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बॉलीवुड की खूबसूरत अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद का नाम तो है बल्कि उनकी आगामी फिल्म ‘पहुन’ ने  भी अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीते हैं हाल ही में उनकी फिल्म की खबरें सामने आई हैं और वह खबर यह है कि प्रियंका की इस फिल्म की रिलीज डेट सामने आ गई है।  अब लगता है

हमारे महान नेता गांधीजी और जवाहर लाल जी दोनों को बच्चों से प्रेम था। वे उनके साथ बातें करते थे, खेलते थे । नेहरू जी बच्चों के  नाच गाने से खुश होते थे। वे उन्हें महान अतीत की कहानियां सुनाते थे और भविष्य के लिए उनके सामने एक आदर्श रखना चाहते थे। बच्चों के स्वभाव

उत्तराखंड का उत्तरायण पर्व हो या केरल का ओणम, कर्नाटक की रथसप्तमी हो या बिहार का छठ पर्व, सभी इसके द्योतक हैं कि भारत मूलतः सूर्य संस्कृति के उपासकों का देश है तथा बारह महीनों के तीज-त्योहार सूर्य के संवत्सर चक्र के अनुसार मनाए जाते हैं… छठपूजा अथवा छठ पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी

यह प्रतिमा बड़े बाबा जी के नाम से प्रसिद्ध है। प्रतिमा पद्मासन मुद्रा में है और 15 फुट ऊंची है। कुंडलपुर का अतिशय बहुत निराला और प्राचीन है, श्रीधर केवली की निर्वाण भूमि होना, यह अवगत कराती है कि ईसा से छह शताब्दियों पूर्व भगवान महावीर स्वामी का समवसरण यहां पर आया था। एक शिलालेख

कार्तिक शुक्ल पक्ष, प्रतिपदा से सप्तमी तक गो-गोप-गोपियों की रक्षा के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को धारण किया था। 8वें दिन इंद्र अहंकार रहित होकर भगवान की शरण में आए… गोपाष्टमी ब्रज में संस्कृति का एक प्रमुख पर्व है। इस बार यह पर्व 16 नवंबर को मनाया जा रहा है। गउओं की रक्षा

माना जाता है कि यहां देवी पार्वती के होंठ गिरे थे, इसलिए यहां शक्तिपीठ स्थापित हुआ। यहां मां अर्बुदा देवी की पूजा माता कात्यायनी देवी के रूप में की जाती है, क्योंकि अर्बुदा देवी मां कात्यायनी का ही स्वरूप कहलाती हैं.. भारत में माता के 51 शक्तिपीठ हैं और सभी शक्तिपीठों का अपना अलग महत्त्व

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के लडभड़ोल तहसील के सिमस नामक खूबसूरत स्थान पर स्थित माता सिमसा मंदिर दूर-दूर तक प्रसिद्ध है। माता सिमसा या देवी सिमसा को संतान दात्री के नाम से भी जाना जाता है। हर वर्ष यहां निसंतान दंपति संतान पाने की इच्छा ले कर माता के दरबार में आते हैं। नवरात्रों

कुछ दिनों से दिल्ली की हवा में परिवर्तन देखने को मिल रहा है अर्थात दिल्ली की हवा एक बार फिर से जहरीली हो चुकी है। पड़ोसी राज्यों में पराली के जलने के कारण शहर की आबोहवा में प्रदूषण बढ़ गया है। यह प्रदूषण बच्चों के स्वास्थ्य के लिए विशेषतौर पर नुकसानदेह है। यह समस्या दीपावली