विचार

अपने औचित्य की जमीन पर कला, संस्कृति एवं भाषा विभाग की धूप भले ही लेखकीय अभिव्यक्ति का माध्यम बने, लेकिन इसकी छांव से दूर हिमाचल का कला जगत आज भी भटक रहा है। ऐसे में विभागीय प्राथमिकताओं की सूची से महरूम कला के कदम पारखी जमीन चाहते हैं या इसे कारवां बनाने के लिए नई

सत्येंद्र गौतम धर्मशाला वर्तमान में हमें किसी शत्रु देश से इतना खतरा नहीं है, जितना देश में पनप रहे नशे के दानव से है। नशे के सौदागरों के लिए भी भारत पैसे कमाने का सर्वोत्तम स्थान है, क्योंकि भारत विश्व में तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था होने के साथ-साथ युवा देशों में से एक है। अगर

राजेंद्र पंडित, बनेहड़, अंब जहां सरकार पूरी तरह दूसरों पर निर्भर दिव्यांगता से जूझ रहे लोगों को बेहतर सेवाएं देने के लिए कृतसंकल्प है, लेकिन धरातल पर इस वर्ग से जुड़ी कुछ दिक्कतें आज भी खासी परेशानी का कारण बनती नजर आ रही हैं। ऐसे कई लोगों को घर-द्वार पर मासिक, त्रैमासिक या छमाही आधार

राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा वर्ष 2019-20 के बजट में कृषि, मत्स्य पालन और लगभग हर गांव में छोटी-बड़ी दूध की डेयरी खोलने के लिए लोगों को विशेष पैकेज जारी किए जाएं, तो इससे प्रदेश सरकार को भी काफी कमाई हो सकती है। अगर प्रदेश में खेतीबाड़ी अच्छी होती है, ज्यादा से ज्यादा मत्स्य पालन

कोलकाता में देश की प्रमुख जांच एजेंसी सीबीआई के साथ स्थानीय पुलिस ने जो हाथापाई, धक्कामुक्की की और अफसरों को गिरफ्तार किया, वह बिलकुल अप्रत्याशित और अभूतपूर्व था। स्वतंत्र भारत में कमोबेश यह पहली बार देखने को मिला है। बेशक दलीलें कुछ भी दी जाएं, सियासी कुतर्क किए जाएं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी धरने पर बैठें

हिमाचल प्रदेश की जयराम सरकार का एक साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है। इस दौरान मुख्यमंत्री और उनकी टीम ने कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं। सरकार की जनमंच जैसी पहल से लोग सबसे अधिक खुश हैं। जनमंच के जरिए अब लोगों की शिकायतें तुरंत दूर होने लगी हैं।  सरकार की कामयाबी के पीछे

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार सोनिया गांधी और उनकी पार्टी कांग्रेस को यह पूरा अधिकार है कि वह भारत की राष्ट्रवादी सरकार को चुनावों की लोकतांत्रिक पद्धति से पराजित करे। इस काम के लिए अपने साथ कुछ दूसरे लोगों को भी मिला सकती है, लेकिन मणिशंकर अय्यर और सैयद शुजा का धारावाहिक चलाने का उन्हें

अनुज कुमार आचार्य लेखक, बैजनाथ से हैं इसी वर्ष जून में सरकार ‘राइजिंग हिमाचल’ नाम से इन्वेस्टर मीट भी आयोजित करने जा रही है। वाइब्रेंट गुजरात की तर्ज पर इस मेगा इवेंट के सफल आयोजन से निस्संदेह देश-विदेश के बड़े निवेशकों के हिमाचल में निवेश करने से हमारी पढ़ी-लिखी शिक्षित युवा पीढ़ी को घर-द्वार पर

इससे पहले केंद्र सरकारों ने जो 14 अंतरिम बजट पेश किए थे, वे ऐसे नहीं थे। अकसर लोकलुभावन योजनाओं की घोषणाएं अंतरिम बजट में नहीं की जातीं, क्योंकि पूरा बजट तो मई में चुनाव होने और फिर नई सरकार बनने के बाद जुलाई में संसद में पेश किया जाना है। यदि केंद्र में मोदी सरकार