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दुर्गाष्टमी का हिंदू धर्म में बड़ा ही महत्त्व है। प्रत्येक माह में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर दुर्गाष्टमी व्रत किया जाता है। इसे मासिक दुर्गाष्टमी भी कहते हैं। इस दौरान श्रद्धालु दुर्गा माता की पूजा करते हैं और...

पूरे उत्तर भारत में अपनी पहचान बना चुका जिला सिरमौर का त्रिलोकपुर स्थित माता बालासुंदरी मंदिर लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। प्रसिद्ध शक्तिपीठ माता बालासुंदरी 51 शक्तिपीठों में से एक है।

रामनवमी एक ऐसा पर्व है जिस पर चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को प्रतिवर्ष नए विक्रमी संवत्सर का प्रारंभ होता है और उसके आठ दिन बाद ही चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी को एक पर्व राम जन्मोत्सव का, जिसे रामनवमी के नाम से जाना जाता है, समस्त देश में मनाया जाता है। इस देश की राम और कृष्ण दो ऐसी महिमाशाली विभूतियां रही हैं जिनका अमिट प्रभाव समूचे भारत के जनमानस पर सदियों से अनवरत चला आ रहा है। रामनवमी भगवान राम की स्मृति को समर्पित है। राम सदाचार के प्रतीक हैं और इन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है। रामनवमी को राम के जन्मदिन की स्मृति में मनाया जाता है। राम को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है जो पृथ्वी पर अजेय रावण (मनुष्य रूप में असुर राजा) से युद्ध लडऩे के लिए आए। राम राज्य (राम का शासन) शांति व समृद्धि की अवधि का पर्यायवाची बन गया है। रामनवमी के दिन श्रद्धालु बड़ी संख्या में उनके जन्मोत्सव को मनाने के लिए राम जी की मूर्तियों को पालने में झुलाते हैं। इस महान राजा की काव्य तुलसी रामायण में राम की कहानी का वर्णन है...

यूं तो देवभूमि हिमाचल में सैकड़ों मंदिर हैं, लेकिन उज्जैन महाकाल मंदिर के बाद देशभर में जिला कांगड़ा स्थित धरोहर गांव गरली चंबापतन ब्यास तट के किनारे विराजमान विश्व...

ओशो ठीक पूछा है। क्योंकि हम तो हर बात के लिए पूछेंगे कि किसलिए? कोई कारण हो पाने के लिए तो ठीक है, कुछ दिखाई पड़े कि धन मिलेगा, यश मिलेगा, गौरव मिलेगा, कुछ मिलेगा, तो फिर हम कुछ कोशिश करें। क्योंकि जीवन में हम कोई भी काम तभी करते हैं जब कुछ मिलने को

(प्रौढ़ावस्था एवं वृद्धावस्था) जे.पी. शर्मा, मनोवैज्ञानिक नीलकंठ, मेन बाजार ऊना मो. 9816168952 प्रौढ़ावस्था पचास साठ वर्ष के लगभग रहती है, जिसके उपरांत व्यक्ति वृद्धावस्था में प्रवेश करता है। प्रौढ़ावस्था में व्यक्ति बच्चों की शादियों के उपरांत उन्हें उनके व्यवसाय एवं गृहस्थ जीवन में स्थापित करके फारिग हो चुका होता है। अधिकांश लोग नौकरी से भी

स्वामी विवेकानंद गतांक से आगे… भारत के प्रति अनेको चिंताएं उनके मस्तिष्क में घुसी हुई थी। हाय भारत वर्ष, हाय पराधीन। रात-दिन उनका जहाज कोलंबो पहुंचा। सीलोन की राजधानी कोलंबो। बौद्धधर्म का देश। जहाज बंदरगाह में रुका। स्वामी जी उतरे और एक गाड़ी करके उन्होंने सारे शहर को देख लिया। कोलंबो से जहाज फिर चला।

* एक छोटे कप पानी में 5-10 कालीमिर्च और कसा हुआ अदरक का टुकड़ा डालें। इसे उबालने के बाद छानकर इसमें आधा चम्मच शहद मिलाकर गरमागर्म पीने से सर्दी, खांसी से आराम मिलता है। * गले में सूखेपन की समस्या को दूर करने के लिए कालमिर्च पाउडर को एक चम्मच देशी घी में मिलाकर सेवन

* मकड़ी भी नहीं फंसती अपने बनाए हुए जालों में, जितना आदमी उलझता है अपने बुरे ख्यालों में * अगर मेरी कामयाबी की परिभाषा मजबूत है, तो नाकामी कभी मुझसे आगे नहीं निकल सकती * सफलता की ऊंचाई पर हो तो धीरज रखना, पक्षी भी जानते हैं कि आकाश में बैठने की जगह नहीं होती