजगार वृद्धि और विकास दर के ऊंचे लक्ष्यों को प्राप्त करने की डगर पर आगे बढ़ेगा और इससे भारत दुनिया का नया

आज हमारे देश में युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए तरह-तरह की मशीनें और उपकरण भी मौजूद हैं जिनके कारण युवा हुनर सीखते हैं। कई मामलों में पेशेवर तकनीकी शिक्षा द्वारा सामान्य शिक्षा को प्रतिस्थापित किया गया है। तकनीकी शिक्षा रोजगार और सफल करियर के लिए अच्छा अवसर प्रदान करती है… अच्छी शिक्षा अपने बच्चे

निर्मल असो स्वतंत्र लेखक अचानक शिमला सचिवालय के पास शिवजी मिल गए। न जटाधारी और न ही गले में सांपों की कोई माला, बिलकुल नए अवतार में। मैं प्रभु-प्रभु चिल्लाया तो मुझे लगभग शांत करते हुए बोले, ‘दोबारा प्रभु मत बोलना, वरना लोग हमसे भी जनप्रतिनिधियों जैसा व्यवहार करने लगेंगे। बड़ी मुश्किल से मंदिर से

तो फिर आखिर ऐसी नीतियां जो हर दृष्टि से लाभदायक हैं, क्यों नहीं अपनाई जातीं? इस सवाल का स्पष्ट उत्तर है कि जो बड़े पूंजीपति खेती, किसानों का आत्म-निर्भर विकास नहीं चाहते, वे इन नीतियों की राह में बाधा उपस्थित करते हैं। उनका मानना है कि यदि किसान व गांव आत्म-निर्भर बन गए तो हम

सरकारी नीतियों के क्रियान्वयन में कर्मचारियों की अहम भूमिका रहती है। इसलिए इन सेवारत कर्मचारियों को संतुष्ट करके इनसे प्रदेश के विकास में श्रेष्ठ योगदान प्राप्त करने के लिए सरकार को पुरानी पेंशन बहाली के लिए समय पर कदम उठाना बहुत आवश्यक है… बेरोजगारी के थपेड़ों की मार को झेलते हुए जब प्रदेश का युवा

कर्नल (रि.) मनीष धीमान स्वतंत्र लेखक पिछले सप्ताह की अगर मुख्य गतिविधियों पर नजर डाली जाए तो महिला दिवस और शिवरात्रि के महापर्व के साथ-साथ जो कुछ मुख्य घटनाएं हुईं, उनमें पांच राज्यों में होने वाले चुनाव मुख्य खबर रहे। इसी संदर्भ में अगर अतीत के एक वर्ष का भी आकलन करें तो भी कोरोना

पैर पर चोट के माध्यम से ममता को हिंसा कराने वाली नहीं बल्कि हिंसा की शिकार निरीह महिला बनाने की कोशिश की गई। लेकिन सार्वजनिक स्थान पर हज़ारों लोगों के सामने हमला कैसे हुआ? सुरक्षा कर्मचारी कहां थे? हज़ारों लोगों के सामने हमला करने के बाद कोई भाग कैसे सकता है? क्योंकि ममता कम से

प्रदेश के महाविद्यालय के प्राचार्यों व शारीरिक शिक्षा के प्राध्यापकों को चाहिए कि वे खेल सुविधा व प्रतिभा के अनुसार अपने महाविद्यालय में अच्छे प्रशिक्षकों के साथ प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाएं ताकि हिमाचल के खिलाडि़यों को महाविद्यालय में उच्च स्तरीय प्रशिक्षण सुविधा उपलब्ध हो सके। हिमाचल प्रदेश के कई महाविद्यालयों में विभिन्न प्रकार की खेलों के