वैचारिक लेख

अवधेश कुमार स्वतंत्र लेखक हमारे देश की हालत यह है कि अगर कोई ईवीएम या वीवीपैट खराब हुआ और कुछ देर मतदान रुक गया तो भी उसे ईवीएम के साथ छेड़छाड़ बताने का हास्यास्पद तर्क दिया जाता है। कोई मशीन नहीं जिसमें खराबी आए नहीं। खराबी आने पर उसे ठीक करने या तुरंत बदल देने

संजय शर्मा लेखक, शिमला से हैं हिमाचल एक पहाड़ी प्रदेश होने के कारण औद्योगिकरण से जुड़ी कुछ मुलभूत समस्याओं से भी दो-चार होता रहा है, मसलन मैदानी राज्यों के मुकाबले खर्चीले औद्योगिक व सामाजिक मूलभूत ढांचे का विकास, बाजार की कमी, उद्योगों की स्थापना के लिए बडे़ औद्योगिक क्षेत्रों का अभाव, समुचित दक्ष श्रमशक्ति का

पूरन शर्मा स्वतंत्र लेखक भैंस के आगे मैंने बीन बजाई तो उसने अपना सिर हिलाकर मना कर दिया। मैंने कहा-‘क्यों क्या बात है, बीन अच्छी नहीं लगती?’ इस बार भैंस कोई जवाब न देकर जोर से रंभाई तो उसकी आवाज सुनकर ज्ञानी जी प्रकट हुए और मुझसे बोले -‘क्यों भैंस को परेशान कर रहे हो,

डा. भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक किसान की आय बढ़ाने के लिए फसलों के उत्पादन और मूल्य को बढ़ाने की नीति घातक है, चूंकि देश के पास इतना पानी ही नहीं है। अतः हमें उत्पादन घटाकर किसान की स्थिति में सुधार लाना होगा। इसके लिए हर किसान, चाहे वह युवा हो या वृद्ध, उसे एक निश्चित

सतपाल सीनियर रिसर्च फेलो, अर्थशास्त्र विभाग जैव-प्रौद्योगिकी व सूक्ष्म जीव विज्ञान जहां एक ओर समाज में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है, वहीं हिमाचल प्रदेश में इन विषयों का महाविद्यालयों में अध्यापन नहीं किया जा रहा है। अगर है भी तो प्रदेश के मात्र एक- दो महाविद्यालयों तक ही सीमित है… जैव-प्रौद्योगिकी वर्तमान में मानव जीवन में एक महत्त्वपूर्ण विषय

योगेश कुमार गोयल स्वतंत्र लेखक लोकसभा चुनाव का समय नजदीक आने के साथ-साथ ईवीएम विवाद फिर गहराने लगा है। पिछले काफी समय से हर चुनाव से पहले ईवीएम के बहाने सियासत को गर्माकर सत्ताधारी दल को घेरने की देश में परंपरा सी बन गई है। हालांकि मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बैलेट पेपर से

कमलेश भारतीय स्वतंत्र लेखक राजनीति और फिल्मों का मेल किसलिए? राजनीति और खिलाडि़यों का मेल किसलिए? बिहार के मंत्री मनोज कुमार झा ने प्रियंका गांधी पर एक अभद्र टिप्पणी कर इन सवालों को उछाल दिया है। उनका कहना है कि प्रियंका गांधी सुंदर हैं, इसके अतिरिक्त उनकी कोई राजनीतिक उपलब्धि नहीं। वाह! जरा भाजपा की

अनुज कुमार आचार्य लेखक, बैजनाथ से हैं हिमाचल प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छठी से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को मिड-डे-मील योजना के तहत दोपहर का भोजन दिया जा रहा है। इस योजना के लागू होने से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कई ऐसे गरीब परिवारों के बच्चों को लाभ पहुंचा

जयंती लाल भंडारी विख्यात अर्थशास्त्री चूंकि 2019-20 का अंतरिम बजट आम चुनाव के पहले का आखिरी बजट होगा, जिसके कारण लोगों की बचत व उद्योग-व्यापार को गति देने के लिए विभिन्न प्रोत्साहनों की संभावनाएं हैं। गौरतलब है कि छोटे आयकरदाता, नौकरी पेशा वर्ग के साथ-साथ मध्यम वर्ग के लोग भी चाहते हैं कि उन्हें नए