संपादकीय

मिठाई के सीजन में मिल्कफेड की मिठास और एक कवायद साल के जश्न में कुछ दिखाने की। मिठाई को हाथों में थामे मिल्कफेड इस बार गिफ्ट पैक में बाजार की मोहब्बत दिखा रहा है, जहां खरीददार के लिए एक ब्रांड है हिमाचल। इसमें दो राय नहीं कि दिवाली की मिठाई और लोहड़ी की गज़क के बहाने मिल्क फेडरेशन अपनी उपस्थिति के साथ स्वाद लेकर आती है। यह भी सही है कि गुणवत्ता के आधार पर ये उत्पाद अपनी खासियत

जब सोमनाथ चटर्जी लोकसभा अध्यक्ष थे, तब 11 सांसद आरोपित हुए थे कि वे नकद कबूल कर संसद में सवाल पूछते थे। प्रथमद्रष्ट्या सांसद भ्रष्टाचार में संलिप्त पाए गए, नतीजतन स्पीकर ने उनकी सांसदी खारिज कर दी थी। उनमें भाजपा के सांसद भी थे। केंद्र में कांग्रेस नेतृत्व की यूपीए सरकार थी और डॉ. मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थे। इस मामले पर संसद के भीतर और बाहर खूब हंगामा मचा था। दरअसल वह एक मीडिया ऑपरेशन था, जिसमें छिपे कैमरे से वह भ्रष्टाचार रिकॉर्ड किया गया था। मामला सर्वोच्च अदालत तक पहुंचा, लेकिन उसने स्पीकर के सं

हिमाचल के बंद रोशनदान पूर्व दिशा में भी नहीं खुलते, आता हर दिन सूरज मगर मुलाकात नहीं करते। कुछ इसी तरह हमने सदियां गुजार दीं, आहट पर यकीं होता तो साथ चलते। हिमाचल ने सृष्टि को देखने की दृष्टि इतनी संकीर्णता से भर दी है कि यहां हिसाब के हर मोर्चे पर स्वार्थ की गवाही लगती है। स्कूल-कालेजों को परिणाम और कालेज-विश्वविद्यालयों को सिर्फ नाम भर का काम चाहिए। यहां ऐसा माहौल नहीं कि इतिहास

नजर बांधने का इंतखाब अच्छा, तेरे नाम पे ये पैगाम अच्छा। बिलासपुर दौरे पर हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने सियासी सुख की दरकार को पूरा करने का आश्वासन दिया और इस तरह मंत्रिमंडल विस्तार के लाग लपेट से हट कर जिला का नाम आया। बिलासपुर से मंत्रिमंडल का रास्ता यूं तो शिमला से दूर

भारत सरकार के कृषि मूल्य आयोग ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाया है। गेहूं रबी के मौसम की मुख्य फसल होती है। 2023-24 के लिए एमएसपी में बढ़ोतरी 150 रुपए कर गेहूं के दाम 2275 रुपए प्रति क्विंटल तय किए गए हैं। यह अभी तक की सबसे अधिक वृद्धि है, क्योंकि यूपीए सरकार

गाजा पट्टी में एक महाविस्फोट हुआ और ‘अल अहली अरब’ अस्पताल में 500 लाशें बिछ गईं। यकीनन यह नरसंहार है और युद्ध के नियमों और नैतिकताओं के विपरीत है। अस्पताल में लोग उपचाराधीन थे अथवा इजरायल की बमबारी से बचने के लिए छिपे थे। उनकी हत्या कर दी गई। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पहले हमास और फिलिस्तीन के पक्ष में रूस और चीन ने ‘वीटो’ का इस्तेमाल किया। फिर इजरायल के ‘आत्मरक्षा के अधिकार’ को लेकर अमरीका ने ‘वीटो’ का प्रयोग किया। दोनों प्रस्ताव ही ढह गए और सुरक्षा परिषद में कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। अस्पताल पर मिसाइल हमला किया गया अथवा कोई रॉकेट मिसफायर हो गया। उसका हत्यारा हमास था अथवा इजरायल की सेना ने वह नरसंहारी प्रहार किया? इस सवाल पर विरोधाभासी आरोप हैं। अरब और इस्लामी देश इजरायल को ‘नरसंहारी’ मान रहे हैं, जबकि इजरायल की दलील है कि

कुल्लू दशहरा यूं तो हिमाचली संस्कृति के नाम एक पैगाम है, लेकिन आश्चर्य यह कि कुल सात सांस्कृतिक संध्याओं में से केवल एक ही प्रदेश के कलाकारों के नाम होगी। यानी जिस दशहरा की बदौलत हिमाचल की देव संस्कृति सारे देश को आमंत्रित करेगी, वहां 85 फीसदी कार्यक्रम गैर हिमाचली कलाकारों के नाम होंगे। यह चयन की पराकाष्ठा है जो ऐसे अवसर को बालीवुड व पंजाबी कलाकारों के नाम ही नहीं करती, बल्कि समारोह के नाम पर की गई उगाही भी बाहरी कलाकारों में बांट देती है। हिमाचल एकमात्र ऐसा राज्य है जहां राज्य स्तरीय सांस्कृतिक समारोह भी बिना किसी परिपाटी के प्रशासनिक व सियासी चाटुकारिता में गुम हो रहे हैं। सुक्खू सरकार से व्यवस्था के सांस्कृतिक दायरे में जबरदस्त परिवर्तन की गु

संविधान में विवाह एक मौलिक अधिकार नहीं है, लिहाजा सर्वोच्च अदालत की संविधान पीठ ने समलैंगिक विवाह को मान्यता देने से इंकार कर दिया है। हालांकि अदालत ने समलैंगिकों के हितों और कुछ अधिकारों को संरक्षण देने की पैरवी जरूर की है। प्रधान न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने समलैंगिक विवाह के मद्देनजर विशेष विवाह अधिनियम में संशोधन करने या मान्यता देते हुए पंजीकरण करने से भी इंकार कर दिया है। प्रधान न्यायाधीश ने स्पष्ट किया है कि कानून बनाना अदालत का विशेषाधिकार नहीं है। वह सिर्फ कानून की समीक्षा और व्याख्या कर सकती है, लिहाजा इस मामले को संसद और सरकार के विवेकाधीन छोड़

मुट्ठी भर कोशिश भी बदल देती है कदमों की रफ्तार, यहां रास्ते हमेशा आपके सफर के मोहता•ा रहे हैं। हिमाचल में अतीत से अब तक कमोबेश समाज, सरकार और प्रशासनिक ढांचे ने कोशिश ही तो की और नतीजे में बदलाव की घंटियां और विकास का सफर तय हुआ। कई मानक हैं इस छोटे से पर्वतीय राज्य के