संपादकीय

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दोनों सदनों में महिला के प्रजनन अधिकारों पर ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया है, जिसे अभद्र, अमर्यादित, असंसदीय और अंतत: अश्लील करार दिया जा सकता है। वह भाषा न तो लिख कर दोहराई जा सकती है और न ही कही जा सकती है। परिवार में भी इतनी मर्यादा और परदा रखा जाता है कि ऐसी भाषा को साझा नहीं किया जा सकता। ऐसे शर्मसार और निर्लज्ज बयान देने वाले नीतीश कुमार कमोबेश देश के पहले मुख्यमंत्री हैं। वह नौसीखिया राजनीतिज्ञ नहीं हैं, बल्कि बीते 18 सालों से बिहार के मुख्यमंत्री हैं। ‘सुशासन बाबू’ विशेषण उनकी शख्सियत के साथ चिपका दिया गया है। बेशक ‘लड़कियों के लिए साईकिल’ और ‘शराबबंदी’ सरीखी योजनाएं उन्होंने बिहार में

हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के कम से कम मंडी दौरे ने यह बता दिया कि पार्टी के सामने लोकसभा चुनाव की दीवार खड़ी है। ताजी सत्ता के सामने लोकसभा चुनाव के पैमानों की सियासत तो रहेगी ही, लेकिन तख्त और ताज की परीक्षा में सरकार के ढर्रे का मूल्यांकन भी होगा। यह इसलिए भी कि कांग्रेस इस समय देश के सामने फिर युग परिवर्तन की भूमिका में आगामी चुनाव की धुरी से, विपक्षी एकता के स

बदलते सामाजिक व्यवहार से हिमाचल पुलिस का मुकाबला अगर यूं ही कानून व्यवस्था को गच्चा देता रहा, तो सुकून की ये गलियां नहीं बचेंगी। कानून के दायरे और परिभाषा को गढ़ते पुलिस इंतजाम ने मान लिया कि एक भोला-भाला हिमाचल उसकी नोक के नीचे रहेगा, लेकिन अब मसले प

फिल्म अभिनेत्रियों रश्मिका मंधाना औा कैटरीना कैफ के ‘डीपफेक’ वीडियो बनाकर दुनिया भर में जिस तरह प्रसारित किए गए, उससे लगता है कि हम, मनुष्य, कितने असहाय और असुरक्षित हैं। कृत्रिम बौद्धिकता किस तरह हमें छल सकती है और अपना शिकार बना सकती है। इस प्रौद्योगिकी पर विश्व इतरा रहा है और सार्वजनिक इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है। मनुष्य अहंकार में है कि उसने एक और मानव-जाति की रचना कर ली है। वह नहीं जानता कि यह मानवता के लिए कितना खौफनाक खतरा है, संकट है! ‘डीपफेक’ बनाना मुश्किल नहीं है। उसके रचयिता चेहरे और आ

‘चलो कहीं भरपूर विकास दिखाया जाए, सियासी मिट्टी पर सीमेंट उगाया जाए।’ कुछ इसी तरह के उदाहरणों का मिट्टी परीक्षण होता रहा है और वर्तमान सरकार ने भी निरीक्षण-परीक्षण की जिरह पैदा करते हुए, हिमाचल में प्रगति का मुआयना शुरू किया है। संस्थानों की डिनोटिफिकेशन के बाद यह तो साबित हो रहा है कि चुनावी

इजरायल-हमास युद्ध को एक महीना बीत चुका है। हमास आतंकी गुट के कई ठिकाने, कमांड सेंटर ‘मलबा’ किए जा चुके हैं। कई कमांडरों को ढेर करने के दावे इजरायली सेना कर रही है। हमास की भूमिगत सुरंगों को भी ‘मिट्टी’ किया जा रहा है। हालांकि इस जमीनी लड़ाई में इजरायल के भी 30 से ज्यादा

ऐसा साबित होने लगा है क्रिप्टो के जाल में तड़प रही मछलियों के शिकारी सरकारी कार्यालयों के कर्मचारी-अधिकारी भी होने लगे हैं। अब तक हुई डेढ़ दर्जन गिरफ्तारियों के सुराग प्रदेश की छवि में इतना तो घर कर रहे हैं कि हिमाचल के दफ्तरी माहौल में अवांछित धनोपार्जन के अड्डे विकसित हो रहे हैं। कहीं

‘मास्टर ब्लास्टर’ सचिन तेंदुलकर के एकदिनी 49 शतकों की बराबरी…अपने ‘आदर्श’ के समान एक प्रेरित, महानायक बल्लेबाज विराट कोहली…क्रिकेट की टीम इंडिया के दो सूत्रधार एक ही कीर्तिमान को साझा करते हुए…एक आराधक और एक आराध्य-सी प्रतिमा के संबंधों का इतिहास…शिक्षक और विद्यार्थी नहीं, साथ खेलने वाले दो अंतरराष्ट्रीय बल्लेबाज आज एक ही लक्ष्य पर

हिमाचल की सियासत ने इतिहास की नई संरचना के स्वार्थ में पौराणिक भूमिका भुला दी है। आज का हिमाचल कहीं अलग खड़ा होने के लिए तर्क बदल रहा है, तो हम भूल रहे हैं कि ये सदियां हमने कैसे गुजारीं। इतिहास अपने शैशव काल से पुरातन सभ्यता के दस्तावेज लिए अशोक काल से आधुनिक परिवेश