भरत झुनझुनवाला

डा. भरत झुनझुनवाला लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं अपने देश में सरकारी शिक्षा तथा स्वास्थ्य सेवाएं सभी को उपलब्ध हैं। गरीब को इनका ही सहारा होता है, परंतु इन सेवाओं को उत्तरोत्तर निजी क्षेत्र द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है। निजी सेवाओं की गुणवत्ता सामान्यतः उत्तम होती है। जैसे आम तौर पर ग्रामीण निजी

डा. भरत झुनझुनवाला लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं संविधान की धारा-33 में सेना के जवानों को उनके मौलिक अधिकारों से वंचित किया गया है। इस धारा का विस्तार करके सभी सरकारी कर्मियों को धारा-33 के अंदर ले आना चाहिए और इनके मौलिक अधिकारों को निरस्त कर देना चाहिए। यदि ये सरकारी जॉब सिक्योरिटी चाहते

डा. भरत झुनझुनवाला लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं केंद्र सरकार के एक पूर्व सचिव ने बताया कि उन्हें विश्व बैंक ने 1,000 डालर यानी 65,000 रुपए प्रतिदिन की सलाहकारी का ठेका दिया है। विश्व बैंक पर अमरीका का वर्चस्व है, इसलिए विश्व बैंक की ठेकेदारी करने वाले अमरीका का विरोध नहीं कर सकते हैं।

डा. भरत झुनझुनवाला लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं सरकारी अधिकारियों और मंत्रियों के लिए सरकारी नियमों का उल्लंघन करने में ये इकाइयां मददगार हैं। सार्वजनिक बैंकों को आज लग रहे भारी घाटे में मंत्रियों एवं अधिकारियों का यह दुराचरण मुख्य कारण है। जाहिर है कि घाटे में चल रहे बैंकों का लाभ में चल

डा. भरत झुनझुनवाला लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं यदि सरकार दूसरे विचारों को सुनती, तो शायद यह गलती न करती। तब लोगों का रुपए के नोट पर भरोसा नहीं टूटता। लोग सोना नहीं खरीदते। अर्थव्यवस्था की गाड़ी के टायर की हवा नहीं निकलती और अर्थव्यवस्था चलती रहती। अर्थव्यवस्था के संचालन में सदैव विभिन्न मत

डा. भरत झुनझुनवाला लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं हिंदू राष्ट्र के सृजन में सफलता तभी मिलेगी, जब हम आज की वैश्विक चुनौतियों का स्पष्ट एवं सीधे सामना करेंगे। सर्वप्रथम बढ़ती आर्थिक असमानता पर रोक लगानी होगी। अमीर द्वारा खपत में भारी कटौती के साथ-साथ आम आदमी की खपत में सामान्य वृद्धि करनी होगी अन्यथा

  डा. भरत झुनझुनवाला लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं भारत सरकार के सामने दो रास्ते खुले हैं। एक रास्ता है कि अमरीका से याचना करें कि एच1बी पर सख्ती न की जाए, भारतीय इंजीनियरों का पलायन होता रहे, अमरीकी कंपनियां वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे बनी रहें और हम पीछे पड़े रहें। दूसरा उपाय है कि

 डा. भरत झुनझुनवाला लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं पेट्रोल से ई-कारों पर जाने के स्थान पर हमें व्यक्तिगत कारों के स्थान पर बस तथा मेट्रो की तरफ बढ़ना चाहिए। ऐसा करने से हम कई समस्याओं से एक साथ छुटकारा पा लेंगे। शहरों मे प्रदूषण कम हो जाएगा, चूंकि कारें कम चलेंगी। हमारी ऊर्जा सुरक्षा

डा. भरत झुनझुनवाला लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं अर्थव्यवस्था की दृष्टि से सौर-चंद्र कैलेंडर उत्तम बैठता है। अमरीकी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को कुछ कठिनाई हो, तो भी ब्रिटिश बहुराष्ट्रीय कंपनियों तथा मुस्लिम देशों के निवेशकों के लिए सौर-चंद्र कैलेंडर उपयुक्त रहता है। सौर-चंद्र कैलेंडर देश की जनता को अपने कार्य चंद्रानुकूल करने का अवसर देकर