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रतन लाल ठाकुर स्कूल के समय वॉलीबाल, बास्केटबाल व एथलेटिक्स के साथ कबड्डी खेलते रहे। आर्मी से सूबेदार के पद से सेवानिवृत्त हुए बड़े भाई और सर्विसेज की ओर से प्रसिद्ध बॉक्सर रहे देवी राम ठाकुर को प्रेरणास्रोत मानते हुए और स्कूल में गुरु पीईटी कृष्ण लाल के नेतृत्व में उन्होंने कबड्डी  में आगे बढ़ना

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने घातक ड्रोन रुस्तम-2 का कर्नाटक के चित्रदुर्गा जिले में सफल परीक्षण किया है। तीनों सेनाओं के लिए डीआरडीओ का बनाया यह मानवरहित विमान मध्यम ऊंचाई में लंबी दूरी तक उड़ान भर सकता है। यह एक बार में लगातार 24 घंटे उड़ान भरने में सक्षम है। हथियारों को ले

गतांक से आगे… 1892 का इंडियन कौंसिल्ज अधिनियम: गवर्नर-जनरल की विधान परिषद अथवा भारतीय विधान परिषद में इस प्रकार  पांच और अतिरिक्त सदस्य शामिल किए गए, जिनमें से चार को प्रांतीय परिषदों के गैर-सरकारी सदस्यों द्वारा और  एक को कलकत्ता वाणिज्य मंडल द्वारा मनोनीत किया गया। यद्यपि चुनाव शब्द का जानबूझकर प्रयोग  नहीं किया गया,

किसी अच्छे इंजीनियर के पीछे उसके अध्यापक का बहुत हाथ होता है, लेकिन आजकल अच्छे अध्यापकों की बहुत कमी है। लोग रुचि से नहीं, बल्कि रोजगार के उद्देश्य से अध्यापक बन रहे हैं। ऐसे अध्यापकों के पास चाहे जितना भी ज्ञान क्यों न हो, वे विद्यार्थियों तक उस ज्ञान को नहीं पहुंचा पाते… भारतीय समाज में

एक गुर्जर ने वीर चंद के पास आकर कहा कि उसकी गाय नित्य पत्थर की एक शिला पर दूध की धार छोड़ती है। जब उसने वहां पहुंच कर शिला हटाई, तो उसके नीचे उसे दुर्गा की एक मूर्ति मिली… बिलासपुर इतिहास ः कहलूर (बिलासपुर) की वंशावली और परंपरा के अनुसार इस राज्य के संस्थापक के

1857 संग्राम की पहली चिंगारी कसौली की सैनिक छावनी में भड़की। 20 अप्रैल, 1857 ई. को अंबाला रायफल डिपो के छह सैनिकों ने कसौली में एक पुलिस चौकी में आग लगा दी। पुलिस चौकी जलकर राख हो गई। वास्तविक तौर पर यह विद्रोह सबसे पहले दस मई, 1857 को मेरठ से आरंभ हुआ था… जन

लाहुल के लोगों के लिए तांदी का महत्त्व वैसा ही है, जैसा हिंदुओं के लिए हरिद्वार। एक अन्य विश्वास के अनुसार महाभारत की द्रौपदी का दाह संस्कार यहां किया गया था। इस स्थान को तनदेही भी कहा जाता है (वह स्थान, जहां व्यक्ति अपना शरीर त्याग करता है)… तांदी यह चंद्र और भागा नदियों के

हिमाचल प्रदेश को यदि भारत का सांस्कृतिक प्रदेश कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी और कुल्लू तो हिमाचल की देवघाटी है। अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा पर्व के बाद कुल्लू के ऐतिहासिक मैदान ढालपुर में मनाए जाने वाला दूसरा उत्सव पीपल जातर मेला (वसंतोत्सव) प्रसिद्ध है… कुल्लू दशहरा: पूरे राज्य की भागीदारी में दशहरा उत्सव को ढालपुर