अपनी माटी

कृषि विभाग की योजनाएं किसानों के लिए वरदान साबित हो रही हैं। इन योजनाओं का फायदा लेकर किसान एक तरफ अपनी आर्थिकी को सुदृढ़ कर रहे हैं। वहीं आसपास सहित कई क्षेत्रों में लोगों को ताजी व हरी सब्जियां सस्ते रेटों पर उपलब्ध करवा रहे हैं। ऐसा ही कर दिखाया है सपड़ोह पंचायत के लोहारड़ा

मानसून के आने से वातावरण में नमी की अधिकता हो जाती है जिसके उपरांत पौधों में रोगों का प्रकोप भी दिखाई देने लगता है। सेब में स्कैब की समस्या जो लगभग समाप्त समझी जा रही थी। पछले वर्ष से हिमाचल प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में इसका प्रकोप दिखाई दिया है। इस वर्ष स्कैब रोग की

सब्जियों का राजा कहे जाने वाला आलू पिछले करीब पांच वर्षों की तुलना में इस समय अपने उच्चतम स्तर पर है। जिला सिरमौर के ऊपरी क्षेत्रों में आलू की नकदी फसल तैयार हो चुकी है। खेतों में आलू निकालने का दौर शुरू हो चुका है। इस वर्ष कई वर्षों के बाद आलू के दामों में

हिमाचल में इंश्योरेंस की अंतिम तिथि 15 जुलाई, जयराम  सरकार के पास फार्मर्ज का भरोसा जीतने की चुनौती हिमाचल में धान व मक्की की फसल का बीमा 15 जुलाई तक हो सकेगा। प्रदेश में यह योजना लाहुल व स्पीति और किन्नौर जिला को छोड़कर सभी जिलों के लिए है। जिलों को दो वर्गों में बांटा

बासमती चावल की घरेलू बाजार के अलावा विदेशी बाजार में भी बहुत अच्छी मांग है। पूसा-1121 और पूसा-1718 किस्मों के चावल में अनाज और खाना पकाने के गुणों का संयोजन होता है। आसान पाचनशक्ति और अच्छी सुगंध के कारण ये किस्में जीआई के तहत भी संरक्षित है। हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, जम्मू

गर्मियों के मौसम में प्रदेश के ऊपरी क्षेत्रों विशेषकर हिमालय की रेंज में प्राकृतिक तौर पर उगने वाला एक जंगली पौधा लुंगडू इस क्षेत्र में आमजन की रसोई में अपना विशेष स्थान रखता है। इसे लिंगड तथा खसरोड़ के नाम से भी जाना जाता है। प्रदेश में यह सब्जी अप्रैल-मई से अगस्त-सितंबर तक होती है।

यूं तो गोरक्षक होने का दम भरने वाले सैकड़ों होते हैं, लेकिन जो सच्चे गोरक्षक होते हैं, उनकी बात ही निराली होती है। अपनी माटी में इस बार हम अपने दर्शकों को कु छ ऐसी ही स्टोरी दिखाने जा रहे हैं,जो हर किसी की आंखें खोल देगी। तो आइए चलते हैं ऊना जिला में कुटलैहड़़

सेब सीजन की तैयारियों के संदर्भ मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में बैठक हुई। इस बैठक मे पूर्व बागवानी मंत्री वर्तमान में प्रदेश सरकार में मुख्य सचेतक नरेंद्र बरागटा भी शामिल हुए। बरागटा ने कहा कि इस बैठक में विभाग के अधिकारियों ने सेब सीजन की तैयारियों के संदर्भ में प्रेजेंटेशन दिया, जिसमें उन्होंने जानकारी

 वन नेशन, वन मार्केट के कई साइड इफेक्ट  मंडियों से बाहर खरीद फरोख्त से लेकर बैरियर शुल्क खत्म होने से हर साल होगा भारी घाटा  कर्मचारियों को पड़ सकते हैं वेतन के लाले, मंडियों के ठप होने की बढ़ी आशंका हिमाचल में मार्केटिंग बोर्ड को सालाना एक अरब का घाटा उठाना पड़ सकता है। कारण