वैचारिक लेख

भानु धमीजा सीएमडी, ‘दिव्य हिमाचल’ लेखक, चर्चित किताब ‘व्हाई इंडिया नीड्ज दि प्रेजिडेंशियल सिस्टम’ के रचनाकार हैं ट्रंप और मोदी के मध्य यह तुलना दर्शाती है कि जहां एक अमरीकी राष्ट्रपति को अंधाधुंध दौड़ने से तुरंत रोक दिया जाता है, एक भारतीय प्रधानमंत्री अपने समूचे कार्यकाल के दौरान मनमानी जारी रख सकता है। यह दो

सतपाल सिंह सत्ती प्रदेश भाजपा अध्यक्ष केंद्र की मोदी सरकार द्वारा प्रदेश के लिए मंजूर किए गए जिन विकासात्मक प्रोजेक्टों के लिए भूमि प्रदान करने के मामले पूर्व सरकार के कार्यकाल में ठंडे बस्ते में डाल दिए गए थे, उन्हें प्रदेश की भाजपा सरकार ने बीते एक साल के दौरान विशेष प्राथमिकता देकर इन विकासात्मक

डा. भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक अब जीएसटी तो लागू हो ही गया है, अब इसकी भर्त्सना मात्र करने का कोई औचित्य नहीं है। उपाय यह है कि छोटे उद्योगों को कंपोजीशन स्कीम में इनपुट पर अदा किए गए जीएसटी का रिफंड लेने की सुविधा दे दी जाए। उपरोक्त उदाहरण में छोटा उद्यमी जो बिना छपे

किशन चंद चौधरी लेखक, बड़ोह, कांगड़ा से हैं ग्रामीण क्षेत्रों में जंगली जानवरों द्वारा फसलें नष्ट करने के कारण किसान खेती नहीं कर पा रहे हैं, इससे जहां बेरोजगारी बढ़ रही है, वहीं खेती से प्राप्त होने वाले खाद्यान्न में भारी कमी आ रही है। गांवों से युवा का पलायन हो रहा है। इससे एक

डा. अश्विनी महाजन स्वतंत्र लेखक हाल ही में देश ने भारतीय रिजर्व बैंक के संदर्भ में एक बड़ी बहस और घटनाक्रम देखा है। भारतीय रिवर्ज बैंक कहें या दुनिया का कोई भी केंद्रीय बैंक उसके और सरकार के बीच अकसर आर्थिक नीतियों के बारे में द्वंद्व चलता रहता है। द्वंद्व का कारण होता है कि

जयंती लाल भंडारी ख्यात अर्थशास्त्री जीएसटी संग्रह लक्ष्य से करीब एक लाख करोड़ रुपए कम है। विनिवेश लक्ष्य प्राप्ति से दूर है। तेल सबसिडी व अनाज सबसिडी का अतिरिक्त बोझ स्पष्ट दिखाई दे रहा है। देश की अर्थव्यवस्था के समक्ष एक बड़ी नई चुनौती किसानों की कर्जमाफी से संबंधित है। यदि किसानों की कर्जमाफी का

बचन सिंह घटवाल लेखक, कांगड़ा से हैं जिस तरह सैलानी सर्दियों में बर्फ के दीदार से आनंदित होते हैं, उसी तरह झील की मनोहरता व विदेशी मेहमान परिंदों  का दीदार उनके जीवन में रंगत का समावेश जरूर करेगा। इसके लिए झील के परिदृश्य को संवारने के लिए बहुत कुछ करना बाकी है। झील पर आसपास

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं जिस षड्यंत्र को पंजाब के लोगों ने पूरा नहीं होने दिया, उसको सोनिया कांग्रेस के इन्हीं सज्जन कुमारों ने पूरा कर दिखाया। इन्होंने भाड़े के लोगों से दिल्ली में ही तीन दिन में तीन हजार लोग मार दिए। सरकार और पुलिस ने सब कुछ देखते हुए भी

दिनेश कुमार पुंडीर लेखक, गिरिपार से हैं प्रदेश सरकार और नोडल एजेंसियां प्रदेश से अपनी रिपोर्ट भेजती हैं कि हाटी कबायली क्षेत्र जनजातीय मांग का हकदार है, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर फाइलों में हमेशा कोई न कोई आपत्ति दर्ज करवाकर फाइल लौटा दी जाती है। इससे क्षेत्र के युवा वर्ग मेंआंदोलन की चिंगारी सुलगने लगी है। युवा