पीके खुराना

आप भी सफल होना चाहते हों तो यह समझ लें कि सफलता आसान नहीं होती। सफलता आपकी सारी ऊर्जा चाहती है, सारा ध्यान चाहती है। यदि आप इसके लिए तैयार हैं तो दुनिया की कोई शक्ति आपको सफल होने से नहीं रोक सकती, फिर चाहे आप सफल लेखक बनना चाहते हों, सफल नेता बनना चाहते

हम कितनी ही बढि़या योजना बना लें, परिस्थितियां तथा आसपास के लोग हमारे लिए चुनौतियां बन सकते हैं… मैं हमेशा से मानता आया हूं कि गरीबी अपने आप में कोई गुण नहीं है और अमीरी अपने आप में कोई अवगुण नहीं है। फर्क तब पड़ता है जब कोई गरीब व्यक्ति स्वयं को बेबस मानकर प्रयत्न

अकेलापन दूर करना तो और भी आसान है। आपको जब भी अकेलापन महसूस हो, जब भी आपको यह लगे कि आप भीड़ में होते हुए भी अजनबी हैं, परिवार में रहकर भी अलग-थलग हैं तो आपको यह देखना चाहिए कि आपका कौन सा ऐसा मित्र है जिससे आपने लंबे समय से बात नहीं की, उन्हें

किसानों को सीधे धन मुहैया करवाना एक अस्थाई उपाय है। विभिन्न जिन्सों के दाम तय करने की नीति और प्रक्रिया में आमूलचूल परिवर्तन की आवश्यकता है। ये विसंगतियां दूर होंगी तो व्यवसाय के साथ-साथ कृषि भी फलेगी-फूलेगी। तभी देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और हमारे युवाओं के लिए कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्र में रोजगार

जीवन की तीसरी स्टेज में परिवर्तन हमारे अंदर होता है। तब हम कहते हैं कि लाइफ हैपन्स इनसाइड अस। जीवन हमारे अंदर घटित हो रहा है, हमारी सोच विकसित हो रही है, हम खुद को तराश रहे हैं, हम बदल रहे हैं, हम दुनिया को बदलने की कोशिश नहीं करते, किसी दूसरे पर नियंत्रण की

तुर्रा यह कि खुद सत्तासीन दल के सांसदों के उन स्वीकृत सवालों का जवाब देने से मना कर दिया जाता है जो सरकार की परेशानी का सबब बन सकते हैं। भाजपा सांसद सुब्रहमण्यन स्वामी भी सरकार की इस नीति का शिकार हो चुके हैं। पिछले साल 2 दिसंबर की सुबह उन्हें सूचित किया गया कि

भारतवर्ष में यदि सरकार द्वारा पेश कोई बिल संसद में गिर जाए तो सरकार को इस्तीफा देना पड़ता है, इसीलिए पार्टियां ह्विप जारी करती हैं। अमरीका में कोई बिल पास हो या न हो, इससे राष्ट्रपति को कोई फर्क नहीं पड़ता। वह अपनी निश्चित अवधि तक काम करने के लिए स्वतंत्र है, वह अपने मंत्रिमंडल

मायावती की इस कमज़ोरी का लाभ भी अखिलेश यादव को मिल रहा है। सन् 1985 के लोकसभा चुनावों में जब राजीव गांधी ने अप्रत्याशित रूप से कांग्रेस की सबसे बड़ी जीत दर्ज की थी तो भाजपा कहीं भी दिखाई नहीं देती थी। एनटी रामाराव की तेलुगू देशम पार्टी एक राज्य में ही सीमित होने के

गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए सन् 2007 में राज्य के विधानसभा के चुनावों में मोदी ने मुस्लिम समुदाय के विरुद्ध नफरत का माहौल पैदा करके हिंदू वोटों का सफल ध्रुवीकरण किया था। इसी ब्रह्मास्त्र का प्रयोग करते हुए सन् 2019 में राम मंदिर और हिंदू जागरण को मुद्दा बनाया। सर्जिकल स्ट्राइक ने मोदी की छवि

यह सच है कि हम सभी में दुनिया बदलने की ताकत है, पर इसकी शुरुआत खुद से ही होती है। कुछ और बदलने से पहले हमें खुद को बदलना होता है, खुद को तैयार करना होता है, अपनी योग्यता बढ़ानी होती है, अपने दृष्टिकोण को सकारात्मक रखना होता है, अपने साहस को फौलाद करना होता