ब्लॉग

अगर जनमंच के दौरान सुनी गई समस्याओं और उनको सुलझाने के लिए आला अधिकारी पूरा ध्यान दें तो लोगों को काफी लाभ हो सकता है। पूरे प्रदेश में जब जनमंच कार्यक्रम सजता है तो विभिन्न विभागों के मंत्री वहां जनता की समस्याओं को प्रशासन के सामने सुनते हैं। कुछ समस्याओं का निवारण उसी समय तो

ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे वह भी पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन और पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के रास्ते पर चल पड़े। जिस प्रकार से इन दोनों ने राजनीति को अपनाया वैसे ही श्रीधरन ने भी राजनीति में कदम रखा है। वास्तव में पार्टी राजनीति में बहुत सी गिरहें होती हैं और

लोक कलाओं को ढो रहे परंपरागत तथा पुश्तैनी कलाकारों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। विभिन्न कलाओं को आगे बढ़ाने में समाज के सभी धर्मों, वर्गों, जातियों का योगदान रहता है। इन्हें आर्थिक संरक्षण दिए जाने की नितांत आवश्यकता है। प्रदेश में विभिन्न कलाकारों एवं कलाओं के संरक्षण, संवर्धन तथा सांस्कृतिक विकास के उद्देश्य से

आश्चर्य यह है कि प्रकृति का पूजन करने वाली भारतीय संस्कृति आज हमारी धरती, पानी और वनस्पति को नष्ट करने पर तुली हुई है। इसकी तुलना में भोगवादी कहलाने वाली अमरीकी संस्कृति ने तमाम क्रियाशील जलविद्युत परियोजनाओं को सिर्फ  इसलिए हटा दिया है कि वहां के लोग खुली और अविरल बहती हुई नदी में स्नान

हिमाचल प्रदेश के किन्नर कैलाश, धौलाधार और मध्य हिमालय क्षेत्र में विगत 10 वर्षों में 265 नई ऐसी झीलों का निर्माण रिकॉर्ड किया गया है जिससे संपूर्ण ऊपरी क्षेत्र में एवलॉन्च आने की गति और संख्या दोनों बढ़ सकती हैं… भारत में यद्यपि विश्व के अन्य भूभागों की तरह बड़ी नदी बांध परियोजनाओं के विरोध

चूंकि सरकारी बैंकों में बड़ी तादाद में कर्मचारी हैं, अतएव निजीकरण के बाद खरीददार कर्मचारियों को किस तरह रोजगार में बनाए रखेगा, इस विषय पर भी विस्तृत खाका तैयार किया जाना होगा। साथ ही सरकारी बैंकों के सफल निजीकरण के लिए सरकार के द्वारा परिचालन के मसलों को भी प्रभावी ढंग से निपटाया  जाना होगा।

इसके अतिरिक्त कच्ची घानी तेल की पैदावार करने के लिए बैलों पर आधारित ऑयल मिल स्थापित करने के लिए अनुदान दिया जाना चाहिए, जिससे गांवों में दिन-प्रतिदिन बढ़ती बेरोजगारी की समस्या का भी समाधान होगा। जो युवा किसान बैलों पर आधारित कृषि बिजाई का कार्य करना चाहते हैं, उन्हें मनरेगा के अंतर्गत कार्य दिवस के

डा. ओपी जोशी स्वतंत्र लेखक देश के 10 लाख से ज्यादा जनसंख्या वाले 42 शहरों में वायु-प्रदूषण नियंत्रण के कार्य किए जाएंगे। इसके साथ ही पूर्व में चलाया जा रहा ‘राष्ट्रीय स्वच्छ हवा अभियान’ भी चयनित शहरों में जारी रहेगा। इस कार्यक्रम के तहत इसमें शामिल शहरों में वर्ष 2024 तक वायु-प्रदूषण का स्तर 30

दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले, जहां से देश के प्रधानमंत्री राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं, की रक्षा भी यदि पुलिस न कर सके तो उससे आम जनमानस की सुरक्षा की क्या उम्मीद रखी जा सकती है। पुलिस उच्चकोटि के अपने चरित्र का प्रदर्शन करे… पुलिस को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए विभिन्न प्रकार की प्रताड़नाएं