डा. कुलदीप चंद अग्रिहोत्री

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं कुछ मुसलमानों ने अपनी अलग-अलग एनजीओ बना रखी हैं और इस निर्णय को लेकर आपस में बहस कर रही हैं। इस प्रकार की एक एनजीओ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड है, जिसका कहना है कि तीन तलाक पर कचहरियों को दखलअंदाजी करने का अधिकार नहीं है।

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं यह ठीक है कि ममता बनर्जी के किले को सेंध लगाने में कोई कामयाब नहीं हो रहा। उसका एक कारण विकल्पहीनता का होना है। तृणमूल को हटा कर बंगाल का मतदाता चुनाव में आखिर किस को वोट दे? सीपीएम को दोबारा वह सत्ता में लाना नहीं चाहता

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं अबोहर के डीएवी कालेज से बीए करने के बाद चेतराम जी ने सामान्य जीवन जीने के बजाय अपने लिए नया रास्ता खोजने का निर्णय लिया और इस निर्णय ने उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का प्रचारक बना दिया। प्रचारक के नाते उन्होंने अपना अधिकांश जीवन हिमाचल प्रदेश में

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं कुछ दिन पहले महबूबा मुफ्ती ने चेतावनी दी कि यदि संविधान से अनुच्छेद-35ए को हटाने की कोशिश की गई, तो कश्मीर घाटी में तिरंगे को थामने वाला कोई नहीं बचेगा। अरब-ईरान से आने वालों, जिनकी जड़ें अभी तक भी घाटी में नहीं जम सकीं, के बारे में

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं हुर्रियत कान्फ्रेंस कश्मीर की जनता का नहीं, बल्कि पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करती है। यदि मोदी सरकार को कोई बात भी करनी होगी, तो वह पाकिस्तान से सीधे कर सकती है। वह हुर्रियत के दलालों के माध्यम से बात क्यों करेगी? हुर्रियत कान्फ्रेंस के नेताओं की गिरफ्तारी कश्मीर

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं डोकलाम में जो कुछ हो रहा है, उस पूरे मामले में चीन का एक दूसरा तर्क भी है। उसका कहना है कि यदि डोकलाम का यह इलाका भूटान का भी है तो इसे लेकर चीन का भूटान से ही विवाद है। भारत की सेना इस विवाद में

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं लगता है कि 1912 में भीमराव अंबेडकर के अकाट्य तर्कों को सुन कर विदेशी विद्वानों ने तो भारतीय मन को न समझ पाने की अपनी असमर्थता को स्वीकार कर लिया था, परंतु भारत का अंग्रेजी भाषा का मीडिया अपनी इस असमर्थता को अभी भी स्वीकार कर लेने

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं ममता बनर्जी को तब तक इसकी चिंता नहीं होगी, जब तक उनको यह विश्वास बना रहेगा कि इन सीमांत इलाकों के मुसलमानों के सब वोट उन्हीं को मिलेंगे। यही कारण है कि जो भी उनसे इन इलाकों के हिंदुओं की दयनीय स्थिति की बात करता है, चाहे

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं चीन चाहता है कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा सुविधा को ही चीन के साथ अच्छे संबंधों का प्रमाण मान लिया जाए और सीमा विवाद पर भारत चीन को रियायत दे। लेकिन न तो यह 1962 है और न ही यह पंडित नेहरू की सरकार। इसके बावजूद