कुलभूषण उपमन्यु

कुलभूषण उपमन्यु अध्यक्ष, हिमालय नीति अभियान वर्तमान प्रारूप में बहुत सी परियोजनाओं को बी-2 श्रेणी में रख कर पर्यावरण प्रभाव आकलन की कई प्रक्रियाओं से मुक्त कर दिया है। इस श्रेणी की परियोजनाओं को सीधे नियामक प्राधिकरण द्वारा देखा जाएगा। राज्य विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति को भी मामला भेजा नहीं जाएगा। मुद्दों को निर्धारित करने, जनसुनवाई

कुलभूषण उपमन्यु अध्यक्ष, हिमालय नीति अभियान केवल धर्म के बूते चलने वाले समाज कहां हैं? यदि होते तो शासन व्यवस्था की जरूरत ही नहीं होती। जहां धर्मों ने शासन व्यवस्था को संभाल लिया है, वहां भी धार्मिक उपदेशों से नहीं बल्कि ज्यादा कड़े कानूनों से ही समाज को चलाना पड़ता है। इसका अर्थ हुआ कि

कुलभूषण उपमन्यु अध्यक्ष, हिमालय नीति अभियान स्वचालित तकनीकों को उन्हीं क्षेत्रों तक सीमित कर देना होगा जहां और कोई विकल्प संभव न हो या खतरे वाला काम हो। सूक्ष्म और कुटीर उद्योगों को गांव-गांव में स्थापित करना होगा ताकि गांवों से शहरों को रोजी की तलाश में पलायन न हो और शहर में झुग्गी बस्तियों

कुलभूषण उपमन्यु अध्यक्ष, हिमालय नीति अभियान उस पर सस्ते उत्पादन के लिए एक ओर प्राकृतिक कच्चे मालों का मूल्यांकन अन्यायपूर्ण तरीके से कम आंका जाता है, दूसरी ओर सस्ते श्रम की खोज और श्रम की जरूरतों को घटाने की क्षमता के विकास के लिए ऑटोमेशन को प्रोत्साहित करके रोजगार के अवसरों को समाप्त करते जाने

कुलभूषण उपमन्यु अध्यक्ष, हिमालय नीति अभियान कितनी चिंता की बात है कि सदियों की गुलामी से निकलने के बावजूद उसके दुष्परिणामों और कारणों को भूल कर वही गलतियां दोहराने में ही अपनी बहादुरी बखानने लगते हैं। कुछ जाति के आधार पर जहर फैलाने के काम में लगे हैं जबकि जरूरत तो जातिवाद के दुर्गुणों को

कुलभूषण उपमन्यु अध्यक्ष, हिमालय नीति अभियान इन दिनों थाईलैंड के चियांग माई में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम, जीआईजेड एशिया मूल निवासी जन संगठन आदि के तत्त्वावधान में जैव विविधता के महत्त्व को समझने और 2020 से 2050 तक इस पर भविष्य की सोच का खाका तैयार करने के लिए एक बैठक हो रही है। जिसमें

कुलभूषण उपमन्यु अध्यक्ष, हिमालय नीति अभियान भाखड़ा, और पौंग के विस्थापित अभी तक लटके हुए हैं। कुछ लोगों ने अपने लिए जीवन यापन के नए आधार तो खड़े कर लिए हैं किंतु उसमें दो पीढि़यां खप गईं। अपनी जड़ों से उखड़ कर नई जगह पर बसना सदा ही पीड़ादायक होता है किंतु यदि पुनर्वास की

कुलभूषण उपमन्यु अध्यक्ष, हिमालय नीति अभियान अपने देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी नेल्सन मंडेला और मार्टिन लूथर किंग जूनियर जैसे अनेक आंदोलनकारी गांधी से प्रेरित होते रहते हैं। असल में समस्या की जड़ में गांधी का नैतिक- आध्यात्मिक मूल्यों को व्यक्तिगत जीवन से उठा कर सामाजिक और राजनीतिक धरातल पर स्थापित करने

कुलभूषण उपमन्यु अध्यक्ष, हिमालय नीति अभियान काफी समय से चर्चित राष्ट्रीय वन नीति का प्रारूप 21 नवंबर 2019 को विभिन्न मंत्रालयों की बैठक में स्वीकृत हो गया है। इसे वन नीति 2018 कहा जाएगा। वन हमारे देश में एक ऐसा संसाधन रहा है जिसके बारे में अलग-अलग समय पर अलग तरह की सोच रही है।