प्रो. सुरेश शर्मा ,लेखक घुमारवीं से हैं

हिमाचल प्रदेश में अब सत्ता परिवर्तन तथा नया राजनीतिक सवेरा हुआ है। नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू सामान्य परिवार से सम्बन्ध रखते हैं। मुख्यमंत्री प्रदेश के लोगों का दु:ख दर्द, उम्मीदें, आशाएं, अपेक्षाएं समझते हैं। उनके नेतृत्व में यह प्रदेश दिन दुगनी रात चौगुनी उन्नति कर देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में अपने आपको

किसी भी सूरत में नियमों की अनदेखी न हो। भाई-भतीजावाद न हो। किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार न फैले। लड़कियों तथा महिलाओं की सुरक्षा हो। सब ओर भयमुक्त वातावरण हो। सबका जीवन सुरक्षित हो। कानून व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त हो। हिमाचल प्रदेश की जनता की ओर से नई सरकार को बधाई एवं शुभकामनाएं। आशा है कि अपने

देश के इस चर्चित हत्याकांड में पुलिस अपनी कार्रवाई कर रही है तथा नित नवीन जानकारियां मिल रही हैं… आनलाईन चैटिंग, फिर डेटिंग, प्यार का ढोंग, तत्पश्चात लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले, शारीरिक भोग के पागलपन में चूर आफताब ने श्रद्धा के पैंतीस टुकड़े कर मानवता की धज्जियां उड़ाई कर रख दी हैं। इतिहास

आवश्यक है कि चुनाव प्रक्रिया को और अधिक सुगम, सुरक्षित, पारदर्शी तथा जवाबदेह बनाने के लिए चुनाव विभाग के अधीन स्ट्रांग रूम, सभागार, कार्यालय कक्ष तथा चुनावी मशीनों एवं चुनाव सामग्री को रखने की व्यवस्था हो। चुनाव विभाग के लिए आवश्यक भौतिक संसाधनों की स्थायी व्यवस्था से चुनाव प्रक्रिया को सम्पन्न करवाना अधिक सुविधाजनक होगा…

उनके निधन पर श्रद्धांजलि देने के लिए देश के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, उप निर्वाचन आयुक्त नितेश कुमार, हिमाचल प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने उनके पैतृक गांव कल्पा में जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। श्याम शरण नेगी प्रथम मतदाता के रूप में भारतीय लोकतंत्र की एक ऐतिहासिक पहचान तथा मिसाल बन चुके

एक दिन अपने सभी निजी काम-धंधे छोडक़र शत-प्रतिशत मतदान को प्राप्त करने में प्रशासन का सहयोग करें… भारतवर्ष दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है।स्वतंत्रता के पश्चात देश के प्रबुद्ध विचारकों, बुद्धिजीवियों, राजनेताओं एवं शिक्षाविदों ने इसकी राजनीतिक प्रणाली तथा व्यवस्था संचालन पर विचार किया तथा अपने संविधान का निर्माण किया। संविधान निर्माताओं ने अनेक

भारतीय चुनाव आयोग की उद्घोषणा होते ही हिमाचल प्रदेश में पांच वर्षों के बाद चुनाव का बिगुल बज चुका है। प्रदेश की विधानसभा के लिए 12 नवंबर 2022 को मतदान तथा आठ दिसंबर को मतगणना के पश्चात नई सरकार का स्वरूप सबके सामने होगा। इस चुनाव में 2848201 पुरुष, 2628555 महिला तथा 37 थर्ड जेंडर

राम नाटक हमारी सांस्कृतिक, सामाजिक तथा सामाजिक मूल्यों की विरासत एवं प्रतिबिंब है। वर्तमान समय में परंपरागत रूप से चल रहे रामनाटक के मंचन में भाग लेकर एवं दर्शक बन कर लोगों को आनंद लेना चाहिए तथा मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के आदर्शों से अपने जीवन को सफल बनाने का प्रयास करना चाहिए। आधुनिक

आवश्यक है कि शिक्षक अपने मान-सम्मान, गरिमा, पद और प्रतिष्ठा के लिए सचेत रहें… भारत की शिक्षण परंपरा गौरवमयी, उत्कृष्ट एवं श्रेष्ठतम रही है। प्राचीन काल से ही यह देश ऋषियों, मुनियों, तपस्वियों, साधु-संतों, मनीषियों तथा गुरुओं के सानिध्य, आशीर्वाद तथा ज्ञान कृपा से पोषित होता रहा है। गुरु को ब्रह्मा, विष्णु और महेश की

किसी भी परिस्थिति में बच्चों को शारीरिक दंड तथा मानसिक रूप से प्रताडि़त नहीं किया जाना चाहिए… एक समय था जब अध्यापकों पर विद्यार्थी, अभिभावक एवं सम्पूर्ण समाज बिना किसी शर्त के विश्वास करता था। उस समय देश में साक्षरता दर बहुत कम थी। शिक्षक तथा शिक्षण संस्थान न के बराबर थे। शिक्षक का मान-सम्मान