डा. वरिंदर भाटिया

यह आवश्यक है कि विद्यालय में पाठ्यक्रम और कार्यक्रमों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण में विद्यालयों की भूमिका को सुनिश्चित किया जाए… इस बार भी विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को मनाया गया। इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करना है। हालांकि आज के औद्योगीकरण के दौर में

हालांकि अगले चार महीनों में जिस तेजी से ये नोट बैंकों में जमा होंगे, वो एक बार फिर से 2016 में हुई नोटबंदी की यादों को ताजा कर सकते हैं। ये सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी का 1.3 फीसदी और मार्च महीने के आखिर तक सर्कुलेशन यानी चलन में रही नकदी का 10.8 फीसदी है।

महिलाओं के साथ जो यौन उत्पीडऩ, शोषण, भेदभाव होता है, उसका प्रभाव न केवल मानसिक रूप से पड़ता है, बल्कि इसके साथ-साथ उन पर किए जाने वाले यौन उत्पीडऩ का शारीरिक प्रभाव भी पड़ता है। क्या सब कुछ ऐसे ही चलता रहेगा? व्यवस्था विभागों से हर माह यौन शोषण की शिकायतों की डिटेल मांग ले, तो यह बेहतर होगा...

अमरीकी बैंकों पर आए संकट का असर भारत के आईटी सेक्टर पर भी पड़ेगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक इस बैंकिंग क्राइसिस से भारत का 20 लाख करोड़ रुपए से अधिक का आईटी बिजनेस मुश्किल में है। बड़े बैंकों के डूबने से इस सेक्टर की कमाई पर असर पड़ेगा। वित्तीय संकट के दृष्टिगत देश के वित्त

देश के लिए बढ़ती जनसंख्या एक वरदान है या फिर एक अभिशाप है, यह हमारे लिए एक सवालिया निशान है। हाल ही में संयुक्त राष्ट्र के जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत इस साल के मध्य तक चीन को पीछे छोड़ दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश बन जाएगा। इस साल के मध्य तक भारत

छात्रों के माता-पिता को अपनी सुविधा के अनुसार इन किताबों और स्कूल यूनिफॉर्म को किसी भी दुकान से खरीदने की स्वतंत्रता सुनिश्चित करनी होगी। इसके अलावा कोई भी निजी स्कूल कम से कम तीन साल तक स्कूल यूनिफॉर्म के रंग, डिजाइन या अन्य विशिष्टताओं को नहीं बदल सके, इस बात को यकीनी बनाना होगा… देश

इस बदइंतजामी के लिए कौन जिम्मेवार है? वृंदावन में अराजकता के लिए कौन जिम्मेवार है? वहां का प्रशासन श्री कृष्ण के भक्तों के साथ ज्यादतियों के लिए आंख क्यों बंद रखता है? जरूरत है वृंदावन में इंतजामों को बेहतर बनाने की। एक बेहतर कार्य योजना बनाई जाए ताकि आस्था की मर्यादा पर आंच न आए।

शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षक की भूमिका महत्त्वपूर्ण है। ज्ञानवान योग्य शिक्षकों की नियुक्ति और सेवा बनाए रखना महत्त्वपूर्ण है… उच्च शिक्षा की बदहाल सूरत को लेकर देश का बिहार राज्य ख़बरों में है। ताजातरीन तथ्य बताते हैं कि बिहार में चल रही 14 में से 8 यूनिवर्सिटीज और 591 में से 427 कॉलेजों को

शिक्षा क्षेत्र ने हाल के वर्षों में कई सुधार और परिवर्तन देखे हैं जो संभवत: दुनिया को एक ज्ञान स्वर्ग में बदल सकते हैं। विश्व के समग्र विकास में मानव संसाधन के तेजी से बढ़ते महत्व के साथ, भारत को शिक्षा के बुनियादी ढांचे के विकास पर मौजूदा दशक में मुख्य फोकस बनाए रखना चाहिए।

आज विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता के स्तर के निम्न होने के पीछे सबसे बड़ा कारण शिक्षक द्वारा गैर शैक्षणिक कार्यों में लगे रहना ही है। आज शिक्षक अन्य कार्यों के भार तले दब गया है तथा इनके पूर्ण न हो पाने पर कार्रवाई के डर के कारण वह अपने मूल कार्य से दूर ही