आस्था

 हमारे ऋषि-मुनि, भागः 51 एक दिन प्रातः मुंह अंधेरे बालक कबीर पंचगंगा घाट की सीढि़यों पर जा बैठे। स्नान के लिए स्वामी रामानंद आए। उनका पांव इस बालक पर पड़ा। उनके मुंह से राम-राम निकला। बालक ने इसे ही दीक्षा का मंत्र मान लिया। ये गुरु मुख से निकले शब्द थे। तब से बालक कबीर

स्वामी रामस्वरूप अतः विभूति का अर्थ हुआ वेदाध्ययन एवं अष्टांग योग साधना द्वारा योगी जो अलौकिक आनंद प्राप्त करता है, समाधिस्थ होता है अणिमा, महिमा, गरिमा आदि सिद्धियां प्राप्त करता है तथा इस प्रकार ईश्वर के समान कहलाता है। वह योगी भी ईश्वर की विभूति है, क्योंकि उसमें ईश्वर की विभूति जो कि वेद विद्या

तेजी से सांस लेने को हाइपरवेंटिलेशन भी कहा जाता है। व्यक्ति को हार्ट फेलियोर, फेफड़ों में संक्रमण, दम घुटने आदि के दौरान हांफने जैसे लक्षणों का सामना करना पड़ता है। ये कोई बीमारी नहीं है, लेकिन ये किसी गंभीर बीमारी का लक्षण हो सकता है… जो व्यक्ति १ मिनट में सामान्य से अधिक बार सांस

नारद जी ने उनकी पुत्री की हस्तरेखा देख कर कहा कि आपकी पुत्री बहुत भाग्यशाली है, इसे चिरंजीवी, अजर-अमर, सुंदर और शतोगुणी प्रधान वर मिलेगा, जिसकी कीर्ति समस्त लोकों में हो। नारद जी उस कन्या के रूप को देख कर मोहित हो गए। उन्हें अपने आप में भी वे सब गुण नजर आए जो उसकी

दांतों में सड़न एक प्रकार के ग्रुप कीटाणुओं से होती है, जिसे म्यूटन स्ट्रेपटाकोकस के नाम से भी जाना जाता है। ये गु्रप मुंह में मौजूद शुगर को खाते हैं, जिसके कारण मुंह में एक प्रकार का एसिड बन जाता है। यह एसिड कैल्शियम को कम करता है, साथ ही दांत की संरचना को भी

गतांक से आगे… अखंडबोधोऽहमशेषसाक्षी निश्वरोऽहं निरहं च निर्ममः।। मैं अखंड बोधस्वरूप हूं, सबका साक्षी हूं तथा अहंता और ममता से रहित हूं। सर्वेषु भूतष्वहमेव संस्थितो ज्ञानात्मनांतर्बहिराश्रयः सन्। भोक्ता च भोग्यं स्वयमेव सर्वं यद्यत्पृथग्दृष्टमिदन्तया पुरा।। ज्ञानस्वरूप से सबका आश्रय होकर समस्त प्राणियों के बाहर और भीतर मैं ही स्थित हूं तथा पहले जो-जो पदार्थ इंदवृत्ति द्वारा

गालों की हड्डियां उभरी हुई थीं। उसके चेहरे की खाल ऐसी थी जैसे पुराना तथा सूखा हुआ चमड़ा हो, जो जबरदस्ती किसी कंकाल को पहना दिया गया हो। एक बार तो राजनाथ की बोलती ही बंद हो गई। मगर उसने फिर हिम्मत करके पूछा, च्इस ताबूत को इतनी रात में कहां ले जा रहे हो?ज्

* मनुष्य की महत्ता उसके कपड़ों से नहीं, बल्कि उसके आचरण से होती है * क्रोध एक ऐसी आंधी है, जो विवेक को नष्ट कर देती है * अपने को संकट में डाल कर कार्य करने वालों की विजय होती है, कायरों की नहीं * यदि मार्ग कांटो भरा हो और आप नंगे पांव हो,

* गर्म दूध में हल्दी डालकर पीने से दर्द और पुरानी खांसी से राहत मिलती है। * होठों पर कच्चा दूध लगाने से होठों का कालापन दूर हो जाता है और होंठ गुलाबी हो जाते हैं। * दिल की धड़कन बढ़ जाने पर सेब का मुरब्बा सुबह-शाम खाने से लाभ होता है। * यदि बच्चा