राजेश कुमार चौहान, जालंधर मोदी सरकार ने अपने अंतिम बजट में जो टैक्स में भारी छूट दी, किसानों के खाते में धनराशि देने और कामगारों के लिए जो एक निश्चित पेंशन देने का प्रावधान किया, वह तो एक चुनावी स्टंट इसलिए लगता है, क्योंकि पांच साल तक इन सबकी याद क्यों नहीं आई? मोदी सरकार
जोगिंद्र ठाकुर, भल्याणी, कुल्लू हिमाचल प्रदेश देवभूमि के नाम से विख्यात है। यहां की लोक संस्कृति और मान्यताओं में सामाजिक सद्भावना के दर्शन किए जा सकते हैं। सह अस्तित्व की भावना ही समाज के विभिन्न घटकों को पास लाती है। कुछ रूढि़यों व स्वार्थ के कारण बंजार क्षेत्र में एक देव कारज में सामाजिक सद्भाव
रवि कुमार सांख्यान, बिलासपुर सारा जनवरी मैंने खिड़कियां नहीं खोली वे दरख्तों के पत्ते गिर गए होंगे वे दरख्त जल की त्रिवेणी अवस्था में नहाए होंगे उन पर न होगा गौरैया, चिडि़यों का कलरव कहीं-कहीं मनु संतान उन्हें काट रहा होगा उनके तने से गगनचुंबी भवन बन रहे होंगे वह ऋतुराज आगमन को लालायित होगा
डा. राजन मल्होत्रा, पालमपुर भारत के प्रसिद्ध गुरु तथा 25000 करोड़ से भी ज्यादा पतंजलि उद्योग के कर्ता-धर्ता बाबा रामदेव को भारत रत्न की याद क्यों सताने लगी है? अब वह क्यों यह कहने लगे हैं कि भारत में किसी संत-महात्मा को भारत रत्न नहीं मिला और उन्हें मिलना चाहिए। जिस संत ने अपना सब
अजय पाराशर लेखक धर्मशाला से हैं 0 ज़िला की एक कहावत है-‘गिल्लड़े बाजी रही भी नी हुंदा, कनै गिल्लड़े कन्नै घड़ें-घड़ें भी’ अर्थात किसी व्यक्ति या वस्तु के बिना गुज़ारा भी नहीं और उसकी संगति में असहजता भी महसूस करना। ़करीब छह सौ साल पहले पत्रकारिता का चोला पहनकर जन्मे मीडिया बाबा की पोटली से,
कमलेश भारतीय स्वतंत्र लेखक हिमाचल से मेरा प्रेम है और जब-जब समय मिलता है, मैं इसकी ओर उमड़ पड़ता हूं। बचपन में मेरी दादी किसी धार्मिक संग के साथ बाबा बालकनाथ की यात्रा पैदल करती थी और दो वर्ष मैं भी उनके साथ इस यात्रा में शामिल रहा। इतना याद है कि नवांशहर से गढ़शंकर
श्रद्धांजलि एक व्यक्ति जो कभी सरकारी नौकरी में हो, फिर नौकरी छोड़ संगठन के लिए अपने को समर्पित कर दे व ताजिंदगी उसके प्रति प्रतिबद्ध रहे, जो कवि हृदय रखता हो, संस्कृति से गहराई तक जुड़ा हो, जिसे सामाजिक परंपराओं व मान्यताओं का सटीक ज्ञान हो, जो लगातार अखबारों-पत्रिकाओं से जुड़ा रहा हो, शोधात्मक लेखन
पुस्तक समीक्षा पत्रिका : प्रणाम पर्यटन (हिंदी त्रैमासिक) संपादक : प्रदीप श्रीवास्तव प्रकाशक : प्रणाम पर्यटन पब्लिकेशन, लखनऊ कीमत : पचास रुपए पर्यटन अनुभवों का जन्मदाता होता है। महात्मा गांधी ने विदेश से लौटने के बाद रेल के सामान्य डिब्बे में देश को समझने के लिए देशाटन किया था। बच्चों के कोरे मन पर भ्रमण
डा. जयंतीलाल भंडारी स्वतंत्र लेखक नए बजट में मोदी सरकार ने 2 हेक्टेयर जमीन वाले किसानों को छह हजार रुपए प्रति वर्ष इनकम सपोर्ट देने का ऐलान किया, जो उनके अकाउंट में सीधे जमा हो जाएगा। यह रकम भारत सरकार द्वारा तीन किस्तों में जमा की जाएगी। इससे 12 करोड़ किसानों को सीधा लाभ होगा।