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हेमांशु मिश्रा लेखक पालमपुर से हैं ईस्ट इंडिया कंपनी की जड़ें भारत में उनकी सैन्य ताकत और चालाक कूटनीति से मजबूत होती गईं और उनकी पहली चोट ग्रामीण आर्थिकी पर थी। किसान को कपास की बंपर फसल के बाद भी रुई भंडारण करने पर रोक लगा दी, कच्चे माल को ब्रिटेन पहुंचाया जाने लगा और

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार अयोध्या के इस साम्राज्य के उत्थान-पतन की लंबी कहानी है। लेकिन श्री रामचंद्र की शासन व्यवस्था इतनी उत्तम थी कि उनकी राज्य व्यवस्था भविष्य के शासकों के लिए भी नजीर बन गई। इसीलिए अनेक बार राजनीतिक दल अपने चुनाव घोषणा पत्रों में मतदाताओं से वायदा भी करते हैं कि

महाविद्यालय स्तर पर तथा विशेषकर विद्यार्थियों को सरकार तथा विश्वविद्यालय के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करना चाहिए। विपरीत परिस्थितियों में हो रही है ये परीक्षाएं अगर सफलतापूर्वक संपन्न हो जाती हैं तो प्रदेश में आगे आने वाले समय में शिक्षण संस्थान खोलने की दिशा में यह प्रयास कारगर साबित होगा। महाविद्यालयों में नए सत्र

स्वतंत्रता के 74 साल का सफर बड़ा ही जुझारू, मुश्किल तथा मेहनतकश रहा है।  पिछले सात दशकों में ग्रामीण बहुल क्षेत्र से शहरी बहुल क्षेत्र बनने में देश ने बहुत कुछ  खोया है, पर उससे कहीं अधिक पाया है और इसका प्रमाण देश की आजादी के समय से ही इसकी तरक्की के गवाह रहे 80

प्रो. एनके सिंह अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन सलाहकार विश्व में भारत का पहली बार नोटिस उस समय लिया गया जब अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में परमाणु विस्फोट किया गया। राजस्थान के पोखरण में हुए इस परीक्षण के बाद विश्व की नजर भारत की ओर गई। जिस दिन यह परीक्षण किया गया, उस दिन मैं ब्रूसेल्स

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक वृद्धि व विकास निरंतर उम्र भर जारी रहता है। शारीरिक विकास के विभिन्न पहलुओं में शरीर क्रिया विज्ञान, मनोविज्ञान व खेल प्रशिक्षण विज्ञान को ठीक ढंग से समझे बिना हम विश्व स्तरीय खेल परिणामों की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। मानव की वृद्धि व विकास जानने के लिए उसके

भानु धमीजा सीएमडी, दिव्य हिमाचल मोदी कभी राष्ट्रपति प्रणाली अपनाने की सोचें, इसकी संभावना नहीं, क्योंकि इससे उनकी शक्तियों में कटौती होगी। वर्ष 1970 के दशक में इंदिरा गांधी ने भी समान कारण के चलते वह प्रणाली अपनाने की अपनी योजना छोड़ दी थी। कांग्रेस नेता एआर अंतुले ने यह 1994 में स्वीकार किया :

किशन बुशैहरी लेखक नेरचौक से हैं जिस समय भी पुलिस प्रशासन निष्पक्ष हो जाएगा, पुलिस व राजनीति का यह परस्पर गठबंधन भी समाप्त हो जाएगा। परंतु वर्तमान परिस्थितियों में यह संभव नहीं है क्योंकि पुलिस के कार्य में राजनीतिक हस्तक्षेप को रोकने की चेष्टा का साहस प्रदेश के किसी भी पुलिस उच्चाधिकारी में नहीं है…

डा. वरिंदर भाटिया पूर्व कालेज प्रिंसिपल हमारा देश 130 करोड़ की विशाल जनसंख्या वाला देश है। इतनी आबादी देश के लिए समस्या भी है तो उसकी अपनी ताकत भी है। जनसांख्यिकीय लाभ भी हैं। विश्व का सबसे बड़ा बाजार भारत है, इस विशेषता को अपनी ताकत बनाकर हम आत्मनिर्भर बनें, स्वदेशी अपनाओ का केवल नारा