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पीके खुराना राजनीतिक रणनीतिकार जिस प्रकार मोदी का जलवा आंध्र प्रदेश में नहीं चला, वैसे ही पंजाब में भी मोदी लहर का कोई असर नहीं था। इसके दो मुख्य कारण हैं। पहला तो यह कि भाजपा पंजाब में है ही नहीं और दूसरा यह कि शिरोमणि अकाली दल की कार्यशैली से नाराज लोगों को कैप्टन

अनुज कुमार आचार्य बैजनाथ भारत में वायु प्रदूषण मौत की बड़ी वजह बनता जा रहा है। 2017 में ही भारत में तकरीबन 12 लाख लोगों की मौत वायु प्रदूषण की वजह से हुई है। अमरीका के हेल्थ इफेक्ट्स इंस्टीच्यूट की वायु प्रदूषण पर एक वैश्विक रिपोर्ट ‘स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2019’ में भारत में बढ़ते

डा. भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक   वित्तीय घाटे के निर्धारण में यह नहीं देखा जाता कि सरकार द्वारा इन दोनों में से कौन से खर्च किए जा रहे हैं। सरकार यदि अपने कर्मियों को बढ़ाकर वेतन दे और इसके लिए ऋण ले अथवा सरकार हाई-वे बनाने के लिए ऋण लेती है, तो दोनों ही हालात

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार इस बार सुखराम और वीरभद्र सिंह दोनों ही मंडी से भाजपा को उखाड़ने में एकजुट हो गए थे। दोनों को अपने परिवार, पुत्र / पौत्रों के भविष्य की चिंता थी, लेकिन मंडी के लोग इन दोनों परिवारों के पुत्र / पौत्रों का बोझ ढोते-ढोते हलकान हो रहे थे। बहुत

प्रो. एनके सिंह अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन सलाहकार बड़े स्तर पर मुसलमानों ने भी मोदी के पक्ष में मतदान किया, जिन्होंने राजनीति के गांधी मॉडल के स्थान पर मोदी मॉडल स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई। इस बात में कोई आश्चर्य नहीं है कि यूपी में एक महिला ने मोदी की प्रशंसा में अपने पुत्र का नाम

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक मंडी से नालागढ़ तक के इस सफर के 45 वर्षों में काफी कुछ सुधरा है। हिमाचल में अंतरराष्ट्रीय स्तर के एक नहीं तीन सिंथैटिक टै्रक हैं। कई धावक-धाविकाएं राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता हैं, कई राष्ट्रीय तकनीकी अधिकारी हैं। ऐसे में हम अपने धावक-धाविकाओं को अच्छा मंच तो

पीके खुराना राजनीतिक रणनीतिकार अमरीका के दबाव में हमने ईरान के तेल मंत्री तक को टरका दिया। छप्पन इंच की छाती के बावजूद अब हम तेल महंगा भी ले रहे हैं और उसका भुगतान भी विदेशी मुद्रा में हो रहा है। यह ज्यादा आश्चर्य की बात नहीं है कि देश के सिर पर मंडरा रहे

डा. भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक   इन सरकारी अनुदानों के सकारात्मक प्रभाव सामने आए हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कानसिन द्वारा किए गए एक शोध में पाया गया कि सरकारी अनुदान से प्रत्याशियों की संख्या में वृद्धि हुई है। साथ-साथ निवर्तमान प्रत्याशियों के निर्विरोध चयन होने की एवं पुनः जीतने की संभावना में गिरावट आई है। यानी

कुलभूषण उपमन्यु अध्यक्ष, हिमालय नीति अभियान   हिमाचल के संदर्भ में देखें, तो दो वर्ग आज तक मुख्य धारा की विकास प्रक्रिया से बिलकुल अछूते बने हुए हैं। इनमें एक हैं- घुमंतू विमुक्त जाति से संबंधित लोग और दूसरे हैं- वाल्मीकि समुदाय से जुड़े लोग। हिमाचल में घुमंतू विमुक्त जाति के लोग जिला चंबा और