डा. वरिंदर भाटिया

आज बैंकिंग उद्योग को सिर्फ निजीकरण की जरूरत नहीं, बल्कि सार्वजनिक बैंकों के कामकाज की पारदर्शिता, प्रभावी विनियमन, सुपरविजन और बेहतर मैनेजमेंट की ज़रूरत है जिससे बैंकों के बढ़ते एनपीए पर नियंत्रण हो सके और उनकी वसूली हो सके। बैंकिंग क्षेत्र पर सरकार और आरबीआई का दोहरा नियंत्रण भी एक समस्या है… सरकारी बैंकों का

चीन भी अपनी डिजिटल मुद्रा को लॉन्च करके मुद्रा और भुगतान प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव लाने की दिशा में कार्य कर रहा है। ऐसे में भारत के लिए डिजिटल करंसी को लॉन्च करना न केवल वित्तीय प्रणाली में बदलाव लाने की दिशा में महत्त्वपूर्ण है, बल्कि यह रणनीतिक दृष्टि से भी काफी आवश्यक है… भारतीय

हमें देश हित में अर्थव्यवस्था के भविष्य को लेकर पॉजिटिव रहना होगा। यकीनन हमारी आर्थिकी मंदी से जीतेगी। सुझाव है कि इंफ्रास्ट्रक्चर और टेक्नोलॉजी सेक्टर की नीतिगत समस्याओं को दूर करना होगा और उसे प्राइवेट प्लेयरों के लिए दिलचस्प बनाना होगा। सरकार को सार्वजनिक सुविधाओं के क्षेत्र में निवेश करना चाहिए… कोरोना वायरस महामारी की

इस कमेटी ने खतरे की आशंका को भांपते हुए अलकनंदा और भागीरथी पर बनी 23 जलविद्युत परियोजनाओं को बंद करने की सिफारिश की थी। सभी जगह हमारे पहाड़ व्यापारिक और आर्थिक दोहन का शिकार हो रहे हैं। आखिरकार हम प्रकृति और पर्यावरण के प्रति आर्थिक फायदों के लिए इतने क्रूर क्यों हो गए हैं… पहाड़ी

डा. वरिंदर भाटिया कालेज प्रिंसिपल घर पर कंप्यूटर या पर्याप्त संख्या में मोबाइल न होने के कारण जहां ऑनलाइन पढ़ाई में लड़कों को लड़कियों पर प्राथमिकता दी गई, वहीं कोरोना के कारण आर्थिक तंगी से भी लड़कियों की पढ़ाई छूटने का डर शामिल हो गया। इस सर्वे के अनुसार 37 फीसदी लड़कों की तुलना में

जानकारों का कहना है कि कोरोना संकट की वजह से लोगों ने काफी मुश्किलों का सामना किया है। महंगाई की वजह से इलाज के खर्चे काफी बढ़ गए हैं और वर्क फ्रॉम होम करने की वजह से नौकरीपेशा लोगों का बिजली और अन्य यूटिलिटी पर खर्च काफी बढ़ गया है। लेकिन इस पर भी कुछ

जाहिर है भारत इस पहलू में भी काफी पीछे है। भारत में जो स्कूल हैं, उनकी ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, स्वीडन, फिनलैंड आदि के स्कूलों से तुलना नहीं की जा सकती। भारत को अभी शिक्षा पर बहुत ज्यादा निवेश करने की आवश्यकता है। अगर शिक्षा में निवेश नहीं बढ़ता है तो इस क्षेत्र में भारत पिछड़

प्राचीन भारतीय शिक्षा पद्धति का एक प्रमुख तत्त्व गुरुकुल व्यवस्था रही है। इसमें विद्यार्थी अपने घर से दूर गुरु के घर पर निवास कर शिक्षा प्राप्त करता था। गुरु के समीप रहते हुए विद्यार्थी उसके परिवार का एक सदस्य हो जाता था तथा गुरु उसके साथ पुत्रवत व्यवहार करता था। आत्म-निर्भरता की भावना विकसित होती

डा. वरिंदर भाटिया कालेज प्रिंसिपल भारतीय उद्योग जगत ने पश्चिम को बताया है कि प्रबंधकीय विशेषज्ञता में वह भी उनसे कंधे मिला सकता है। आज कई बहुराष्ट्रीय भारतीय कंपनियों ने विदेशों में जाकर अन्य बहुराष्ट्रीय कंपनियों से न केवल टक्कर ली है, बल्कि उनसे ज्यादा अच्छे परिणाम दिए हैं। देश में पॉलिटिकल फ्रंट पर कामयाबी

वर्क फ्रॉम होम के इस कल्चर से फायदा भी और नुकसान भी हुआ। साल 2020 के जून और जुलाई के महीने में करीब 1000 लोगों पर किए गए सर्वे के मुताबिक भारत में वर्क फ्रॉम होम के कल्चर से हर तीन में से एक कर्मचारी ने हर महीने कम से कम तीन हजार से पांच