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प्रो. एनके सिंह अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन सलाहकार वामपंथ से जुड़े पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार और संघ की वर्तमान अध्यक्ष आईशी घोष बात कर रहे हैं। किसी समय पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार मोदी या शाह या किसी अन्य व्यक्ति के बारे में गैर-जिम्मेदाराना तरीके से बात करते हैं। वास्तव में आंदोलन में शामिल अधिकांश छात्र

पीके खुराना राजनीतिक रणनीतिकार सत्या नडेला भारतीय मूल के हैं। वे अमरीका में रह रहे हैं और उन्हें माइक्रोसॉफ्ट जैसी वैश्विक बहुराष्ट्रीय कंपनी का सीईओ बनने का अवसर मिला। वह यह कहना चाह रहे हैं कि अन्य देशों के लोग यदि भारत में आएं तो उन्हें यहां की कंपनियों का सीईओ बनने का अवसर उपलब्ध

अनुज कुमार आचार्य लेखक, बैजनाथ से हैं केंद्र सरकार द्वारा एक जनवरी 2004 से और हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा 15 मई 2003 से ही लागू न्यू पेंशन स्कीम के दुखदाई परिणाम सामने आने के बाद से इस प्रणाली से जुड़ने वाले नियमित सरकारी कर्मचारियों में रोष है और जिन्हें हजार-दो हजार रुपए की मामूली पेंशन

भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक तकनीकी विकास से अर्थव्यवस्था में इस प्रकार के मौलिक परिवर्तन समय-समय पर होते रहते हैं। प्रसिद्ध अर्थशास्त्री जोसेफ  शुमपेटर ने इसे ‘सृजनात्मक विनाश’ की संज्ञा दी थी। जैसे पूर्व में घोड़ा गाड़ी चलती थी। एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने की रफ्तार लगभग 10 किलोमीटर प्रति घंटा होती थी। आज

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक हिमाचल प्रदेश सरकार को चाहिए कि वह खेल आरक्षण से सरकारी नौकरी लगे खिलाडि़यों के लिए अपनी ट्रेनिंग लगातार जारी रखने के लिए कम से कम पांच वर्षों का समय दिया जाए ताकि वे प्रदेश व देश को पदक जीत सकें। जिस विभाग में खेल आरक्षण से नौकरी लगा खिलाड़ी

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार नागरिकता संशोधन अधिनियम का विरोध करते-करते विपक्षी दलों का नेतृत्व कर रही ममता बनर्जी विरोध की वह लक्ष्मण रेखा पार कर गई लगती हैं। पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने का विरोध कर रही हैं… जो राजनीतिक दल

प्रो. एनके सिंह अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन सलाहकार यदि कुछ और नहीं तो कविता भारत में अपने उद्वरण के दुरुपयोग के कारण कलह का केंद्र बिंदु बन सकती है। नागरिकता कानून के निहितार्थ के मामले में भारत उबाल पर है और कविता को कुछ मामलों में संदर्भित क्रांति के समर्थन के रूप में उद्धृत किया गया है।

पीके खुराना राजनीतिक रणनीतिकार मोदी की कल्पनाशीलता और वाक्पटुता का आलम यह है कि विपक्षी दलों को कुछ भी सूझता ही नहीं और मोदी विकेट पर विकेट लिए जा रहे हैं या रन पर रन बनाए जा रहे हैं। विपक्षी दलों के विकेट गिर रहे हैं और मोदी रन लेते चल रहे हैं। नोटबंदी एक

भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक बीमार को भूख नहीं लग रही हो तो उसे घी देने से उसकी तबीयत और बिगड़ती है, सुधार नहीं होता है। अतः पहले परीक्षण करना चाहिए कि मंदी का कारण क्या है? और तब उसके अनुकूल दवा पर विचार करना चाहिए। निवेश और खपत का सुचक्र और कुचक्र दोनों ही स्थापित