प्रो. सुरेश शर्मा ,लेखक घुमारवीं से हैं

अल्पायु में अचानक यह संसार छोडऩे वाले डा. लाल चंद हिमाचल प्रदेश की लोक संस्कृति तथा संगीत जगत में एक शून्य पैदा कर गए हैं। हिमाचल प्रदेश में उनके सांगीतिक योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता। प्रदेश के संगीत समाज की ओर से उन्हें विनीत एवं विनम्र सांगीतिक श्रद्धांजलि… हिमाचल प्रदेश में अनेक कलाकारों,

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मूल वाक्य ‘नेशन फस्र्ट, करैक्टर मस्ट’ की परिभाषा को समझने तथा इसके लक्ष्य को प्राप्त करने में अभी हमें बहुत मेहनत करनी होगी। शिक्षा के अंतिम उत्पाद की गुणवत्ता ही शिक्षा की गुणवत्ता होती है। शिक्षा के वास्तविक लक्ष्य को पाने के लिए शिक्षा व्यवस्था, प्रशासन, शिक्षकों, अभिभावकों तथा समाज को

जहां इस प्रकार की अनैतिक, अवैध तथा घृणित घटनाएं हमें मानवीय दृष्टि से शर्मसार करती हैं, वहीं पर ये घटनाएं हमें डर तथा भय के साये में जीने के लिए विवश करती हैं। इन घटनाओं की सामाजिक रूप से कड़ी निंदा की जानी चाहिए तथा समाज में ऐसी घृणित एवं गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने

सभ्य तथा शालीन पर्यटक का तो प्रदेश की धरती पर स्वागत हो सकता है, परंतु ग़ैर-जि़म्मेदार, मनचले तथा असभ्य लोगों के लिए तो सख्त तथा मजबूत कानूनी डंडे की आवश्यकता है। पर्यटकों के लिए आचार संहिता की जरूरत है… हिमाचल प्रदेश की सुंदर धरती को कौन नहीं निहारना चाहता? इस प्रदेश का प्राकृतिक सौंदर्य अनायास

वर्तमान भौतिकवादी जीवन में सभी को योग एवं संगीत की आवश्यकता, महत्त्व तथा मूल्य का बोध हो रहा है। ईश्वर के द्वारा प्रदत्त इन दोनों जीवन अमूल्य निधियों का लाभ लेकर तन तथा मन को बाह्य एवं आंतरिक रूप से स्वस्थ एवं सुंदर बनाया जा सकता है। सभी निरोगी हों, सभी स्वस्थ रहें, यही भारतीय

यह गीत प्रदेश की संस्कृति तथा लोगों की भावनाओं को व्यक्त करता है। इस गीत की रचना पर भी गहन चिंतन एवं मंथन किया गया है… भारतवर्ष में कई राज्यों ने आधिकारिक रूप से अपने राज्य गीत को घोषित किया है जिनमें ग्यारह राज्य तथा एक केन्द्र शासित प्रदेश शामिल हैं। इन राज्य गीतों को

बेटियों के लिए भयमुक्त वातावरण तथा बेटों के लिए संस्कार युक्त जीवन सामाजिक सौहार्द, शांति तथा समरसता के लिए बहुत ही आवश्यक है। प्रत्येक व्यक्ति में विचारों की शुद्धता, मानसिक पवित्रता तथा आचरण में व्यावहारिकता आवश्यक है… किसी ज़माने में बहुत कम लड़कियां शिक्षण संस्थाओं में शिक्षा ग्रहण करती थी। विभिन्न विभागों में महिला कर्मचारियों

प्राध्यापकों के आक्रोश तथा नाराज़गी को अविलंब दूर किया जाना ज़रूरी है। अब आवश्यकता शिक्षा क्षेत्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू कर व्यवहार में लाकर इसे सफल बनाने की है… हिमाचल प्रदेश में सरकार के अधीनस्थ कार्य कर रहे सभी कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के सभी वित्तीय लाभ मिल चुके हैं, लेकिन प्रदेश

प्रदेश के इन युवा संगीत साधकों का दर्द समझा जाना चाहिए। इसी बहाने प्रदेश की जनता को भी अपने बच्चों को संगीत जैसे विषय को पढ़ाने का अवसर मिलेगा… संगीत के बिना जीवन अधूरा है या यूं कहें कि संगीत के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जाती है। संगीत के बिना शिक्षा, शिक्षण संस्थानों,

यह हत्यारे की व्यक्तिगत मानसिक विकृति है। सामाजिक रूप से बेटियों पर इस तरह के अत्याचार हमें सोचने पर मजबूर करते हैं। यह घटना बच्चों, युवतियों तथा महिलाओं की सुरक्षा में खतरे का संकेत है। ऐसे अपराधों में बालिकाओं को सचेत रहने के लिए जागरूक करना चाहिए… रोजी-रोटी, व्यापार, कारोबार तथा मेहनत-मजदूरी तथा अनेक उद्योगों