कुलभूषण उपमन्यु

कुलभूषण उपमन्यु लेखक, हिमालय नीति अभियान के अध्यक्ष हैं नदी और उस पर आश्रित जीव जगत की अपरिहार्य पर्यावरणीय जरूरतों का तो ध्यान रखना ही पड़ेगा। यही तो करने के लिए प्रो. जीडी अग्रवाल कह रहे थे। गंगा तो भारतीय समाज की संस्कृति का अभिन्न अंग है, प्राण त्यागने के समय भी गंगाजल की दो

कुलभूषण उपमन्यु लेखक, हिमालय नीति अभियान के अध्यक्ष हैं हमें उम्मीद करनी चाहिए कि जिंदान को न्याय तो मिले ही, किंतु इस बहाने इस क्षेत्र में गहरी बैठी जातिगत भेदभाव की दीवारों को तोड़ने के भी प्रयास इस तरह से हों कि समाज में टकराव के स्थान पर मानवाधिकारों और समाज की एकता को स्थापित

कुलभूषण उपमन्यु अध्यक्ष, हिमालयन नीति अभियान इसलिए एथनोल को तरल ईंधन के विकल्प के रूप में विकसित करना और मान्यता देना जरूरी हो गया है। एथनोल प्रदूषणकारी नहीं है और भारत में इसके उत्पादन के लिए बहुत कच्चा माल भी है। एथनोल बनाने के लिए गन्ने का शीरा, सड़े-गले फल, मक्का, गेहूं काम आ सकता

कुलभूषण उपमन्यु अध्यक्ष, हिमालयन नीति अभियान आज वनों से हमारी मुख्य मांग पर्यावरण संतुलन और स्थानीय समुदायों की जरूरतों को पूरा करना है। जैसे-जैसे औद्योगीकरण बढ़ेगा, हमें ज्यादा से ज्यादा वृक्षों की जरूरत शुद्ध वायु के निर्माण के लिए होगी। इसलिए ऐसे वृक्षों के रोपण को महत्त्व देना पड़ेगा, जो बिना काटे ही आजीविका में सहयोग

कुलभूषण उपमन्यु अध्यक्ष, हिमालयन नीति अभियान इसलिए बेहतर यह होगा कि लोगों को समय-समय पर रोजगार देने और जरूरी काम निपटाने वाली विशेष व्यवस्था बनाई जाए। भले ही इसके लिए अलग कानून बनाना पड़े और ऐसी स्वयंसेवी भर्तियों पर 240 दिन में वर्कचार्ज करने की कानूनी बाध्यता को समाप्त करना चाहिए। कहने का तात्पर्य यह

कुलभूषण उपमन्यु अध्यक्ष, हिमालयन नीति अभियान इस तरह पशुपालन, भेड़-बकरी पालन, दस्तकारी और वन उत्पादों से होने वाली अन्य आय को मिलाकर पहाड़ी खेती एक इकाई के रूप में प्रस्थापित होती है। इसमें हर गतिविधि एक-दूसरे पर अन्योन्याश्रित संबंध रखती है। अतः ऐसी समग्र योजना बने, जिसमें इन सभी गतिविधियों का साथ-साथ संवर्धन हो… भारतीय

कुलभूषण उपमन्यु अध्यक्ष, हिमालयन नीति अभियान उद्योगों के लिए नीति बनाएंगे, तो औद्योगिक कचरे के निपटारे की चिंता किए बिना एकांगी योजना बना लेंगे और बाद में फिर उसके दुष्परिणामों को दूर करने के लिए नदियों के जल के शुद्धिकरण और मिट्टी प्रदूषण को उपचारित करने के लिए अलग से योजना बनाएंगे। यानी पहले बिगाड़

कुलभूषण उपमन्यु अध्यक्ष, हिमालयन नीति अभियान पांच जून विश्व पर्यावरण दिवस एक बार फिर द्वार पर है। यह दिवस हमें याद दिलाता है कि पर्यावरणीय संकट में घिरी पृथ्वी के प्रति हमारे अपने भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए क्या कर्त्तव्य हैं। हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, इस बात का ध्यान

कुलभूषण उपमन्यु अध्यक्ष, हिमालयन नीति अभियान राजाओं के समय में उसे स्थानीय राजस्व प्रशासक  जिन्हें  चाड और लखन्यारा कहा जाता था, कोहली को उसके आदेशों को पालन करवाने में मदद करते थे और मौके पर ही जुर्माना करने की शक्तियों से लैस थे। इसलिए व्यवस्था ठीक चल रही थी। कृषि कार्य मुख्य व्यवसाय था, जिसमें