डा. कुलदीप चंद अग्रिहोत्री

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं मणि शंकर अय्यर पाकिस्तान में जाकर टीवी चैनल पर कहते हैं कि  यदि पाकिस्तान भारत के साथ मधुर रिश्ते चाहता है तो उसे मोदी सरकार को भारत की सत्ता से हटाना पड़ेगा  कार्यक्रम को संचालित कर रहे एंकरों को भी समझ नहीं आया कि इसमें पाकिस्तान क्या

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं फारुख अहमद धर और बाबा जान दोनों ही सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। पहले को जीप के बोनट पर बिठा कर छोड़ दिया गया और दूसरे को जिंदगी भर के लिए जेल में डाल दिया गया। वैसे यदि शुद्ध रूप में पार्थ चटोपाध्याय के शब्दों

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं कभी तमिलनाडु के पशु उत्सव जलीकट्टू पर इसलिए प्रतिबंध लगा दिया गया था कि इस उत्सव में बैलों को दौड़ाया जाता है । इसको पशुओं के प्रति क्रूरता कहा गया था, लेकिन गाय के एक बछड़े को बीच सड़क पर इस लिए काट दिया गया था क्योंकि

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं नेशनल कान्फ्रेंस के लोग सड़कों पर चिल्ला-चिल्ला कर गोगोई के लिए फांसी की मांग करने लगे। लेकिन इस पूरी रणनीति में एक पलीता लग गया। इसकी शंका शायद किसी को नहीं थी। न पत्थर ब्रिगेड को, न वीडियोग्राफी ब्रिगेड को और न ही

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं नरेंद्र मोदी ने भारतीय राजनीति को बदलने और महात्मा गांधी के उपरांत पहली बार उसे फिर से सामाजिकता और रचनात्मकता से जोड़ने की पहल की है। शायद कुछ लोगों को ध्यान होगा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद  जब वह पहली वार लाल किले

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं दिल्ली में उन दिनों आम चर्चा थी कि जब अन्ना हजारे ने मरण व्रत रखा था, तो केजरीवाल की ख्वाहिश थी कि वह व्रत न खोलें, शहीद हो जाएं ताकि केजरीवाल के हाथ भी अपनी पार्टी के लिए एक नया गांधी मिल जाता, जिसकी पीठ पर सवार

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं ये जो बंद दरवाजों के पीछे तलाक, तलाक, तलाक चिल्लाने के बाद अट्टहास कर रहे हैं, उनका कहना है कि उनका मजहब उन्हें अपनी पत्नी को केवल तीन बार तलाक शब्द के उच्चारण मात्र से पत्नी को छोड़ने का अधिकार देता है। कोई भी मजहब इस प्रकार

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं प्रेम नाथ डोगरा ने अनेक बार प्रजा परिषद का प्रतिनिधि मंडल लेकर दिल्ली में नेहरू से मिलने की कोशिश की, ताकि उन्हें प्रदेश के लोगों का पक्ष बता सकें। लेकिन लोकतंत्र का दम भरने वाले नेहरू ने उन्हें मिलने का समय नहीं दिया। वह जम्मू-कश्मीर का पक्ष

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं जम्मू-कश्मीर में जगमोहन राज्यपाल थे, तो उन्होंने कश्मीर घाटी में भी सुशासन की ओर काम करना शुरू कर दिया था। उससे आम जनता को विश्वास होने लगा था कि उनके मन में भी घाटी में कुछ करने की आशा है। लेकिन इससे वहां