वैचारिक लेख

प्रेमलता लेखिका, अध्यापिका हैं सभी राष्ट्रीय त्योहारों की तरह हमारा देश प्रतिवर्ष दो बड़े त्योहारों रक्षाबंधन एवं भाईदूज को भी बड़े ही हर्षोल्लास और श्रद्धापूर्वक मनाता है। हिमाचल प्रदेश में इन त्योहारों पर प्रदेश की नौकरीपेशा महिलाओं को विशेष अवकाश का प्रावधान सरकार ने कर रखा है, लेकिन प्रतिवर्ष इन त्योहारों के दिनों में अकसर

सुरेश सेठ साहित्यकार जनता प्रसन्न है क्योंकि उसे बताया जा रहा है कि देश में कार्य संस्कृति बदल गई। युग परिवर्तन के लक्षण अब साफ-साफ  नजर आने लगे हैं। ऐसी-ऐसी नई बातें सामने आ रही हैं कि आदमी दांतों तले अंगुली दबा कर कहे, अरे बाबा देखते ही देखते जमाना कयामत की चाल चल गया।

अनुज कुमार आचार्य लेखक, बैजनाथ से हैं वर्ष 1970 में नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड ने ऑपरेशन फ्लड की भारत में शुरुआत की थी ताकि भारत की बढ़ती आबादी की दूध जरूरतों को पूरा किया जा सके। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए यूरोपीय प्रजातियों की विदेशी संकर नस्लों की गउओं के आयात के साथ क्रास

राजेंद्र राजन साहित्यकार बेहिसाब कश्मीरी मुस्लिम युवाओं का गायब हो जाना दिग्भ्रमित होकर मिलिटेंट बन जाना, जेहादी बन जाना चिंता का विषय है। पुलिस या सुरक्षों बलों द्वारा शक के आधार पर उनका अपहरण आदि एक ऐसी बड़ी त्रासदी है, जो ऐसे युवाओं की आधा विधवाओं, बच्चों, परिवार के अन्य सदस्यों को आाहिस्ता-आहिस्ता धीमी मौत

अशोक गौतम साहित्यकार इस लोक का हर जीव जिधर देखो डूबने में आकंठ डूबा हुआ है। उसे डूबने से बचाने के लिए जितना प्रयास करो वह उतना ही डूब रहा है। उसे डूबने से बचाने की सारी कोशिशें बेकार हैं। बैंक कर्ज देकर डूब रहे हैं तो कर्जदार कर्ज लेकर डूब रहे हैं । कोई

डा. भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक अर्थव्यवस्था के संकट में आने का पहला कारण सरकारी खपत में पर्याप्त कटौती का न होना है। सरकार द्वारा दो प्रकार के खर्च किए जाते हैं- चालू खर्च एवं पूंजी खर्च। इन दोनों का योग वित्तीय खर्च होता है। दोनों प्रकार के खर्च के योग यानी वित्तीय खर्च को पोषित

जीवन धीमान लेखक, नालागढ़ से हैं देवभूमि कहलाने वाले हिमाचल प्रदेश में प्रतिदिन सड़क दुर्घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, जिनका मुख्य कारण है लापरवाही व सड़क के नियमों की अनदेखी। 75 प्रतिशत लोगों को सड़क के नियमों की जानकारी ही नहीं होती है। सड़क पर सुरक्षित ड्राइविंग करने के लिए सरकार ने कुछ नियम बनाए

नवेंदु उन्मेष स्वतंत्र लेखक दिल्ली की सड़कों पर उस दिन एक जनाजा जा रहा था। उस जनाजे को भाजपा के कुछ नेता ढो रहे थे, तो कांग्रेस सहित कई अन्य विपक्षी दलों के नेता उसके पीछे चल रहे थे। मुझसे रहा नहीं गया, तो मैंने आगे बढ़कर पूछा कि आखिर किसकी मौत हो गई। उनमें

अनुज कुमार आचार्य लेखक, बैजनाथ से हैं ‘सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी’ द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार फरवरी 2019 में भारत में बेरोजगारी की दर फरवरी 2018 के मुकाबले 5.9 फीसदी से बढ़कर 7.2 फीसदी हो गई है। इस समय हिमाचल प्रदेश में लगभग आठ लाख 45 हजार बेरोजगार हैं, तो ऊपर से हर साल