अजय पराशर

अजय पाराशर लेखक, सूचना एवं जन संपर्क विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय, धर्मशाला में उप निदेशक हैं इसमें कोई दोराय नहीं है कि इस भवन के निर्माण तथा शीतकालीन सत्रों के आयोजन से निचले हिमाचल को नई पहचान मिली है। क्षेत्र का विकास तो हुआ ही है, लोगों की आर्थिकी में भी वृद्धि हुई है। सत्र के दौरान इन इलाकों

अजय पाराशर लेखक, सूचना एवं जन संप0र्क विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय, धर्मशाला में उप निदेशक हैं महात्मा गांधी ने प्रकृति द्वारा मनुष्य की तमाम जरूरतों को पूरा करने की बात कही है, लेकिन साथ ही उसे लालची बनने पर चेताया भी है। प्रकृति का दूसरा सबक है कि अगर हम उसका उत्पीड़न करेंगे और उसकी

अजय पाराशर लेखक, सूचना एवं जन संपर्क विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय, धर्मशाला में उप निदेशक हैं इसके अलावा कोई विकास योजना भी तब तक सफलता अर्जित नहीं कर सकती, जब तक स्थानीय लोग उसमें आवश्यक सहयोग प्रदान न करें। ऐसे में नशे को राज्य से जड़ से उखाड़ने के लिए न केवल क्रियान्वयन एजेसियों को

अजय पाराशर लेखक, सूचना एवं जन संपर्क विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय, धर्मशाला में उप निदेशक हैं विविधता संरक्षण में आर्द्रभूमियां बेहद अहम हैं, क्योंकि ये कई जीवों की शरणस्थली के रूप में कार्य करती हैं। इनके करीब रहने वाले बाशिंदों को पर्यटनोन्मुखी रोजगार के अलावा ईंधन के लिए लकडि़यां, फल, जड़ी-बूटियां, वनस्पतियां, चारा आदि आसानी